Procedure of Securities trading in a stock exchange in hindi


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम स्कंध विपन्नी में प्रतिभूतियों का लेन देन करने की कार्यविधि के बारे में समझेंगे।

एक स्कंध विपन्नी में कोई भी निवेशकर्ता सीधे कोई सौदा नही कर सकता है। केवल एक पंजिकृत दलाल या उप दलाल ही स्कंध विपन्नी में प्रतिभूतियों का लेन देन करने के लिए अधिकृत होता है।

स्कंध विपन्नी में प्रतिभूतियों का लेन देन करने की कार्यविधि निम्नलिखित है -

1. किसी दलाल का चयन करना - एक स्कंध विपन्नी में प्रतिभूतियों का लेन देन करने के लिए सबसे पहले निवेशकर्ता को एव दलाल का चयन करना पड़ता है। निवेशकर्ता खुद प्रत्यक्ष रूप से या अपने बैंक के माध्यम से दलाल का चुनाव कर सकता है। जब दलाल इच्छुक निवेशकर्ता की आर्थिक स्थिति से पूरी तरह से संतुष्ट हो जाता है, तो वह उसका एक खाता खोल देता है।




Procedure of Securities trading in a stock exchange in hindi
Procedure of Securities trading in a stock exchange in hindi




2. दलाल को आदेश देना - दलाल द्वारा खाता खोल दिए जाने के बाद निवेशकर्ता दलाल को प्रतिभूतियां खरीदने एवं बेचने का आदेश देता है। खरीदने योग्य प्रतिभूतियों के सम्बंध में पूरी जानकारी निवेशकर्ता दलाल से लेता है। जानकारी प्राप्त कड़वे के बाद इससे पूरी तरह से संतुष्ट हो जाने के बाद निवेशकर्ता दलाल को अंशों को खरीदने, उनकी कुल संख्या, कीमत स्तर पर सौदा तय किया जाए आदि बता देता है।




3. प्रतिभूतियों के लेन देन का अनुबन्ध करना - दलाल को प्रतिभूतियों के लेन देन का आदेश का प्राप्त होने के बाद दलाल अपने कम्प्यूटर में प्रतिभूति के क्रय का विक्रय की कीमत व कुल संख्या अंकित करके, स्कंध विपन्नी में इसे प्रेषित कर देता है। यह कीमत व कुल संख्या अन्य सभी दलालों के कम्प्यूटर की स्क्रीनों पर प्रदर्शित कर दी जाती है। ये जानकारी अर्थात कीमत व संख्या किसी अन्य दलाल के किसी निवेशकर्ता से मिल जाने पर सौदा तय हो जाता है।


4. अनुबन्ध लेख जारी करना - जब सौदा तय हो जाए तो दलाल एक अनुबन्ध लेख जारी करता है। इस लेख में प्रतिभूति सम्बन्धी समस्त ब्यौरा, जैसे क्रय संख्या, कीमत आदि दिया जाता है।


5. प्रतिभूतियों का निपटारा - स्कंध बाजार में दो प्रकार की प्रतिभूतियां होती है भौतिक व अभौतिक।

(i) भौतिक प्रतिभूतियां से निपटारे की कार्यविधि - भौतिक प्रतिभूतियों एवं हस्ताक्षर सहित हस्तांतरण विलेख उसी दिन निवेशकर्ता द्वारा अपने चुने हुए दलाल को सुपुर्द कर दी जाती है। इसके बाद विक्रयकर्ता दलाल हस्तांतरण विलेख व अंश प्रमाण पत्र को सम्बन्धित स्कंध विपन्नी को सुपुर्द देता है। इसके साथ ही क्रयकर्ता दलाल स्कंध विपन्नी के समाशोधन बैंक में मुद्रा जमा करवा देता है।

(ii) अभौतिक प्रतिभूतियों के निपटारे की कार्यविधि - प्रतिभूतियों  के विक्रय की दशा में निवेशकर्ता अपने जमा करने वाले भागीदार को अपने डीमेट खाते को विक्रय की हुई प्रतिभूतियों की कुल संख्या से डेबिट और दलाल के खाते को क्रेडिट करने का आदेश देता है।


6. प्रतिभूतियों का चल निपटारा - प्रतिभूतियों का चल निपटारा - भारतीय और विनिमय बोर्ड ने जनवरी, 1998 से प्रतिभूतियों के अनिवार्य चल निपटारे की व्यवस्था शुरू की है। प्रारम्भ में चल निपटारे की व्यवस्था को T + 5 निपटारे के रूप में आरम्भ किया गया था परन्तु कुछ समय बाद इसे T + 2 निपटारे के रूप में लागू किया गया। इसके बाद 21 अप्रैल, 2008 से इसे T - 1 निपटारे का रूप दे दिया गया है। यहां T से आशय व्यापार व दो दिन प्रतिभूतियों की सुपुर्दगी एवं नकद भुगतान करने के लिए दिए गए है। 

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