पूर्वाधिकार अंशों के लाभ व हानि क्या है


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम पूर्वाधिकार अंशों के लाभ व हानि के बारे में समझेंगे।


पूर्वाधिकार अंशों के लाभ (Advantages of Preference Shares)

पूर्वाधिकार अंशों के मुख्य लाभों के वर्णन निम्नलिखित दो शीर्षकों के अधीन किया जा सकता है -

A. पूर्वाधिकार अंशों के कंपनी को लाभ

B. पूर्वाधिकार अंशों के निवेशकर्ताओं को लाभ




A) पूर्वाधिकार अंशों के कंपनी को लाभ

1. वित्त का स्थायी व दीर्घकालीन स्त्रोत - पूर्वाधिकार अंश एक कंपनी के लिए वित्त प्राप्त करने का स्थायी व दीर्घकालीन स्त्रोत होते है। अशोधनीय पूर्वाधिकार अंशों के निर्गमन से प्राप्त हुई पूंजी को कंपनी अपने पूरे जीवनकाल में स्वतन्त्रतापूर्वक प्रयोग कर सकती है तथा शोधनीय पूर्वाधिकार अंशों से प्राप्त पूंजी का शोधन संचित आयों या नए अंशों के निर्गमन द्वारा आसानी से किया जा सकता है।




Advantages and Disadvantages of Preference Shares in Hindi
Advantages and Disadvantages of Preference Shares in Hindi




2. ऋण लेने की क्षमता का विस्तार - किसी भी कंपनी की पूंजी संरचना में पूर्वाधिकार अंशों का अनुपात जितना अधिक होगा, कंपनी को उतनी ही आसानी से ऋण उपलब्ध हो सकेंगे। पूर्वाधिकार अंश पूंजी अंशधारियों के कोषों का एक मुख्य भाग होती है। अतः इससे कंपनी की ऋण लेने की क्षमता का विस्तार होता है।


3. पूंजी संरचना में लोचशीलता का लाभ - एक कंपनी अपनी पूंजी संरचना में पूर्वाधिकार अंशों को शामिल करके पूंजी संरचना में लोचशीलता का लाभ प्राप्त कर सकती है। जब कंपनी के पास आधिक्य पूंजी उपलब्ध हो तो पूर्वाधिकार अंशधारियों की पूंजी लौटाकर पूंजी संरचना में परिवर्तन किया जा सकता है।


4. कम परन्तु निश्चित प्रतिफल के इछुक निवेशकर्ताओं में लोकप्रिय - पूर्वाधिकार अंशों पर निश्चित दर से लाभांश का भुगतान किए जाने के कारण ये अंश उन निवेशकर्ताओं में अधिक लोकप्रिय होते हौ जो कम परन्तु निश्चित प्रतिफल जरूर प्राप्त करना चाहते हैं। अतः पूर्वाधिकार अंश निवेशकर्ताओं को कंपनी में निवेश करने के लिए प्रेरित करते हैं।




B) पूर्वाधिकार अंशों के निवेशकर्ताओं को लाभ

1. निश्चित व नियमित आय की उपलब्धता - पूर्वाधिकार अंशधारियों को एक अन्य लाभ यह भी होता है कि इन्हें लाभांश के रूप में निश्चित व नियमित आय प्राप्त होती है।


2. परिवर्तनीय पूर्वाधिकार अंशों के लाभ - परिवर्तनीय पूर्वाधिकार अंशों के निवेशकर्ताओं को अपने अंशों को समता अंशों में परिवर्तित करने का विकल्प प्राप्त होता है। इस प्रकार ये अंशधारी कंपनी की सभाओं में उपस्थित होकर कंपनी के नियंत्रण व प्रबन्ध में भागीदार बन सकते है।


3. भागयुक्त पूर्वाधिकार अंशों के लाभ - भागयुक्त पूर्वाधिकार अंशों के निवेशकर्ताओं को कंपनी को मिलने वाले आधिक्य लाभों में भागीदार बनने का लाभ प्राप्त होता है।


