Steps taken by SEBI to increase Liquidity in the Stock Market in hindi


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम स्टॉक बाजार की तरलता में वृद्धि करने के लिए SEBI द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में समझेंगे।


स्टॉक बाजार की तरलता में वृद्धि करने के लिए SEBI ने निम्नलिखित कदम उठाए है -

1. कंपनी की प्रतिभूतियों का अभोतिकीकरण करना - इसके अंतर्गत प्रतिभूतियों को पेपर प्रमाण पत्र से परिवर्तित करके इलेक्ट्रॉनिक रूप में कम्प्यूटर पर रिकॉर्ड किया जाता है। इसके लिए कम्प्यूटर पर प्रतिभूतियों को अभौतिक रूप में रखा जाता है, इसके स्वामित्व सम्बन्धी लेखे तैयार किए जाते है व स्वामित्व को हस्तांतरित करने की सुविधा प्रदान की जाती है। प्रतिभूतियों के अभोतिकीकरण करने से बिना किसी कागजी कार्यवाही किए प्रतिभूतियों को कम्प्यूटर के माध्यम से ही खरीदा व बेचा जा सकता है।




Steps taken by SEBI to increase Liquidity in the Stock Market in hindi
Steps taken by SEBI to increase Liquidity in the Stock Market in hindi




प्रतिभूतियों के निवेशकर्ता प्रतिभूतियों को भौतिक रूप में रख सकते है या अभौतिक रूप में रख सकते है। परन्तु अभौतिक रूप में प्रतिभूतियों का लेन देन आसान होने के कारण आज प्रत्येक निवेशकर्ता प्रतिभूतियों को अभौतिक रूप में ही अपने पास रखता है। भारत मे प्रतिभूतियों का अभोतिकीकरण वर्ष 1998 में किया गया था और भारत मे पूंजी बाजार में इसका तेजी से विस्तार हो रहा है।



प्रतिभूतियों के अभोतिकीकरण की विशेषताएं अग्रलिखित है -

(i) लेन देन लागत में कमी।

(ii) निपटारे सम्बन्धी व्ययों में कमी।

(iii) व्यापार व आवर्त में वृद्धि।

(iv) कोई स्टाम्प शुल्क नही।

(v) प्रतिभूतियों का लेन देन बहुत आसान हो जाता है तथा प्रतिभूतियों का यह व्यापार देश के दूर दराज इलाकों तक फैला है।



2. डोरिवेटिव ट्रेडिंग -

(i) भारत मे जून, 2000 स डेरिवेटिव ट्रेडिंग को शुरू किया गया है।

(ii) डेरोवटिव ट्रेडिंग का क्षेत्र समता पर व्यापार, स्टॉक विकल्प, सूचकांक विकल्प व स्टॉक फ्यूचर तक विस्तृत किया गया है।

(iii) डेरोवटिव उत्पादों के व्यापार को विभिन्न चरणों मे शुरू करने को स्वीकृति प्रदान की गई हैं इससे हैजिंग की सुविधा व स्टॉक बाजार की तरलता में वृद्धि होगी।



3. अंशों के अंकित मूल्य सम्बन्धी शर्त की समाप्ति - अभोतिकीकरण अंशों वाली कंपनी के निवेशकर्ताओं को लाभ प्रदान करने तथा ऐसी कंपनी को मुक्त रूप से निर्धारित कीमतों वाले अंशों का निर्गमन करने का अधिकार प्रदान करने के लिए, कंपनी पर से निश्चित अंकित मूल्य रु. 10 या रु  100 प्रति अंश निर्गमन की शर्त को समाप्त किया गया है।



4. प्रतिभूतियों का पुनः क्रय - मान्यता प्राप्त स्कंध विपन्नी पर सूचीबद्ध कंपनियों ने सन 1998-99 से प्रतिभूतियों के पुनः क्रय की सुविधा शुरू की है। इसके परिणामस्वरूप इन प्रतिभूतियों की तरलता में वॄद्धि होगी व अंशधारियो की समाप्ति के भी विस्तार हो सकेगा।



5. द्वितीयक पूंजी बाजार की पारदर्शिता - स्टॉक बाजार की तरलता बढाने के लिए द्वितीयक पूंजी बाजार के सभी लेन देनो को पारदर्शी बनाया गया है। इसके लिए -

(i) सभी स्कंध विपन्नियों के लेन देनो को स्वचालित स्क्रीन आधारित किया गया है व

(ii) बातचीत के आधार पर किए गए सौदों की स्थिति में स्कंध विपन्नी को यह दिशा निर्देश दिए गए है कि वे यह सुनिश्चित करे कि बातचीत से किए हुए सभी सौदों की पूर्ति की जाए व रुपये 25 लाख मूल्य के सौदे या कुल 10,000 अंशों का क्रय विक्रय, 15 मिनट के भीतर कम्प्यूटर स्क्रीन पर प्रकट किया जाए व इस प्रकार के सौदों का स्कंध विपन्नी पर प्रसार किया जाए। 

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