Tax Planning in Relation to Income From House Property in Hindi



हेलो दोस्तों

आज के पोस्ट में हम मकान सम्पत्ति से आय के सम्बन्ध में कर नियोजन के बारे में समझेंगे।


मकान सम्पत्ति से आय के सम्बन्ध में कर नियोजन (Tax planning in relation to income from house property)

1. मकान सम्पत्ति ऋण लेकर बनवामी या खरीदनी चाहिए क्योंकि ऐसे ऋण का सम्पूर्ण ब्याज स्वीकृत व्यय माना जाता है और मकान सम्पत्ति की करयोग्य आय कम हो जाती है।




Tax planning in relation to income from house property in hindi
Tax planning in relation to income from house property




2. यदि मकान में खुद भी रहना हो तो भी मकान बनवाने या खरीदने के लिए ऋण लेना चाहिए क्योंकि ऐसे मकान के सम्बन्डब में ऋण का ब्याज 2,00,000 ₹ तक स्वीकृत होता है और इस मकान से जो हानि बन जाती है वह अन्य आय में से घटा दी जाती है।




3. यदि करदाता के पास अपना खुद का धन हो तो भी उसे मकान बनाने के लिए ऋण ले लेना चाहिए और अपना धन किसी कर मुक्त प्रतिभूति में विनियोग कर देना चाहिए।


4. यदि मकान के लिए ऋण विदेश से लिया जाए तो उसका ब्याज भुगतान करते समय उद्गम स्थान और कर की कटौती करके सरकारी कोष में जमा कर देना चाहिए, नही तो यह ब्याज कटौती योग्य होगा।


5. यदि किसी करदाता के पास यह विकल्प हो कि वह अपना मकान किराए पर उठा दे और खुद किराए के मकान में रहे तो उसे अपने मकान में ही रहना चाहिए क्योंकि खुद के रहने वाले मकान का वार्षिक मूल्य शून्य होता है।


6. यदि किसी करदाता के पास खुद के रहने के दो मकान हो तो एक मकान वह अपने नाम मे रखे, दूसरा मकान वह अपनी पुत्र वधू को बिना पर्याप्त प्रतिफल के हस्तांतरण कर दे ताकि उसका खुद के रहने का केवल एक ही मकान रहै और दूसरे की स्वामिनी उसकी पुत्र वधू हो। इस प्रकार दोनो मकानों के वार्षिक मूल्य शून्य ही होगा। दूसरे मकान की आय हस्तान्तरनकर्ता की आय में शामिल होगी, परन्तु चूंकि दूसरे मकान का वार्षिक मूल्य शून्य है, अतः धारा 64 (1) (vi) का कोई प्रभाव नही होगा।


7. यदि मकान किराए पर दिया गया है और किराए की राशि मे बिजली, पानी, लिफ्ट आदि की सुविधाओं की राशि भी शामिल है तो किरायेदार से जो लिखित में अनुबंध किया गया है उसमें इन सुविधाओं का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए नही तो मकान सम्पत्ति से आय की गणना करते समय इन खर्चों की कटौती नही मिलेगी।


8. यदि किरायेदार से किराए की अप्राप्त राशि है तो इस सम्बंध में यथाशीघ्र कानूनी कार्यवाही कर, मकान सम्पत्ति की आय में से इसकी कटौती लेनी चाहिए।


9. यदि मकान पर स्थानीय सत्ता द्वारा कोई कर लगाया जाता है तो इसका भुगतान गत वर्ष की समाप्ति से पहले ही कर देना चाहिए, नही तो उस वर्ष इसकी कटौती नही मिलेगी और कर भार बढ़ जाएगा।


10. यदि करदाता ने एक से अधिक मकान किराए ओर दे रखे है तो उसे उन्हें परिवार के उन सदस्यों की अन्तरित कर देना चाहिए जिनकी आय न्यूनतम हो। परन्तु ऐसा मकान पत्नी, पुत्र वधू या अवयस्क बच्चे को अन्तरित नही करना चाहिए, नही तो clubbing of income के प्रावधान लागू हो जाएंगे।


11. यदि मकान से आय की अपेक्षा कटौती योग्य व्यय अधिक है तो मकान से हानि होगी। इस हानि की पूर्ति किसी अन्य मकान की आय से एवं/या किसी अन्य आय से की जा सकती है। यदि उसी कर निर्धारण वर्ष में इस हानि की पूर्ति न हो सके तो अगले आठ वर्षों में इसकी पूर्ति मकान सम्पत्ति से आय शीर्षक में की जा सकती है। 

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