क्षेत्रीय असमानताओं के निवारण के लिए सुझाव



हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम क्षेत्रीय असमानताओं के निवारण के लिए सुझावों के बारे में जानेंगे।


क्षेत्रीय असमानताओं के निवारण के लिए सुझाव (suggestions for removing regional imbalances in hindi)


1. आधारभूत सुविधाओं का विकास - पिछड़े क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। केंद्रीय सरकार को पिछड़े क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।



suggestions for removing regional imbalances in hindi
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2. पंचवर्षीय योजनाओं में अधिक वित्त का आवंटन - संतुलित क्षेत्रीय विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाओं में पिछड़े क्षेत्रों के लिए अधिक वित्त आवंटित किया जाना चाहिए।


3. सुखी भूमि पर कृषि के लिए विशेष परियोजनाएं - जिन राज्यों में वर्षा की मात्रा कम होती है, वहां की सूखी भूमि पर कृषि के लिए विशेष परियोजनाएं चलाई जानी चाहिए। इससे सूखाग्रस्त राज्यों, जैसे राजस्थान, मध्यप्रदेश में कृषि का विकास होगा।




4. पर्याप्त राजकोषीय व मौद्रिक अभिप्रेरणाएँ - पिछड़े क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए सरकार द्वारा निवेशकों को अधिक राजकोषीय व मौद्रिक अभिप्रेरणाएँ प्रदान की जानी चाहिए, जैसे करों में रियायतें, कर अवकाश, अनुदान आदि। पिछड़े क्षेत्रों में औद्योगिक इकाई की स्थापना के लिए रियायती ब्याज दर ऋण उपलब्ध करवाए जाने चाहिए। इससे निजी निवेशक पिछड़े क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना करने के लिए प्रेरित होंगे।


5. विभिन्न पिछड़े क्षेत्रों के लिए पृथक रणनीतियां - विभिन्न राज्य अलग अलग कारणों से पिछड़े हुए है। जैसे कुछ राज्य में बाढ़ की अधिकता के कारण विकास धीमी गति से होता है। कुछ राज्यों में सूखे के कारण का विकास नही हो पाता, कुछ अन्य राज्यों में कानून व्यवस्था में कमी विकास में बाधक है। अतः विभिन्न राज्यों के पिछड़ेपन के कारण अलग अलग है। अतः विभिन्न राज्यों में पिछड़ेपन की समस्या के समाधान के लिए पृथक रणनीतियां बनाई जानी चाहिए।


6. लघु व कुटीर उद्योगों का विकास - पिछड़े राज्यों में लघु व कुटीर उद्योगों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इससे पिछड़े क्षेत्रों में रोजगार अवसर उतपन्न होंगे, उत्पादन में वृद्धि होगी व इन राज्यों का विकास होगा।


7. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमो का विकास - निजी निवेशक पिछड़े क्षेत्रों में निवेश करने में हिचकिचाते है। इन क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार को इन क्षेत्रों में सार्वजनिक उपक्रम स्थापित करने चाहिए।


8. विभिन्न योजनाओं के लागूक़रणमें भ्रष्टाचार को दूर करना - बहुत बार पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए अनुमोदित राशि मे से कोषों का सही प्रयोग नही किया जाता। इसमें से एक बड़ी राशि भृष्ट लोगों की जेबों में चली जाती है। इन योजनाओं को लागू करने में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सख्त तरीके अपनाए जाने चाहिए।


9. अन्य सुझाव :

(i) पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा में सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।


(ii) पिछड़े क्षेत्रों में कृषि के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके लिए इन क्षेत्रों में अच्छी किस्म के बीज व खादें रियायती दर पर उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।


(iii) पिछड़े क्षेत्रों में निवेश करने के लिए वित्तीय संस्थाओं व बैंको द्वारा रियायती दर पर ऋण उपलब्ध करवाए जाने चाहिए।


(iv) पिछड़े क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का पूर्ण प्रयोग किया जाना चाहिए।


निष्कर्ष (conclusion) : निष्कर्ष में यह कहा जा सकता है कि कुछ राज्य तो बहुत अधिक विकसित है, जबकि कुछ अन्य राज्य बहुत ही पिछड़े हुए है। देश मे विभिन्न क्षेत्रों के संतुलित विकास के लिए सरकार व सामाजिक संगठनों को मिलकर इस दिशा में प्रयास करने चाहिए। 

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