Product Development in International Marketing in Hindi


हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में हम उत्पाद विकास का अर्थ और इसके महत्व के बारे में जानेंगे।


उत्पाद विकास (Product Development)

उत्पाद विकास से अभिप्राय बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप उत्पाद विचार को वास्तविक उत्पाद में परिवर्तित करने से है। दूसरे शब्दों में, उत्पाद विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत उत्पाद नियोजन में लिए गए निर्णयों को व्यावहारिक रूप देने के लिए उत्पाद से सम्बंधित अनुसन्धान, डिजाइनिंग, नव उत्पाद विकास जैसी तकनीकी क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है।




Product Development and its Importancein International Marketing in Hindi
Product Development and its Importancein International Marketing in Hindi





उत्पाद विकास का महत्व (Importance of Product Development)

उत्पाद विकास राष्ट्रीय, अन्तराष्ट्रीय, समाज तथा उपभोक्ताओं कर दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण विपणन किया है। इसके महत्व को इस प्रकार से समझेंगे :

1. फर्म को अधिकतम लाभ - उत्पाद विकास के द्वारा वर्तमान वस्तुओं में अन्तराष्ट्रीय बाजार के अनुसार संशोधन किया जाता है जिससे वस्तुओं की उपयोगिता का सृजन होता है। वस्तुओं की गुणवत्ता में वृद्धि होने से अन्तराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग में वृद्धि होती है। इससे वस्तुओं की बिक्री में वृद्धि होती है जिससे लाभों में वृद्धि होती है। इस प्रकार फर्मों को उत्पाद विशिष्टीकरण के लाभ प्राप्त होते है।


2. औद्योगिक स्थिरता में वृद्धि - व्यावसायिक संस्थाओं द्वारा किए जाने वाले उत्पाद विकास कार्यक्रम में उत्पाद रेखाओं के विस्तार एवं संकुचन किया जाता है जिससे अर्थव्यवस्था में मांग व पूर्ति सन्तुलित रहती है तथा रोजगार के अवसरों में भी कोई कमी नही होती है। परिणामस्वरूप औद्योगिक स्थिरता को प्रोत्साहन मिलता है। इसके अतिरिक्त व्यावसायिक संस्थाओं के उत्पाद विविधीकरण एवं उत्पाद सुधार कार्यक्रम औद्योगिक प्रगति को गत्यात्मकता प्रदान करते है।


3. फर्म की स्थिरता - उत्पाद विकास के अंतर्गत जब नवीन उत्पादों का अनुसन्धान किया जाता है तथा वर्तमान उत्पादों की कुशलता को बढ़ाया जाता है तो ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी होती है जिसके फलस्वरूप संस्था की बिक्री तथा लाभों को बढ़ावा मिलता है तथा फर्म दीर्घकाल तक बाजार में अपना अस्तित्व स्थापित रख सकती है। वर्तमान प्रतिस्पर्धात्मक युग मे उत्पाद विकास के बिना बाजार में टिके रहना काफी मुश्किल कार्य है।


4. उपभोक्ताओं का सन्तुष्टिकरण - अन्तराष्ट्रीय बाजार में उपभोक्ताओं को अधिकतम सन्तुष्टि उस समय प्राप्त होती है जब उन्हें अपनी आवश्यकता, इच्छा, रुचि, पसन्द आदि के अनुरूप वस्तुए प्राप्त होती है। उत्पाद विकास द्वारा वस्तुएं के स्तर में वृद्धि की जाती है तथा विभिन्न उपयोगिताओं का सृजन किया जाता है ताकि उपभोक्ताओं को मनोवैज्ञानिक सन्तुष्टि प्राप्त हो सके। अतः विदेशी उपभोक्ताओं की दृष्टि से भी उत्पाद विकास अत्यंत आवश्यक है।


इन व्याख्या से स्पष्ट है कि नवीन उत्पादों के विकास द्वारा ही संस्था के विदेशी बाजारों के विकास होता है। यह उत्पाद के सुधार तथा निष्पादन-मूल्यांकन के आधारों के विकास को समझाता है। उत्पाद विकास व्यावसायिक संस्थाओं के विकास, अस्तित्व, स्थिति, विस्तार आदि से जुड़ा हुआ है। अतः उत्पाद विकास को विदेशी संस्थाओं का जीवन रक्त कहा जाता है।

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