Rights of National Company law tribunal after winding up order


हेलो दोस्तों।


आज के पोस्ट में हम समापन आदेश देने के बाद राष्ट्रीय कंपनी अधिनियम न्यायाधिकरण के अधिकार के बारे में समझेंगे।


कंपनी अधिनियम 2013 द्वारा न्यायाधिकरण को कंपनी के समापन की कार्यवाही से सम्बंधित निम्नलिखित अधिकार प्रदान किए गए है। ये अधिकार धारा 271 द्वारा दिए गए अधिकारों के अतिरिक्त है :


1. समापन कार्यवाही को रोकने का अधिकार - समापन आदेश देने के बाद किसी भी समय न्यायाधिकरण सरकारी समापक या किसी लेनदार या अंशदायी के आवेदन पर समापन की कार्यवाही को रोक सकता है। आदेश देने से पहले न्यायाधिकरण सरकारी समापक को उन तथ्यों एवं मामलों के बारे में एक रिपोर्ट देने के लिए कह सकता है जो उसकी राय में आवेदन से सम्बंधित हो।




Rights of National Company law tribunal after winding up order
Rights of National Company law tribunal after winding up order




2. लेनदारों को निष्कासित करना - न्यायाधिकरण एक समय निर्धारित कर सकता है जिसमें लेनदार अपने ऋणों या दावों को प्रमाणित करेंगे और अगर वह उस निश्चित समय तक ऋणों या दावों को प्रमाणित नही करते तो इस कार्यवाही से पनपे किए वितरण के लाभों से न्यायाधिकरण उन्हें वंचित कर सकता है।




3. फरार होने से पहले अंशदायी की गिरफ्तारी का अधिकार - अगर समापन का आदेश देने से पहले या बाद में न्यायाधिकरण को यह लगे कि कोई अंशदायी भारत छोड़ने वाला है या अन्य ढंग से गायब होने वाला है या भुगतान या जांच से बचने के लिए अपनी किसी सम्पत्ति को हटाने या छुपाने वाला है तो न्यायाधिकरण उसे गिरफ्तार कर सकता है तथा उसके पास से सम्बद्ध पुस्तकें, कागजात एवं चल सम्पत्ति जब्त की जा सकती है।


4. कंपनी के विघटन का आदेश देने का अधिकार - अगर कंपनी के समापन की कार्यवाही पूरी हो गयी हो या न्यायाधिकरण की राय में समापक के लिए धन एवं सम्पत्ति की कमी के कारण आगे बढ़ना मुश्किल हो या अन्य किसी कारण से न्यायाधिकरण कंपनी के विघटन का आदेश दे सकता है।


न्यायाधिकरण विघटन का आदेश तभी देता है अगर उन परिस्थितियों में आदेश देने उचित एवं न्यायसंगत हो। न्यायसंगत के आदेश की तिथि से कंपनी का विघटन हो जाएगा। इस आदेश के 30 दिन के अंदर समापक आदेश की एक प्रति रजिस्ट्रार के पास भेजेगा जिसकी टिप्पणी रजिस्ट्रार अपनी पुस्तकों में दर्ज कर लेगा।


5. प्रवर्तकों, संचालकों आदि का सार्वजनिक जांच का आदेश देने का अधिकार - अगर सरकारी समापक यह रिपोर्ट देता है कि उसके विचार से किसी व्यक्ति ने कंपनी प्रवर्तन या निर्माण मर कपट किया है, या कंपनी के किसी अधिकारी ने कंपनी के कारोबार के संचालन में कपट किया है, तो न्यायाधिकरण दोषी व्यक्ति को अपने समक्ष तिथि पर पेश होने के लिए और सार्वजनिक जांच के लिए आदेश दे सकता है।


6. व्यक्तियों को बुलाने का अधिकार - अस्थायी समापक की नियुक्ति या समापन आदेश के बाद न्यायाधिकरण कंपनी के किसी भी अधिकारी या किसी भी ऐसे व्यक्ति को अपने समक्ष पेश करवा सकता है जिसके बारे में यह सन्देह हो कि उसके पास कंपनी की सम्पत्ति, पुस्तकें या कागज पत्र है या वह कंपनी का ऋणी है या वह कंपनी के व्यापार, सम्पत्ति या कारोबार के बारे में महत्वपूर्ण सूचना दे सकता है। 

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