वातावरण विश्लेषण और इसके उद्देश्य
(Environmental Analysis and Objectives of Environmental Analysis)


वातावरण विश्लेषण (Environmental Analysis)

व्यवसाय आर्थिक, तकनीकी, राजनीतिक, सामाजिक, कानूनी, प्राकृतिक तथा अंतर्राष्ट्रीय तत्वों आदि से प्रभावित होता है। इन तत्वों का व्यवसाय पर प्रभाव जानने के लिए, वातावरण विश्लेषण की जरूरत होती है जो व्यावसायिक इकाइयां व्यवस्थित रूप से वातावरण का अध्यन करती है, वे उन इकाइयो की तुलना में अधिक प्रभावशाली होती है, जो वातावरण का अध्यन नही करती। वातावरण विश्लेषण व्यवसाय को प्रभावित करने वाले तत्वों का सावधानीपूर्वक अध्यन है। यह एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा व्यावसायिक इकाई अपने वातावरण का अध्यन करती है, ताकि व्यापार को मिलने वाले अवसरों या चुनोतियो को समय परर पहचाना जा सके। यदि मिलने वाले अवसरों को समय पर पहचान लिया जाए, तो उन अवसरों का लाभ उठाने के लिए उचित समय पर कदम उठाए जा सकते है। इसी तरह से यदि भविष्य में कोई चुनोती आने वाली है, तो समय पर उसको पहचानना जरूरी है, ताकि उन चुनोतियो का सामना करने के लिए समय पर रणनीति बनाई जा सके। 




Environmental Analysis and Objectives of Environmental Analysis
Environmental Analysis and Objectives of Environmental Analysis


वातावरण विश्लेषण के उद्देश्य
(Objectives of Environmental Analysis)

1) वातावरण में विद्यमान और भावी परिवर्तनों को जानना - वातावरण की जानकारी बहुत जरूरी है। वातावरण में कई ऐसे तत्व है, जो व्यवसाय को निरन्तर प्रभावित करते है, जैसे आर्थिक तत्व, तकनीकी तत्व, राजनीतिक तत्व, अंतराष्ट्रीय तत्व आदि। इन तत्वों में निरन्तर परिवर्तन आते रहते है। व्यवसाय को ठीक ढंग से चलने के लिए इन तत्वों और इनमे होने वाले परिवर्तनों को जानना बहुत जरूरी है। 


2) निर्णय लेने के लिए आवश्यक सूचनाएं प्रदान करना - निर्णय लेने से अभिप्राय उपलब्ध विकल्पों में से सर्वोत्तम विकल्प का चयन करने से है। व्यवसाय में किसी काम मे कई विकल्प उपलब्ध हो सकते है। इनमे से सर्वोत्तम विकल्प का चयन करने के लिए पहले सभी विकल्पों के विश्लेषण किया जाता है। इस विश्लेषण में हमे इन विकल्पों के बारे में विभिन्न सूचनाओं की जरूरत होती है। ये सूचनाएं हमे वातावरण विश्लेषण से मिलती है। 


3) उचित रणनीति का निर्माण करना - वातावरण विश्लेषण व्यापार के अवसरों व चुनोतियो का अध्यन करके, व्यवसाय की रणनीति और दीर्घकालीन योजनाओं को बनाने में मदद करता है। उदहारण के लिए तकनीक में सुधार होने पर, प्रतियोगी की रणनीति को समझने पर, वातावरण के विभिन्न घटकों का पता लगने पर, हमे शीघ्रता से अपनी रणनीतियों में आवश्यक बदलाव लाना चाहिए। ये सारी जानकारी हमे वातावरण विश्लेषण से प्राप्त होती है। 


4) साधनों का कुशलतम प्रयोग करना - व्यवसाय के साधनों का कुशलतम प्रयोग ही व्यवसाय  की सफलता व एकमात्र उपाय है। साधनों के कुशलतम प्रयोग के लिए व्यवसाय की शक्तियों और दुर्लभताओ का पता लगाया जाता है तथा वातावरण में उपलब्ध अवसरों व चुनोतियो को ध्यान में रखकर उचित कदम उठाए जाते है। ताकि वातावरण में आये अवसरों का पूरा लाभ लिया जा सके, और चुनोतियो का सामना किया जा सके। अवसरों का लाभ उठाने तथा चुनोतियो का सफलतापूर्वक सामना करने से, हम व्यवसाय के संसाधनों का सर्वोत्तम प्रयोग कर पाते है। 


5) अन्य उद्देश्य - वर्तमान व भविष्य के अवसरों और चुनोतियो का पता लगाना, व्यवसाय की शक्तियों और कमियो का पता लगाना, व्यवसाय का नए क्षेत्रो में विविधीकरण करना तथा व्यवसाय को गतिशील बनाना, व्यावसायिक वातावरण के विभिन्न घटकों में हुए परिवर्तनों का व्यवसाय पर प्रभाव जानना। 


अतः वातावरण विश्लेषण व्यावसायिक इकाई के वातावरण के बारे में तथा इसमें आने वाले बदलाव के बारे में और इन बदलावों के व्यवसाय पर पड़ने वाले प्रभावों का पता लगाने में सहायक होता है। इन जानकारियों के आधार पर हम उचित समय पर अपनी योजनाएं और नीतियां बना सकते है। 

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