प्रभावपूर्ण संचार के सात "सी"


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम प्रभावपूर्ण संचार के सात 'सी" के बारे में जानेंगे।


प्रभावपूर्ण संचार के सात 'सी' (Seven C's of Effective Communication)

प्रभावपूर्ण संचार के लिए कुछ आधारभूत सिधान्तो का लागू किया जाना जरूरी है। प्रभावपूर्ण लिखित या मौखिक सन्देश बनाने के लिए ये सिद्धान्त मार्गदर्शन का कार्य करते है। ये सिद्धान्त प्रभावपूर्ण संचार की आधारशिला है। सामान्यता इन सिधान्तो को सात 'सी' कहा जाता है।



प्रभावपूर्ण संचार के सिद्धांत (Principles of Effective Communication)

प्रभावपूर्ण संचार के सिद्धान्तों को सात 'सी' (Seven Cs) के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।


1. पहला 'सी'          पूर्णता

2. दूसरा 'सी'           संक्षिप्तता

3. तीसरा 'सी'          विचारणीयता

4. चौथा 'सी'            विशिष्टता

5. पांचवा 'सी'          स्पष्टता

6. छठा 'सी'             शिष्टता

7. सांतवा 'सी'          शुद्धता




Seven C's of Effective Communication in Hindi
Seven C's of Effective Communication in Hindi





1. पूर्णता (Completeness)

प्रभावपूर्ण संचार का पहला सिद्धान्त यह है कि व्यावसायिक सन्देश पूर्ण होना चाहिए। एक व्यावसायिक सन्देश तब पूर्ण माना जाता है जब इसमे वे सभी तथ्य हो जिनकी प्राप्तकर्ता को प्रतिपुष्टि करने के लिए जरूरत है। पूर्णता के लिए व्यावसायिक सन्देश में निम्नलिखित तीन तत्वों का शामिल होना जरूरी है।

(i) सभी जरूरी सूचनाओं का समावेश

(ii) सभी प्रश्नों कर उत्तर का समावेश

(iii) यदि वांछनीय है, तो कुछ अन्य तथ्यों का समावेश



2. संक्षिप्तता (Conciseness)

प्रभावपूर्ण संचार का अन्य सिद्धान्त संक्षिप्तता है। इसका अर्थ है प्रभावपूर्ण संचार के अन्य गुणो को खोये बिना किसी चीज या सन्देश को कम सम्भव शब्दों में कहना। संचार संक्षिप्त होने चाहिए। संक्षिप्त संचार से प्रेषक तथा प्राप्तकर्ता दोनों के समय तथा खर्च की बचत होती है। संचार को संक्षिप्त रने के लिए तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

(i) शब्दबहुल वाक्यों का त्याग करना

(ii) केवल उपयुक्त सामग्री का समावेश करें

(iii) सभी अनावश्यक पुनरावृत्ति से बचिए।



3. विचारणीयता (Consideration)

प्रभावपूर्ण संचार का तीसरा सिद्धान्त उसका विचारणीय होना है। इसका अर्थ है कि प्राप्तकर्ता को ध्यान में रखते हुए किसी सन्देश को प्रसारित करना। संचारित सन्देश में विनय या शिष्टाचार होना चाहिए। इसमे ध्यान 'मै' (i) 'हम', की बजाय 'तुम' या 'आप' पर होना चाहिए।
उदहारण :

हम - हमे घोषणा करने में खुशी होती है कि शॉपिंग या खरीददारी को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए हम अपनी दुकान को ज्यादा घण्टों तक खोले रहेंगे।

तुम - आप अधिक समय तक शाम को शॉपिंग कर सकते है। संचार में प्राप्तकर्ता के प्रति रुचि दिखाई जानी चाहिए। ग्राहक उस सुझाव को अधिक मानेंगे जिसमे उन्हें अपना लाभ प्रतीत होगा।




4. विशिष्टता (Concreteness)

प्रभावपूर्ण संचार का चौथा सिद्धान्त विशिष्टता है। इसका अर्थ है निश्चित तथा सन्तुष्ट सूचना का प्रयोग। एक प्रभावपूर्ण संचार अस्पष्ट तथा सामान्य नही होना चाहिए। सन्देश को अधिक विशिष्ट बनाने के लिए विशिष्ट तथ्यों तथा आंकड़ो का प्रयोग करे। एक प्रभावपूर्ण संचार को प्रत्यक्ष, स्पष्ट तथा सामान्यतः शब्दकोश आधारित शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। इसे किसी पदबन्ध द्वारा सुझाए गए विचारों का प्रयोग नही करना चाहिए।



5. स्पष्टता (Clarity)

प्रभावपूर्ण संचार का एक अन्य सिद्धान्त स्पष्टता है। इसका अर्थ है बिना किसी प्रयास के बात को आसानी से समझ लेना। संचार में स्पष्टता को निम्नलिखित दो तरीको से प्राप्त किया जा सकता है :

(i) विशिष्ट, संक्षिप्त तथा परिचित भाषा का चुनाव करके

(ii) प्रभावपूर्ण वाक्यांशों तथा अनुच्छेदों का प्रयोग करके



6. शिष्टता (Courtesy)

प्रभावपूर्ण व्यावसायिक संचार का एक आधारभूत सिद्धान्त शिष्टता है। इसका अभिप्राय उस नम्रता से है जो दूसरों के प्रति सम्मान से उदय होती है। केवल कृपया या आपका धन्यवाद। जैसे यांत्रिक शब्दों के लगा देने से नम्रता व्यक्त नही होती, बेशक समाज में रहते हुए शिष्टता दिखाने के लिए इन शब्दों का प्रयोग जरूरी किया जाता है।



7. शुद्धता (Correctness)

7'c का अंतिम सिद्धान्त है शुद्धता। संचार के शुद्धता शब्द का अर्थ केवल सही व्याकरण विराम चिन्ह उच्चारण एवं हिज्जे ही नही है, बल्कि इसका प्रयोग व्यापक अर्थों में किया जाता है। शुद्धता का अर्थ है कि संचार में प्रस्तुत किए गए तथ्य तथा आंकड़ें यथार्थ या सही होने चाहिए। यथार्थ से अभिप्राय यह है कि तथ्यों तथा आंकड़ों की जांच दो तीन बार कर लेनी चाहिए ताकि आप सुनिश्चित हो जाए कि ये बिल्कुल सही है। हमे कोई भी ऐसा संचार प्रेषित नही करना चाहिए जिसकी प्रमाणिकता एवम विश्वसनीयता के विषय मे हमें पूर्ण रूप से विश्वास न हो।


संचार में सही भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए। व्यवसाय सम्बन्धी संचार अनौपचारिक होना चाहिए। यह अनौपचारिक या बौद्धिक नही होना चाहिए। संसार को सही समय पर प्रेषित किया जाना चाहिए। शुद्ध संचार प्रमाणिक तथ्यों, आंकड़ों तथा विवरण पर निर्भर करता है।

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