Distribution Channel for Small Manufacturer in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में हम लघु उत्पाद के लिए वितरण सारणी या श्रृंखलाओं के बारे में जानकारी

एक लघु उत्पादक की वस्तुओं के लिए हम वितरण माध्यम के अप्रत्यक्ष रूप के सुझाव देंगे क्योंकि कुछ तत्व जैसे लागत, प्रतियोगिता, उत्पाद की मात्रा आदि उसे अप्रत्यक्ष माध्यम का चुनाव करने के लिए निर्देश देते है। एक लघु उत्पादक को अप्रत्यक्ष माध्यम का चुनाव के लिए निर्देश देने वाले तत्व निम्नलिखित है :



लघु उत्पाद के लिए वितरण सारणी या श्रृंखलाएं
लघु उत्पाद के लिए वितरण सारणी या श्रृंखलाएं




1. लागत तत्व - एक लघु उत्पादक उत्पादन की अधिक मात्रा की आवश्यकता तथा उच्च लागत के कारण अपने खुद के माध्यम की स्थापना नही कर सकता।

वितरण माध्यम के प्रकार

2. प्रतियोगिता - एक लघु उत्पादक विदेशी बाजार में बड़े उत्पादक के विरुद्ध प्रतियोगिता नही कर सकता क्योंकि उसे बाजार मांग तथा सुपुर्दगी सम्बन्धी स्थितियों की जानकारी नही होती जहां वह अपने उत्पाद को लाभदायकता से बेच सके।


3. उत्पाद की मात्रा - लघु उत्पादक विदेशी बाजारों में प्रत्यक्ष विक्रय करने में सक्षम नही होते क्योंकि एक ही श्रेणी के उत्पादों को लाभदायकता से नही बेचा जा सकता, इसलिए उसे एक अप्रत्यक्ष माध्यम की आवश्यकता होती है जोकि उसके उत्पाद को विदेशी बाजारों में उपलब्ध थोक विक्रेता को बेच सके।


4. झंझटों से मुक्ति - एक उत्पादक समय समय पर आवश्यक प्रतिपुष्टि तथा सूचना व्यापार से सम्बंधित एजेंटों से प्राप्त कर सकता है। उसे खुद इसके लिए कोई जोखिम नही उठाना पड़ता।

निष्कर्ष रूप में उपर्युक्त दिए गए तत्वों से यह स्पष्ट होता है कि एक लघु उत्पादक के लिए अप्रत्यक्ष वितरण माध्यम उचित है।




क्या उत्पादों और सेवाओं के लिए एक ही प्रकार का वितरण माध्यम होता है ?

सभी वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए समान वितरण माध्यम का प्रयोग नही किया जाता। रिचर्ड के अनुसार, वितरण माध्यमो का आशय उन आर्थिक संस्थाओं की रीतियों से है जिनके द्वारा उत्पादक अपना माल प्रयोगकर्ताओं के हाथ मे सौंपता है। अतः वितरण माध्यम में उत्पाद के स्वामित्व का हस्तांतरण होना अनिवार्य है परंतु सेवा में उत्पाद के स्वामित्व का हस्तांतरण नही होता। इसमे उपभोक्ता केवल दी जाने वाली सेवा का ही उपयोग करता है। इसलिए वे संस्थाएं जो केवल विपणन सेवाएं ही प्रदान करती है और उत्पादों के स्वामित्व हस्तांतरण में प्रत्यक्ष रूप से भाग नही लेती, उन्हें वितरण माध्यम में सम्मिलित नही किया जाता। जैसे भण्डारगृह, परिवहन संस्थाएं, बैंक आदि।


वस्तुओं के विक्रय के लिए थोक विक्रेता तथा फुटकर विक्रेता आदि वितरण माध्यमों का प्रयोग किया जाता है जबकि सेवाओं के हस्तांतरण के लिए विभिन्न संस्थाओं का प्रयोग किया जाता है न कि थोक विक्रेता और फुटकर विक्रेता का। इस प्रकार स्पष्ट होता है कि विभिन्न उत्पादों व सेवाओं के लिए अलग अलग वितरण माध्यमों का प्रयोग होता है। 

Post a Comment