स्कन्ध लाभांश के कंपनी व अंशधारियों के लिए लाभ


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम स्कन्ध लाभांश के कंपनी और अंशधारियों के लिए लाभ के बारे में जानेंगे।


स्कन्ध लाभांश के कंपनी के लिए लाभ (Advantages of Stock Dividend for the Company)

1. पर्याप्त रोकड़ शेष के अभाव  में सहायक - जब किसी कंपनी को पर्याप्त लाभ होने के बावजूद भी नकद लाभांश देने के लिए पर्याप्त रोकड़ शेष उपलब्दब न हो तो कंपनी लाभांश वितरण स्कन्ध लाभांश के रूप में कर सकती है।



2. ख्याति में वृद्धि - अगर कंपनी स्कन्ध लाभांश बांटती है तो इससे अंशधारियो के दिमाग मे कंपनी की अच्छी छवि बन जाती है। स्कन्ध लाभांश को कंपनी की अच्छी आय का सूचक माना जाता है। अतः स्कन्ध लाभांश वितरित करने से कंपनी की ख्याति में वृद्धि होती है।




Advantages of Stock Dividend for the Company and Shareholders in Hindi
Advantages of Stock Dividend for the Company and Shareholders in Hindi




3. रोकड़ के बाहरी प्रवाह पर रोक - कंपनी द्वारा स्कन्ध लाभांश दिए जाने से रोकड़ के बाहर की और प्रवाह को रोका जा सकता है। इस प्रकार बचाई हुई रोकड़ को कंपनी भविष्य में उपलब्ध होने वाले लाभदायक अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रयोग कर सकती है और इस प्रकार कंपनी को इनके लिए बाहरी वित्तीय साधनों से वित्त प्राप्त करने की जरूरत नही होगी।


4. अंशों के बाजार मूल्य में कमी - स्कन्ध लाभांश का भुगतान करने से कंपनी के अंशों के बाजार मूल्य में कमी हो जाती है, जिसके कारण यह अंश विनियोगकर्ताओं के लिए अधिक आकर्षक हो जाते है। इस प्रकार बाजार में कम मूल्य वाले अंशों की पूर्ति बढ़ने से स्कन्ध विपणनी में इन अंशों के लेन देन में वृद्धि होती है।





स्कन्ध लाभांश के अंशधारियो के लिए लाभ (Advantages of Stock Dividend for the Shareholders)

1. वर्तमान अंशधारियो के आनुपातिक स्वामित्व की स्थिरता - कंपनी स्कन्ध लाभांश अर्थात बोनस अंश अपने वर्तमान अंशधारियो को उनके द्वारा धारण किए गए वर्तमान कुल अंशों की संख्या के अनुपात में ही दिए जाते है। इस प्रकार प्रत्येक वर्तमान अंशधारी कंपनी के स्वामित्व में एक निश्चित भाग का स्वामी बना रहता है। इस प्रकार अगर कंपनी नकद लाभांश देने में असमर्थ हो तो वह स्कन्ध लाभांश वितरित कर सकती है और इससे वर्तमान अंशधारियो का कंपनी में आनुपातिक स्वामित्व भी अप्रभावित रहता है।


2. कर लाभ - स्कन्ध लाभांश के कारण अंशधारी को कर लाभ भी प्राप्त होता है। अगर कंपनी नकद लाभांश बांटती है तो अंशधारी को इस पर आय कर का सरकार को भुगतान करना जरूरी होता है। क्योंकि कंपनी द्वारा लाभांश का भुगतान सम्बन्धित अंशधारी के हाथ मे कर योग्य होता है। परंतु अगर कंपनी स्कन्ध लाभांश का भुगतान करती है तो इस पर सम्बन्धित अंशधारी को आयकर चुकाने की जरूरत नही होती है। जब अंशधारी इन बोनस अंशों को लाभ पर बेचता है तो उसे पूंजीगत लाभ प्राप्त होता है और इस पूंजीगत लाभ को सम्बन्धित अंशधारी के हाथ मे कर योग्य आय माना जाता है। परंतु इस पूंजीगत लाभ पर चुकाए जाने वाले कर की दर प्रायः नकद लाभांश पर चुकाए जाने वाले कर की तुलना में कम होती है। इससे अंशधारी को कर लाभ प्राप्त होता है।


3. भविष्य में अधिक लाभों के सूचक - कंपनी द्वारा स्कन्ध लाभांश का भुगतान करने स अंशधारी यह मानने लगते है कि कंपनी की लाभप्रदता अधिक है। अंशधारियो के इस अंशधारी दृष्टिकोण का कंपनी के अंशों के बाजार मूल्यों पर बहुत लाभकारी प्रभाव पड़ता है।


4. अनुकूल मनोवैज्ञानिक प्रभाव - कंपनी द्वारा स्कन्ध लाभांश दिए जाने से अंशधारियो पर अनुकूल मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। इस प्रभाव के कारण वे कंपनी के अंशो में पूंजी विनियोग करने के लिए प्रेरित होते है और परिणामस्वरूप अंशों के बाजार मूल्य बढ़ जाते है।


5. अंशों का बाजार मूल्य बढ़ता है - एक स्कन्ध लाभांश वितरित करने वाली कंपनी के अंशधारियो के लिए स्कन्ध लाभांश कंपनी की समृद्धि एवं विकास का सूचक माना जाता है। इसके कारण कंपनी के अंशों का बाजार मूल्य बढ़ जाता है। इसलिए अंशधारी इन अंशों को विक्रय करके पूंजीगत लाभ प्राप्त करके अपने पहले वाले अंशों की संख्या को भी बनाए रख सकते है। 

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