Requirements for listing of securities and norms for qualifying for listing of securities in hindi


हेलो। 

कैसे हो आप सब ?

आज इस पोस्ट में हम प्रतिभूतियों  के सूचीकरण की आवश्यकताएं व सूचीबद्धता के लिए योग्यता के मानदंड के बारे में जानेंगें।


प्रतिभूतियों के सूचीकरण की आवश्यकताएं व सूचीबद्धता के लिए योग्यता के मानदंड निम्नलिखित है -

1. प्रतिभूतियों के सूचीकरण की आवश्यकताएं - वर्तमान समय मे, कंपनियों के लिए प्रतिभूति अनुबन्ध अधिनियम, 1957 के अधीन सूचीकरण को अनिवार्य किया गया है। इस अधिनियम के अंतर्गत एक कंपनी को अपनी प्रतिभूतियां मान्यता प्राप्त स्कंध विपन्नी में सूचीबद्ध करने के लिए इन शर्तों का पालन करना पड़ता है -




Requirements for listing of securities and norms for qualifying for listing of securities in hindi
Requirements for listing of securities and norms for qualifying for listing of securities in hindi




(i) सूचीकरण की इच्छुक कंपनी को अपनी निर्गमित की गई कुल पूंजी का कम से कम एक चौथाई भाग सार्वजनिक क्षेत्र के लिए प्रस्तुत करना पड़ता है।


(ii) सूचीकरण के लिए कोई पुराना आवश्यक नही है।


(iii) कंपनी के पार्षद सीमानियम व पार्षद अंतर्नियम में अंशों के मुक्त हस्तांतरण को प्रतिबंधित करने वाला कोई प्रावधान नही होना चाहिए।



2. प्रतिभूतियों की सूचीबद्धता की योग्यता के मानदंड - यह इस प्रकार है -

(i) स्कंध विपन्नी पर अपनी प्रतिभूतियों का सूचीकरण करवाने की इच्छुक एक नई कंपनी को स्कंध विपन्नी के साथ सामूहिक शासन सम्बन्धी एक समझौता करना जरूरी होता है। इसके साथ साथ विद्यमान सभी सूचीबद्ध कंपनियों को एक नई संहिता का पालन करना पड़ता है।


(ii) सूचीकरण करवाने के लिए कंपनी की कम से कम निर्गमित पूंजी 3 करोड़ जरूर होनी चाहिए जिसमें से कम से कम रुपये 1.80 करोड़ रुपये का सार्वजनिक प्रस्ताव किया जाना चाहिए।


(iii) मान्यता प्राप्त स्कंध विपन्नी पर पहले से विद्यमान सूचीबद्ध कंपनी का सूचीकरण निरन्तर जारी रहेगा जबकि एक नई स्थापित कंपनी का सूचीकरण केवल तभी किया जाएगा जब से सूचीकरण के मानदंडों को पूरा करेंगे एवं अपने सार्वजनिक निर्गमन की लागत, उच्चतम व्यय सीमा के भीतर ही करेगी।


(iv) सूचीबद्ध होने के इक्छुक प्रत्येक ऐसी कंपनी जिसका चुकता पूंजी 5 करोड़ रुपये है, उसके लिए एक से अधिक स्कंध विपन्नियों तथा क्षेत्रीय स्कंध विपन्नी में भी सूचीबद्ध होना जरूरी किया गया है।



3. सूचीकरण के लिए अन्य शर्तें - ऊपर वर्णन की हुई आवश्यकताओं के अतिरिक्त, सूचीकरण के लिए कुछ अन्य शर्तें भी लागू की गई है, जिनका विवरण निम्नलिखित है -

(i) अंशों व ऋणपत्रों के हस्तांतरण को दर्ज करने की तिथि से 30 दिनों की अवधि के भीतर इनसे सम्बन्धित प्रमाण पत्रों का निर्गमन किया जाना चाहिए।


(ii) सम्बन्धित स्कंध विपन्नी को कंपनी के व्यवसाय की प्रकृति में किए गए विशेष परिवर्तन की जानकारी दी जानी चाहिए।


(iii) अंशधारियो को भेजे गए सभी परिपत्रों व नोटिस की प्रतिलिपि स्कंध विपन्नी में अवश्य जमा करवाई जानी चाहिए।


(iv) एक अंशधारी द्वारा कंपनी की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए जरूरी सभी सूचनाएं स्कंध विपन्नी में उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।


(v) कंपनी की पूंजी में किसी भी प्रकार के परिवर्तन की जानकारी स्कंध विपन्नी को देनी होगी।


(vi) अधिकार अंशों या बोनस अंशों के निर्गमन या लाभांश की घोषणा या सिफारिश आदि पर विचार विमर्श करने के लिए बोर्ड की सभा के आयोजन की तिथि की जानकारी स्कंध विपन्नी को देना।

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