Determine the Quality of a Particular Product for a Particular Market in hindi


हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में हम किसी विशेष उत्पाद की किसी विशेष बाजार के लिए गुणवत्ता को निर्धारित करने के बारे में समझेंगे।


किसी विशेष उत्पाद की किसी विशेष बाजार के लिए गुणवत्ता को निर्धारित करना (Determine the Quality of a Particular Product for a Particular Market)

किसी वस्तु विशेष की किसी बाजार में गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए हम सबसे पहले बाजार का विश्लेषण करके यह सुनिश्चित करेंगे कि उस बाजार में किस वस्तु की आवश्यकता है तथा कितनी मात्रा में आवश्यकता है एवं उस उत्पाद के क्रेताओं का आचार व्यवहार क्या है। उसके बाद हम उस उत्पाद का चुनाव करेंगे।




Determine the Quality of a Particular Product for a Particular Market in hindi
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निम्नलिखित प्रक्रिया के आधार पर उपयुक्त उत्पाद चुनाव किया जा सकता है :

1. विश्लेषण करना - उत्पाद की विशेष बाजार में उपयुक्तता निर्धारित करने के लिए सबसे पहले बाजार का विश्लेषण करना चाहिए अर्थात सबसे पहले विश्लेषण के आधार पर यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि बाजार में किस वस्तु की अधिक मांग है और उसको निर्यात करने से मात्रा में लाभ प्राप्त होगा। जब ये दोनों स्थितियां निर्यातक के अनुकूल हो तभी निर्यातक को निर्यात करने का निर्णय लेना चाहिए।

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2. किस्म या गुणवत्ता - वस्तु की क्वालिटी इस प्रकार की होनी चाहिए कि वह ग्राहकों की इच्छाओं के अनुरूप हो। निर्यातक को विश्लेषण के आधार पर यह पता लगाना चाहिए कि विदेशों में उत्पाद की किस्म या क्वालिटी का स्तर क्या है। अगर वस्तु की क्वालिटी उचित नही है तो उसमें आवश्यक परिवर्तन कर ग्राहकों की इच्छाओं के अनुरूप बनाना चाहिए तभी वस्तु उस बाजार के लिए उपयुक्त होगी।


3. उपभोक्ता विश्लेषण - किसी उत्पाद का निर्माण करने से पहले उपभोक्ताओं का विश्लेषण करना चाहिए। इस विश्लेषण के आधार पर ही उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं, रुचियों तथा इच्छाओं का अनुमान लगाया जा सकता है। इसी अनुमान के आधार पर उपभोक्ताओं के अनुकूल उत्पाद का निर्माण किया जा सकता है।


4. प्रतियोगिता विश्लेषण - उपभोक्ता विश्लेषण करने के बाद सम्भावित प्रतियोगिता का विश्लेषण करना चाहिए जिसके द्वारा उत्पादक यह जान सकता है कि जिस उत्पाद का वह निर्णय करने जा रहा है उसके बाजार में कितने प्रतियोगी हो सकते है, उनको उसे सामना करना पड़ सकता है अर्थात वह प्रतियोगिता का पूर्ण अनुमान लगाकर अपने उत्पादों को बाजार में सफलता दिला सकता है।


5. उत्पादन क्षमता निर्धारित करना - एक उत्पाद का निर्माण करने के लिए उत्पादक को फर्म की क्षमता का भी निर्धारण कर लेना चाहिए। फर्म की उत्पादन क्षमता को जानकर पर्याप्त मात्रा में उत्पादन करना चाहिए उत्पादन आवश्यकता से अधिक तथा कम नही होना चाहिए क्योंकि इससे संस्था की ख्याति पर प्रभाव पड़ेगा।


6. नए उत्पाद का निर्माण - जब बाजार के विश्लेषण तथा किस्म का स्तर जाने लेने के बाद उत्पाद के निर्माण का निर्णय लिया जाता है तो निर्यातक यह सुनिश्चित कर लेता है कि उसके पास वस्तु निर्माण के लिए जरूरी संसाधन है या नही। अगर उसके पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है तो ही उत्पाद का निर्माण किया जाता है।


7. कीमत का निर्धारण करना - उत्पाद का निर्माण कर लेने के बाद उसकी कीमत का निर्धारण कर लेना चाहिए। उत्पाद की कीमत तथा बाजार मांग में समन्वय होना चाहिए। कीमत का निर्धारण सभी बाजार तत्वों को ध्यान में रखकर करना चाहिए।


8. ब्रांड - किसी उत्पाद का ब्रांड भी बाजार के लिए उसकी उपयुक्तता निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर ब्रांड बाजार की विशेषताओं से सम्बंधित है तो इसकी सफलता की संभावनाएं अधिक होती है।


9. रंग - विभिन्न उत्पाद का रंग भी बाजार विशेष उसकी उपयुक्तता को निर्धारित करता है। विभिन्न देशों में प्रचलित सामाजिक एवं धार्मिक नियमों के अनुसार ही उत्पाद के रंग का चुनाव किया जाता है। 

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