Powers of a Recognised Stock Exchange in hindi

हेलो दोस्तों।


मान्यता प्राप्त स्कंध विपन्नी को प्राप्त शक्तियां (Powers of a Recognised Stock Exchange)

एक मान्यता प्राप्त स्कंध विपन्नी को प्राप्त शक्तियों का अध्यन निम्नलिखित दो शीर्षकों के अंतर्गत किया जा सकता है -

1. मताधिकार के सम्बंध में नियम बनाने व संशोधन करने की शक्तियां - एक मान्यता प्राप्त स्कंध विपन्नी को मताधिकार के सम्बंध में नियम बनाने व इनमे संशोधन करने की निम्नलिखित शक्तियां प्राप्त है -

(i) किसी भी सदस्य की स्कंध विपन्नी की कुल प्रदत पूंजी में कितनी भी भागीदारी हो, परन्तु एक सदस्य सभा मे केवल एक वोट ही दे सकता है।




Powers of a Recognised Stock Exchange in hindi
Powers of a Recognised Stock Exchange in hindi




(ii) स्कंध विपन्नी के किसी भी सदस्य द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति को उसका प्रतिपुरुष नियुक्त करने सम्बन्धी अधिकार पर पाबंदी।


(iii) स्कंध विपन्नी के प्रत्येक सदस्य का मताधिकार केवल उन्हीं मामलों तक सीमित होगा जिन्हें स्कंध विपन्नी की सभा के समक्ष पेश किया जाता है।


(iv) वे परिणामी, प्रासंगिक व अनुपूरक मामले जो ऊपर बताए गए मामलों के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक है।




2. उप नियम बनाने संबन्धी शक्तियां - एक मान्यता प्राप्त स्कंध विपन्नी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड से पूर्व स्वीकृति प्राप्त करके निम्नलिखित विषयों के सम्बंध में उप नियम बना सकती है -

(i) स्कंध विपन्नी के सदस्यों द्वारा अपने द्वारा किए जाने वाले लेन देन का नियमन करना।


(ii) किए जाने वाले अनुबन्धों की शर्तें व भार।


(iii) रिक्त हस्तांतरण को प्रतिबंधित या नियमित करना।


(iv) स्कंध विपन्नी के खुलने व बन्द होने के समय और व्यापारिक घण्टों का नियमन करना।


(v) समाशोधन गृह द्वारा SEBI के समक्ष पेश किए जाने वाले विवरणों को SEBI के दिशा निर्देशों के अनुरूप प्रकाशित करवाना।


(vi) स्कंध विपन्नी पर प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध करना एवं किसी भी ऐसी प्रतिभूति को शामिल करना जिसका उद्देश्य लेन देन, स्थगन या उसकी वापसी हो।


(vii) अनुबन्धों की कुल संख्या व श्रेणियां जिनका निपटारा किया जाएगा या समाशोधन गृह द्वारा अंतर का भुगतान किया जाएगा।


(viii) अनुबन्धों के निश्चित समय पर निपटारे व उनमे अंतर के लिए एक समाशोधन गृह, प्रतिभूतियों के हस्तांतरण व उनके भुगतान, हस्तांतरण आदेशों को आगे करना तथा इस प्रकार के समाशोधन गृह का नियमन व रख रखाव करना।


(ix) सौदे करना, इनका तुलनात्मक विश्लेषण करना, निपटारा करना व समापन करना।


(x) व्यापारिक संकट की स्थिति के समय प्रतिभूतियों की अधिकतम व कम से कम कीमतों का निर्धारण करना।


(xi) बदला का नियमन या प्रतिबन्ध या स्थगन करने सम्बन्धी सुविधाओं पर पाबंदी लगाना या इनका नियंत्रण करना।


(xii) निपटारे के दिनों का निर्धारण, परिवर्तन या स्थगन करना।


(xiii) दावों व विवादों को निपटाने की प्रक्रिया का निर्धारण करना।


(xiv) बाजार दरों का निर्धारण एवं घोषणा करना।


(xv) अनुबन्ध करना, उनके निष्पादन, उपगमन व समापन सम्बन्धी नियमन करना।


(xvi) अनुबंधकर्ता पक्षकारों के बीच किसी भी रूप में चल रहे व्यापार की दशा का नियमन करना।


(xvii) तरावनी व्यवसाय व इसकी सीमाओं का नियमन करना।


(xviii) दलाली व अन्य मूल्यों के अनुपातों का निर्धारण करना।



उपनियमो का पालन न करने के परिणाम - वे सभी अनुबन्ध जो उपनियमों का उल्लंघन करके किए जाते है, अवैध या अमान्य होते है। इस प्रकार के अनुबन्धों के पक्षकारों को निम्नलिखित में से एक या अधिक दंड दिए जा सकते है -

(i) जुर्माना।

(ii) एक निश्चित समयावधि के लिए सदस्यता से निलंबित करना।

(iii) सदस्यता से हमेशा के लिए निष्कासित करना।

(iv) मुद्रा के अतिरिक्त अन्य कोई दण्ड)

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