आय कर क्या होता है और आय कर की विशेषताएं क्या है


हेल्लो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम आय कर के बारे में जानेंगे। 


आय कर (Income Tax)

आय कर केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया एक अति महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष कर है। केंद्रीय बजट में आय कर से सम्बन्धित परिवर्तनों का प्रभाव केवल साधारण नागरिक पर ही नही होता है बल्कि शेयर बाजार, पूंजी निवेश, बैंक जमा तथा जीवन बीमा व्यवसाय तक को भी यह प्रभावित करता है। सरकार की वित्तीय नीति से इन सबका गहरा सम्बन्ध है।



आय कर क्या होता है और आय कर की विशेषताएं
आय कर क्या होता है और आय कर की विशेषताएं




आय कर आय पर लगने वाला एक वार्षिक कर है। यह प्रत्येक वर्ष में करदाता द्वारा वर्ष भर में कमाई गयी कर योग्य आय पर लगाया जाता है। कर योग्य आय का निर्धारण आय कर अधिनियम के अनुसार किया जाता है।
 



कर योग्य आय में से कर मुक्त सीमा तक कि आय घटा कर शेष बची हुई आय पर निर्धारित दरों से आय कर चुकाया जाता है। जैसे यदि किसी व्यक्ति की कुल कर योग्य आय 6,80,000 रुपये है तो 2,50,000 रुपये घटा कर शेष 4,30,000 पर निर्धारित दरों से वह आय कर चुकाएगा। 


करदाता कई प्रकार के होते है जैसे एक व्यक्ति, फर्म, हिन्दू अविभाजित परिवार, कंपनी, व्यक्तियों के समुदाय, सहकारी समिति, ट्रस्ट आदि। 


आय कर किसे देना होता है - प्रत्येक ऐसे व्यक्ति को जिसकी गत वित्तीय वर्ष की कर योग्य आय कर मुक्त सीमा से अधिक हो, चालू वित्तीय वर्ष में लागू दरों से आय कर देना होता है।



आय कर की विशेषताएं (Characteristics of Income Tax)

1. प्रत्यक्ष कर - आय कर एक प्रत्यक्ष कर है। प्रत्यक्ष कर से तातपर्य उस कर से हौ जिसका भार उस व्यक्ति पर पड़ता है जो उसे चुकाता है। 


2. केंद्रीय कर - आय कर केंद्र सरकार द्वारा लगाया एवं वसूल किया जाता है।


3. कुल आय पर कर - कर कुल आय पर लगाया जाता है। इसे कर योग्य आय भी कहते है। कुल आय की गणना अधिनियम में दिए गए प्रावधानों के अनुसार की जाती है। 


4. प्रगतिशील कर की दरें - एक व्यक्ति, हिन्दू अविभाजित परिवार, व्यक्तियों का संघ की सम्पूर्ण आय पर एक दर से कर नही देना होता। जैसे जैसे आय बढ़ती जाती है कर की दर भी बढ़ती जाती है। आय कर की दर न्यूनतम 10 प्रतिशत तथा अधिकतम 30 प्रतिशत है। 


5. अधिभार - आय कर की राशि पर अधिभार भी लगाया जाता है। 


6. शिक्षा उपकर - सभी करदाताओं को आय कर एवं अधिभार की राशि पर 3 प्रतिशत की दर से शिक्षा उपकर देना होगा। 


7. प्रशासन - आय कर लगाने एवं वसूल करने का कार्य आयकर विभाग द्वारा किया जाता है  यह विभाग प्रत्यक्ष करों के केंद्रीय बोर्ड के नियंत्रण में कार्य करता है। 



आय पर कर लगाने का आधार तथा विधि

करदाता की कुल कर योग्य आय की गणना उसकी निवासीय स्थिति के आधार पर निम्न पांच शीर्षकों में वर्गीकृत करके की जाती है

(1) वेतन से आय

(2) मकान सम्पति से आय

(3) व्यापार तथा पेशे के लाभ

(4) पूंजी लाभ

(5) अन्य साधनों से आय।


एक करदाता की कुल कर योग्य आय तथा उसके द्वारा देय कर की गणना करने के लिए क्रमवार निम्न विधि अपनायी जाती है:

(1) ऊपर दिए गए आय के प्रत्येक शीर्षक में आय को वर्गीकृत करके उसी शीर्षक में स्वीकृत कटौतियों को घटाने के बाद शेष राशि उस शीर्षक की शुद्ध कर योग्य आय होगी। 


(2) प्रत्येक शीर्षक की शुद्ध कर योग्य आय के योग को सकल कुल आय कहते है। 


(3) सकल कुल आय में से उन कटौतियों को घटाने पर जो राशि शेष बचेगी वह कुल आय या कुल कर योग्य आय कहलाती है। 


(4) इसके बाद कुल कर योग्य आय पर निर्धारित दरों से कर की गणना की जाती है।  

Post a Comment