Merchant Banking Assignments in hindi


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम सौदागर बैंकिंग समनुदेशन के बारे में जानेंगें।


सौदागर बैंकिंग समनुदेशन (Merchant Banking Assignments)

सौदागर बैंकिंग समनुदेशन से आशय सौदागर बैंकों को सौंपे गए कामों से है। इनका विस्तृत विवरण इस प्रकार है -

1. सौदागर बैंकिंग समनुदेशनो के प्राप्तकर्ता - भारत मे बहुत से बैंकों के मुख्य कार्यालय में अलग से सौदागर बैंकिंग विभाग स्थापित किए गए है। इन सौदागर बैंकिंग विभागों के मुखिया सहायक महाप्रबन्धक होते है। इसके साथ साथ अलग से सौदागर बैंकिंग प्रकोष्ठ भी गठित किए गए है। इन प्रकोष्ठों को देख रेख का उत्तरदायित्व दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई व अहमदाबाद में महानगर शाखा के अधिकारी का होता है। सौदागर बैंकिंग समनुदेशनो को प्राप्त करने में सौदागर बैंकिंग विभाग व सौदागर बैंकिंग प्रकोष्ठ के महत्वपूर्ण योगदान रहता है।




Merchant Banking Assignments in hindi
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निगम उधारकर्ताओं के साथ सदैव सम्पर्क में रहने के कारण औद्योगिक वित्त शाखाओं के महाप्रबंधक अपने उधारकर्ताओं या गैर उधारकर्ताओं के द्वारा प्रस्तावित की गई परियोजनाओं के लिए सम्भव सौदागर शीघ्रतापूर्वक हर सूचनाओं को सौदागर बैंकिंग विभाग विभाग या प्रकोष्ठों तक पहुँचाया जाता है। अतः स्पष्ट है कि सौदागर बैंकिंग समनुदेशनो को बैंकिंग समनुदेशनो पर यथाशीघ्र सूचनाएं प्राप्त करते है और प्राप्त करने का जितना उत्तरदायित्व सौदागर बैंकिंग विभाग व प्रकोष्ठ के है उतना ही बैंक के प्रत्येक अधिकारी का भी होता है।


2. सौदागर बैंकिंग समनुदेशनो की टैपिंग - नए स्थापित उद्यमों या पहले से विद्यमान उद्यमों की विभिन्न इकाइयों, विकेन्द्रीयकरण, विस्तार या आधुनिकीकरण कार्यक्रमों के बारे में सूचनाएं अनेक स्त्रोतों से प्राप्त की जा सकती है। इन स्त्रोतों के कुछ उदहारण इस प्रकार है - नए मदों, प्रस्तावों की समीक्षा, ग्राहकों का साक्षात्कार आदि। इसके अतिरिक्त कम्पनियों के निवेशकों द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदनों से भी सूचनाएं प्राप्त की जा सकती है।


3. सौदागर बैंकिंग समनुदेशनो के लिए शुल्कों के निर्धारण - सौदागर बैंकिंग समनुदेशनो के लिए शुल्क का निर्धारण विभिन्न घटकों पर निर्भर करता है। इनमे प्रमुख है - सौदागर बैंकिंग सम्बन्धी सेवाओं की प्रकृति, इन पर लगने वाला कुल समय, सम्भावित मानव घण्टे, नए ग्राहकों की भावी व्यावसायिक सम्भावनाएं आदि।


4. सौदागर बैंकिंग समनुदेशनो की सम्भाल - प्रायः सौदागर बैंकिंग समनुदेशनो को संभालने का दायित्व मुख्य कार्यालय के स्थापित सौदागर बैंकिंग विभाग का होता है। इसके अतिरिक्त दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई व अहमदाबाद में सौदागर बैंकिंग प्रकोष्ठ भी गठित किए गए है, जो ग्राहकों को प्रत्येक सम्भव सहायता प्रदान करते है इन सौदागर बैंकिंग प्रकोष्ठों को यह अधिकार दिया गया है कि एक निश्चित समय के बाद जोनल कार्यालयों में पूर्ण कार्य विभाग में परिवर्तित होकर स्वतन्त्र रूप से सौदागर बैंकिंग समनुदेशनो को संभाल सके।


5. सौदागर बैंकिंग समनुदेशनो के लिए अनिवार्य अनुमति - ऋण सिंडिकेशन, परियोजना परामर्श, सार्वजनिक निर्गमन आदि के प्रबन्ध सम्बन्धी समनुदेशनो के आवेदन पत्र विभिन्न एजेंसियों में प्रेषित करने से पहले इन्हें मुख्य कार्यालय समिति से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। प्रायः एक प्रवर्तक साख योग्य एवं जीवनक्षम परियोजना के लिए मुख्य कार्यालय समिति से आसानी से अनुमति प्रदान कर लेता है।

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