व्यावसायिक वातावरण के घटक हिंदी में


हेलो दोस्तों। 

आज हम व्यावसायिक वातावरण के घटकों के बारे में बात करेंगे।
 

व्यावसायिक वातावरण के दो मुख्य संघटक या प्रकार है :

1. आंतरिक वातावरण

2. बाहरी वातावरण


आंतरिक वातावरण (Internal Environment)

आंतरिक वातावरण में व्यवसाय को प्रभावित करने वाले उन आंतरिक तत्वों को शामिल किया जाता है, जो व्यवसाय के नियंत्रण में हो। यह वातावरण संगठन के अंदर ही पाया जाता है। इसमें व्यवसाय के उद्देश्यों, प्रबन्धकीय नीतियों, संगठन के विभिन्न विभागों, प्रबन्ध तथा संस्था के कर्मचारी, कर्मचारी प्रबन्ध सम्बन्ध, उच्च प्रबन्ध की दूरदर्शिता, संगठन व अनुसन्धान एवं विकासात्मक क्रियाएं, संगठन में कार्य की दशाय, मानवीय साधनों की वचनबद्धता एवं मनोबल, वित्तीय साधनों की उपलब्धता आदि को शामिल किया जाता है। आंतरिक वातावरण में 5 Ms को भी शामिल किया जाता है। इसका मतलब की Man, material, money, machinery, management। 



व्यावसायिक वातावरण के घटक हिंदी में
व्यावसायिक वातावरण के घटक हिंदी में





आंतरिक वातावरण के अंतर्गत जो तत्व आते है वो इस प्रकार है :

1. वित्तीय साधन

2. भौतिक व मानवीय साधन

3. व्यवसाय के उद्देश्य

4. प्रबन्धकीय नीति

5. मानवीय साधनों का मनोबल एवं वचनबद्धता

6. कार्य परिस्तिथियाँ

7. ब्राण्ड व संस्थागत छवि

8. श्रमिक प्रबन्ध सम्बन्ध

9. तकनीकी तथा अनुसन्धान सम्बन्धी योग्यताएं

10. प्रवर्तकों की सोच



बाहरी वातावरण (External Environment)

बाहरी वातावरण उन बाहरी तत्वों से सम्बंधित है, जो व्यवसाय के आस पास पाये जाते है, और व्यवसाय को प्रभावित करते हैं। इन तत्वों पर व्यवसायी का कोई प्रत्यक्ष नही होता। बाहरी वातावरण में उन सभी तत्वों को शामिल करते हैं जो व्यवसाय के लिए अवसर लेकर आते है या चुनोतियाँ उतपन्न करते है। व्यवसाय की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह अपने बाहरी वव्यावसायिक वातावरण को समझे तथा उसके अनुसार अपनी नीतियों में बदलाव लाएं। मतलब कि व्यवसायी को अपने आस पास के वातावरण के बारे में सतर्क रहना चाहिए, तथा जल्दी ही अपने व्यवसाय को वातावरण की आवश्यकताओं के अनुसार ढाल लेना चाहिए। 


बाहरी वातावरण दो प्रकार के होते है :

1. व्यष्टि वातावरण

2. समष्टि वातावरण


1. व्यष्टि वातावरण  (Micro Environment)

व्यष्टि वातावरण में व्यावसायिक इकाई के तत्कालीन वातावरण को शामिल किया जाता है जो व्यवसाय के निष्पादन को सीधा प्रभावित करता है। इसके अंतर्गत बहुत से तत्वों को शामिल किया जाता है ये तत्व एक उद्योग की विभिन्न फर्मों को अलग अलग तरह से प्रभावित कर सकते है। कुछ माइक्रो तत्व विभिन्न इकाइयों को एक ही तरह से प्रभावित करते हैं और कुछ माइक्रो तत्व विभिन्न इकाइयों को अलग अलग तरह से प्रभावित करते है। अर्थात ऐसा सम्भव है कि कोई माइक्रो तत्व उद्योग की एक इकाई को तो प्रभावित कर रहा है, और उसी उद्योग की अन्य इकाई को प्रभावित नही कर रहा है। 



इसके अंतर्गत जो तत्व शामिल होते है वो इस प्रकार है:

(i) पूर्तिकर्ता

(ii) ग्राहक

(iii)  बाजार मध्यस्थ

(iv) प्रतियोगी इकाइयां

(v) जन समूह



2. समष्टि वातावरण (External Environment)

समष्टि वातावरण का अभिप्राय व्यवसाय के सामान्य वातावरण से है। समष्टि वातावरण के घटक व्यवसाय के नियंत्रण से बाहर होते हैं। वयवसाय का अस्तित्व और विकास इस बात पर निर्भर करता है, कि व्यवसाय कितनी तेजी से अपने आपको समष्टि वातावरण के बदलते तत्वों के अनुसार ढाल लेता है। समष्टि वातावरण के बहुत से ऐसे तत्व होते है जो व्यवसाय को प्रभावित करते हैं। इस वातावरण में आने वाला अनुकूल बदलाव व्यवसाय के लिए नए अवसर लेकर आता है, जबकि इस वातावरण में आया प्रतिकूल बदलाव व्यवसाय के लिए हानिकर सिद्ध होता है। 



समष्टि वातावरण में पाये जाने वाले मुख्य घटक इस प्रकार है :

(i) आर्थिक

(ii) राजनीतिक

(iii) सामाजिक-सांस्कृतिक

(iv) तकनीकी

(v) प्राकृतिक

(vi) जनांकिकीय

(vi) अंतर्राष्ट्रीय

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