4. मतदान करने का अधिकार - पूर्वाधिकार अंशधारियों को अपने से प्रत्यक्ष रूप से सम्बंधित विषयों जैसे अदत्त लाभांश आदि पर, कंपनी की सभा मे प्रस्तुत प्रस्तावों पर मतदान करने का अधिकार प्राप्त होता है।




पूर्वाधिकार अंशों के दोष या हानियाँ 
(Disadvantages of Preference Shares)

पूर्वाधिकार अंशों के दोषों का अध्यन निम्नलिखित दो शीर्षकों के अंतर्गत किया जा सकता है :

A. पूर्वाधिकार अंशों से कंपनी को हानि

B. पूर्वाधिकार अंशों से निवेशकर्ताओं को हानि



A) पूर्वाधिकार अंशों से कंपनी को हानि

1. नियंत्रण में हस्तक्षेप - पूर्वाधिकार अंशधारियों से प्रत्यक्ष रूप से सम्बंधित विषयों, जैसे किसी विशेष समयावधि के लिए अदत्त लाभांश आदि के लिए इन्हें कंपनी की सभाओं में उपस्थित होकर सम्बन्धित प्रस्तावों पर मतदान का अधिकार प्राप्त होता है।


2. कम आय की दशा में नुकसान - अगर किसी वर्ष कंपनी को पूर्वाधिकार अंशों पर देय लाभांश की दर से कम कर के बाद आय प्राप्त होती है तो ऐसी दशा में कंपनी को नुकसान उठाना पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप कंपनी को समता पर व्यापार के लाभ नही मिल पाते है तथा इसके साथ साथ समता अंशधारियों को भी कोई लाभांश प्राप्त नही होता है।


3. वित्त का खर्चीला साधन - पूर्वाधिकार अंश कंपनी के लिए वित्त प्राप्ति का खर्चीला साधन होते है। ऋणपत्रों की तुलना में पूर्वाधिकार अंशों की लागत अधिक होती है। इसका एक मुख्य कारण यह है कि ऋणपत्रों पर चुकाए जाने वाले ब्याज की राशि को कर योग्य लाभों की गणना करने के लिए सकल लाभों में से घटाया जाता है जबकि पूर्वाधिकार अंशों पर चुकाए जाने वाले लाभांश की राशि का भुगतान लाभों में से करों का भुगतान हो जाने के बाद ही किया जाता है।




B) पूर्वाधिकार अंशों से निवेशकर्ताओं को हानि

1. कंपनी के प्रबन्ध में भाग लेने का अधिकार नही - पूर्वाधिकार अंशधारियों को कंपनी के प्रबन्ध में भाग लेने का कोई अधिकार नही होता है। वे कंपनी की सभाओं में उपस्थित होकर मतदान करके संचालक मंडल का चुनाव नहीं कर सकते है।


2. शोधन में विलंब - पूर्वाधिकार अंशों के निवेशकर्ताओं को इन अंशों में निवेश करने से एक हानि यह भी होती है कि इनका शोधन प्रायः देरी से किया जाता है। कंपनी पर शोधन के विलम्ब किए जाने की दशा में कोई विशेष दण्ड का प्रावधान लागू नही होता है।


3. लाभांश की अनियमितता - यद्यपि पूर्वाधिकार अंशधारियों को एक निश्चित दर से लाभांश प्राप्त करने का अधिकार होता है परंतु कंपनी पूर्वाधिकार लाभांश भुगतान के लिए कानूनी रूप से बाध्य नही होती है। इसलिए अगर कंपनी पर्याप्त लाभ होते हुए भी इन्हें व्यवसाय में ही संचित कर लेती है तो पूर्वाधिकार अंशधारी कंपनी को लाभांश का भुगतान करने के लिए मजबूर नही कर सकते हैं।


4. कंपनी के असाधारण लाभों पर अधिकार नही - अगर कंपनी किसी वर्ष असाधारण लाभ कमाती है तो पूर्वाधिकार अंशधारियों को इन असाधारण लाभों में अपना हिस्सा प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार नही होता है। 

Post a Comment