File Allocation Table (FAT) in os in hindi


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम FAT (File Allocation Table) के बारे में जानेंगे।


File Allocation Table (FAT)

फ़ाइल के भाग की सारणी प्रवेशिकाओं की साखी है। जो वर्णन करती है। किस प्रकार प्रत्येक डिस्क का भाग है प्रत्येक समूह डिस्क पर अपनी प्रवेशिका रखता है।


FAT एक साधारण अंको की table है। FAT के अंदर प्रवेशिका या entry सहायक समूह प्रयोग में है या नही इसको बतलाती है यह एक एक pointer रखती है जो अगले समूह तक ले जाता है। इस प्रकार से FAT एक आरक्षण कर्मचारी Reservation clerk है। जो कि disk space का record रखती है। आमतौर पर यह operating sector की disk को store संग्रह करती है।



File Allocation Table (FAT) in os in hindi
File Allocation Table (FAT) in os in hindi




एक table या list जो किसी ऑपरेटिंग system जो कि disk space के विभिन्न खण्डों के tracks में file को संग्रह करने का कार्य करता है या संग्रहण में प्रयोग किया जाता है। file allocation table ही FAT कहलाती है।




FAT computer disk का एक भाग होता है जो यह बताता है कि किस फ़ाइल के लिए किस sector का उपयोग किया गया है। FAT boot table disk floppy या hard disk कब master boot sector में stored होती है हमे इसे देख नही सकते FAT boot sector का follow करती है।


FAT file system FAT के चारों और घूमता है जिस फ़ाइल के लिए इसका नाम दिया गया है। प्रत्येक logical file का अपना एक FAT होता है जो दो कार्य करता है -


यह volume की प्रत्येक फ़ाइल की allocation information link list के रूप में स्टोर करता है। इससे यह पता लगता है कि कोनसी allocation unit file स्टोर करने के लिए free  FAT को feb -1976 में bill gets द्वारा hoter hilton में design व code किया गया था इसने इसे basic भाषा बनाने के लिए बनाया। FAT design को fem resterson ने intel 8086 chip set computer के लिए एक operating system बनाने में उपयोग किया। bill get ने इसके अधिकारों को खरीद DOS का पहला version निकाला इसलिए bill gets आज अमेरिका का सबसे अमीर व्यक्ति है।


FAT file system simple व काम ने लेने योग्य है। यह data को loss नही करता है, तथा अधिक memory भी नही घेरता है। परंतु इसमे इनपुट आउट operation बहुत ज्यादा उपयोग में लाये जाते है  partition के start में directory बनी होती है इसमें खाली जगह की table होती है। नया data लिखने या पुराने data को change करने के लिए disk RAM धीरे धीरे directory तथा data लिखने की जगह के बीच move होता है। कम समय मे ही एक file नई छोटे छोटे parts में devide हो जाती है।


जब system बन्द किया जाता है तो किसी प्रकार का data loss नही होता।


यद्यपि FAT system disk area से free space को remove कर देता है परन्तु इसे किसी नए data set को assign नही करता है। CHK DSK तथा scan disk command disk के सभी check करने के लिए FAT को check करती है। जो record किसी data set के part नही होते है उन्हें free space में लौटा दिया जाता है।


जब CHK DSK un allocated sector को ढूंढता है तो वह इसे पुनः file में लौटाने के लिए user से पूछता है। और system बन्द हो जाता है और नष्ट होने वाला data important हो तो user का answer yes होना चाहिए। यदि user yes enter करता है तो आपके loss हुए data file के part recover हो जाते है।


जब FAT table की first file corrupt हो जाती है तो second table programme के लिए available रहती है। corrupt FAT होने वाले मेसेज show हो तो No Boot table media अगर इस समय scan disk error fix नही करती है तो user को disk format करनी पड़ती है। इसके user को low lable format करके windows को restore करना चाहिए, अगर window का setup programme drive के बारे में error दे तो drive change कर देनी चाहिए।


FAT काफी पुरानी होने के कारण इसकी problem के बारे में काफी study की गई DOS तथा window का प्रत्येक version के defrag programme के साथ आता है, जो कि directory file तथा खाली space को organize ओर देता है।


Disk cache के रूप में RAM का अच्छा उपयोग I/O problem को बताता है। हमारा quick fix प्रोग्राम memory utilization programme होता है। जो कि disk cache का अधिकतम उपयोग करता है। 

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