मकान सम्पति शीर्षक के अंतर्गत करयोग्य आय के बारे में जाने (Taxable Income Under The Head of House Property)
हेलो दोस्तों।
मकान सम्पति - मकान सम्पति से आय आय का दूसरा शीर्षक है। इसमें उन मकानों या उसमे लगी हुई जमीनों के वार्षिक मूल्यों पर आय कर लगाया जाता है जिनका करदाता स्वामी है। इस शीर्षक में केवल वही मकान कर योग्य होते है जो किराए पर उठाए गए हो, या खुद के रहने के लिए प्रयोग हो रहे हो, या अंशतः खुद के प्रयोग के लिए हो और अंशतः किराए पर उठाए हुए हो, परन्तु वे मकान इस शीर्षक में करयोग्य नही है जिन्हें करदाता अपने ही व्यापार में प्रयोग करता है।
मकान सम्पति शीर्षक के अंतर्गत करयोग्य आय के बारे में जाने |
उपर्युक्त परिभाषा में निम्न महत्वपूर्ण बातें है :
1. भवनों या मकानों या उनसे लगी हुई जमीनों पर - इस शीर्षक में मकानों, भवनों तथा उनसे लगी हुई जमीनों की आय पर कर लगता है। वह जमीन, जो किसी मकान या भवन के साथ न लगी हो, की आय को अन्य साधनों से आय शीर्षक में सम्मिलित किया जाता है। मकान से लगी हुई भूमि में मकान का कंपाउंड, खेल का मैदान, सब्जी का बगीचा आदि शामिल है।
2. वार्षिक मूल्य पर - करदाता को अपने मकानों या उनसे लगी हुई जमीनों के वार्षिक मूल्य के आधार पर कर देना होता है, किराए की आय पर नही। वार्षिक मूल्य की परिभाषा आगे दी गयी है।
3. करदाता का उस मकान सम्पति का स्वामी होना - करदाता मकान का स्वामी होना चाहिए। यदि किसी करदाता के पास कोई मकान पट्टे पर है तो उसे पुनः किराए पर उठाने से करदाता को जो आय होती है वह मकान शीर्षक में कर योग्य नही होती है अन्य साधनों से आय शीर्षक में आती है।
4. अपने किसी व्यापार या पेशे के लिए प्रयोग करता हो - यदि कोई मकान करदाता अपने ऐसे व्यापार या पेशे के लिए प्रयोग करता है जिसका लाभ आय कर अधिनियम के अंतर्गत करयोग्य है तो ऐसे मकान पर मकान सम्पति से आय के शीर्षक में कोई कर नही लगेगा। ऐसा मकान व्यापार शीर्षक में आयेगाड परन्तु वहां भी उसकी कोई आय नही मानी जायेगी तथा उसके व्यापार में प्रयोग करने का कोई किराया भी व्यय के रूप में स्वीकार नही किया जाएगा। ऐसे मकान के सम्बंध में ह्रास, मरम्मत आदि व्यय स्वीकृत होंगे।
5. यदि व्यय व्यापारिक संस्था के कुछ मकान है जो उसने किराए पर उठाए गए है तो उन मकानों से आय मकान सम्पति से आय शीर्षक की आय मानी जायेगी।
मकान सम्पति की कर मुक्त आय
मकान सम्पति की कर मुक्त आय दो प्रकार की होती है एक वे आय जो न सकल कुल आय में शामिल की जाए दूसरी वे आय जो करदाता की सकल कुल आय में तो शामिल होती है परन्तु वे कुल आय में शामिल नही होती। इन्हें हम सही से समझते है :
पूर्णतया कर मुक्त आय
(i) कृषि भूमि पर या उसके पास स्थित मकान से आय
(ii) भारतीय रियासत के राजा के एक महल का वार्षिक मूल्य
(iii) स्थानीय प्राधिकरण, वैधानिक शोध संघ, ट्रेड यूनियन, पुण्यार्थ ट्रस्ट, राजनीतिक पार्टी, अस्पताल या अन्य चिकित्सा संस्थान एवं विश्विद्यालय अन्य शिक्षा संस्था जिसका उद्देश्य लाभ कमाना नही है।
(iv) करदाता द्वारा अपने ही व्यापार या पेशे में प्रयोग होने वाले मकान स आय।
(v) खुद के रहने के मकान से आय।
(vi) ऐसे मकान से आय जो खुद के लिए रखा हुआ है परन्तु नौकरी, व्यापार या पेशा अन्य किसी स्थान पर होने के कारण वह इस मकान में पूरे गत वर्ष न खुद रह सका और न उसने इस मकान से कोई अन्य लाभ प्राप्त किया है।
सकल कुल आय में से कटौती योग्य आय
(i) एक सहकारी समिति द्वारा वस्तुओं को भंडार करने के लिए गोदाम किराए पर देने से आय।
(ii) एक सहकारी समिति की मकान सम्पति से आय यदि समिति की सकल कुल आय 20,000 ₹ से अधिक न हो और वह समिति मकान बनाने वाली या शहरी उपभोक्ता समिति या यातायात समिति या शक्ति के प्रयोग से वस्तुएं निर्मित करने वाली समिति नही हैं।
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