कृषि आय क्या होती है और कृषि आय के प्रकार क्या क्या है
हेलो दोस्तों।
आज के पोस्ट में हम कृषि आय से सम्बंधित जानकारी जानेंगे।
कृषि आय (Agricultural Income)
सामान्यत कृषि कार्य करने से होने वाली उपज से जो आय होती है उसे कृषि आय कहते है।
कृषि आय की परिभाषा को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जा सकता है :
(i) कोई किराया अथवा लगान जो ऐसी भूमि से प्राप्त हो जो भारत मे स्थित है तथा कृषि के कामों में लायी जाती है।
(ii) ऐसी भूमि आय जो कृषि क्रिया या कपनी उपज को विक्रय योग्य बनाने वाली क्रिया करने से हो या अपनी उपज को बेचने से हो।
(iii) खेत के मकान से कोई आय।
इस बात पर जरूर ध्यान दे :
निम्न शर्ते पूरी होने पर ही भूमि से आय कृषि आय मानी जायगी।
1. भूमि भारत मे स्थित होनी चाहिए। यदि भूमि भारत से बाहर स्थित है तो इसकी कृषि आय नही मानी जायगी।
2. भूमि का प्रयोग कृषि कार्यों के लिए होना चाहिए मतलब की भूमि को जोतना, पानी देना, बीज बोना आदि क्रियाएं की जानी चाहिए। अतः भूमि पर स्वतः उग आई घास बेचने से आय कृषि आय नही है।
3. भूमि से आय प्राप्तकर्ता का भूमि में हित होना चाहिए। भू स्वामी का किरायेदार या भोग बन्धकदार का ही हित भूमि में माना जाता है। अतः तैयार फसल को खरीदकर उसे काटकर बेचने वाले कि आय कृषि आय नही होगी।
4. कृषि से प्रत्यक्ष आय ही कृषि आय मानी जाती है। कृषि से अप्रत्यक्ष आय कृषि नही है।
कृषि आय के प्रकार (Kinds of Agricultural Income)
1. किराया या लगान - जब भूमि का स्वामी कृषि कार्य मे उपयोग करने के लिये भूमि का अधिकार किसी अन्य व्यक्ति को दे देता है तो उसके बदले में उसे जो किराया या लगान मिलता है वह उसकी कृषि आय होती है।
2. कृषि कार्यों से आय - कृषि कार्यों से आशय भूमि को जोतना, पानी देना, बीज बोना आदि से है। यदि भूमि पर कृषि कार्य नही किया गया है और भूमि से आय प्राप्त हुई है तो इसे कृषि आय नही कहा जा सकता। भूमि पर खुद जो पेड़ पौधे उग आते है, उनसे होने वाली आय कृषि आय नही कही जा सकती, क्योकि उनके पैदा करने में कृषि की कोई क्रिया नही की गई है।
3. पैदावार को बेचने योग्य बनाने से आय - किसान की जो उपज है यदि वह उपज उसी रूप में बाजार में न बिक सके तो उसको बेचने योग्य बनाने के लिए जो कार्य किया जाता है उससे जो आय होती है वह भी कृषि आय कहलाती है।
4. उपज बेचने से आय - किसान या लगान प्राप्तकर्ता अपनी उपज को यदि नियमित रूप से दुकान लेकर भी बेचता है तो दुकान की आय कृषि आय कहलाती है।
5. खेत के मकान से आय - किसी खेत के मकान से आय को कृषि आय तब माना जाता है जब उस मकान का स्वामी भू स्वामी या भूमि का किरायेदार हो तथा यह मकान इसके उपयोग में है।
6. नर्सरी में उगाए गए छोटे पौधे या बीज से उतपन्न किया हुआ छोटा पौधा बेचने से आय कृषि आय मानी जाती है।
अन्य शर्तें -
(i) यह मकान कृषि भूमि पर या उसके बिल्कुल निकट स्थित है।
(ii) वह इस मकान को अपने रहने या भंडारघर के रूप में प्रयोग कर रहा है।
(iii) मकान की भूमि पर लगान या स्थानीय कर लगता है। यदि उस भूमि पर लगान या स्थानीय कर नही लगता तो भूमि गैर शहरी क्षेत्र में स्थित होनी चाहिए, भूमि नगरपालिका या छावनी बोर्ड में स्थित है तो वहां की जनसंख्या 10,000 से कम होनी चाहिए।
यदि भूमि पर लगान या स्थानीय कर नही लगता और खेत का मकान लिखे क्षेत्र में स्थित है तो ऐसे मकान की आय कृषि आय नही होगी।
भूमि आकाशीय मार्ग से नापने पर निम्न क्षेत्र में स्थित है :
(i) स्थानीय सीमा से दो किलोमीटर क्षेत्र में, यदि वहां की जनसंख्या दस हजार से अधिक है परन्तु एक लाख से अधिक नही है।
(ii) स्थानीय सीमा से छः किलोमीटर क्षेत्र में, यदि वहां की जनसंख्या एक लाख से अधिक है परन्तु दस लाख से अधिक नही है।
(ii) स्थानीय सीमा से आठ किलोमीटर क्षेत्र में, यदि वहां की जनसंख्या दस लाख से अधिक है।
एक टिप्पणी भेजें