व्यावसायिक वातावरण

व्यवसाय की सफलता को प्रभावित करने वाले बहुत से आंतरिक और बाहरी तत्व है। व्यवसाय का आंतरिक तत्वों पर तो नियन्त्रण है, लेकिन बाहरी घटक जैसे - आर्थिक वातावरण, राजनीतिक वातावरण, सामाजिक सांस्कृतिक वातावरण, तकनीकी वातावरण और अंतराष्ट्रीय वातावरण आदि, व्यवसाय के नियंत्रण से बाहर है। व्यवसाय की सफलता काफी हद तक इस बात पर निर्भर करती है कि व्यवसयिक नीतियां बदलते बाहरी वातावरण के साथ कैसे बदल दी जाती है। इसमें वे सभी प्रयत्न शामिल किए जाते है, जो उत्पाद की क्वालिटी सुधारने, लागत कम करने, उपभोक्ता को अधिक सन्तुष्टि देने, पैकिंग को आकर्षक बनाने आदि से सम्बंधित है। 




Business Environment
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व्यवसाय की विशेषताएं

1) वस्तुओ तथा सेवाओ का आदान प्रदान - वयवसाय एक ऐसी आर्थिक क्रिया है जो मानवीय आवश्यकताओं की सन्तुष्टि के लिए वस्तुओ और सेवाओं का आदान प्रदान से सम्बंधित है। इसका अर्थ है कि यदि कोई व्यक्ति अपने व्यक्तिगत प्रयोग के लिए किसी वस्तु या सेवा का क्रय करता है तब यह क्रिया व्यवसाय नही कहलाएगी। 


2) लाभ उदेश्य - किसी भी व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य लाभ कमाने होता है, जो विनियोजित पूंजी पर उपयुक्त लाभ और लिए गए जोखिम के लिए उपयुक्त पुरस्कार का सूचक है। 


3) व्यवसयिक क्रियाओ में निरन्तरता - एक अकेली क्रिया वय से नही कहलाती। व्यवसाय शब्द का अर्थ नियमित कर्म में कई गई व्यवसयिक क्रियाओ की श्रंखला से है। 


4) उद्यमशीलता और जोखिम - व्यवसाय तेजी से बदलते हुए आंतरिक एवं बाहरी वातावरण में कार्य करता है। यह प्रबन्धकीय निर्णय लेने की क्रिया को कठिन बनाता है। इन परिवर्तनों का अनुमान लगाने में हुई छोटी सी गलती, व्यवसाय को जोखिम की और ले जाती हैं।


5) उपयोगिता का सृजन - वस्तुओ को समाज के लिए ज्यादा लाभदायक बनाने के लिए, व्यवसायी उपयोगिता का सृजन करता है। आर्थिक दृष्टि से उपयोगिता का सृजन कई प्रकार से होता है जैसे स्थान, रूप और समय की उपयोगिता का सृजन, स्थान उपयोगिता का सृजन, वस्तुओ को उत्पादन के स्थान से उपभोग के स्थान तक ले जाने से होता है। 


6) ग्राहक सन्तुष्टि - व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य लाभ कमाने होता है, लेकिन इसे ग्राहकों की सन्तुष्टि के बिना प्राप्त नही किया जा सकता। इसलिए व्यवसायी को अपने ग्राहकों की रुचि पसन्द और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर ही वस्तुओ और सेवाओं का उत्पादन करना चाहिए। 


7) मानवीय क्रिया - व्यवसाय एक मानवीय क्रिया है क्योंकि मानवीय साधन ही व्यवसाय के भौतिक साधनों, जैसे सामग्री, पूंजी तथा मशीनरी को पूर्ण रूप से उपयोग करने में सक्षम है। व्यवसाय की सफलता काफी सीमा तक मानवीय साधन के द्वारा भौतिक साधनों के अनुकूलतम उपयोग पर निर्भर करती है। 


8) विज्ञान एवं कला - व्यवसाय विज्ञान है, क्योंकि विज्ञान की तरह इसके नियोजित सिद्धान्त होते है, जो प्रयोगों पर आधारित होते है, और कारण परिणाम सम्बन्ध स्थापित करते है। व्यवसाय को कला भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें केवल सिद्धान्त बनाये ही नही जाते, बल्कि सर्वोत्तम प्रयोग के बारे में भी बताया जाता है। 


9) विस्तृत क्षेत्र - व्यवसाय का क्षेत्र बहुत विस्तृत है। इसमें उत्पादन, वितरण, यातायात, बैंकिंग, बीमा, संचार, विज्ञापन, अनुसन्धान आदि सभी को शामिल किया जाता है। 

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