Importance of Physical Distribution in International Marketing in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में अन्तराष्ट्रीय विपणन में भौतिक वितरण के महत्व के बारे में बताया गया है।


भौतिक वितरण का महत्व (Importance of Physical Distribution)

अन्तराष्ट्रीय विपणन में भौतिक वितरण के महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं से स्पष्ट किया जाता है :

1. ख्याति में वृद्धि - एक कुशल भौतिक वितरण सही उत्पाद की सही समय तथा सही स्थान पर उपलब्धता सुनिश्चित करके संगठन की ख्याति में वृद्धि करने के सहायता करता है।



अन्तराष्ट्रीय विपणन में भौतिक वितरण का महत्व
अन्तराष्ट्रीय विपणन में भौतिक वितरण का महत्व




2. ग्राहकों की सन्तुष्टि - सही उत्पाद की सही समय पर उपलब्धता ग्राहकों की सन्तुष्टि को बढ़ावा देती हैं ग्राहकों की सन्तुष्टि संगठन के दीर्घकालीन अस्तित्त्व के लिए बहुत जरूरी है।


3. विक्रय तथा लाभों में वृद्धि - अगर एक संगठन कुशल भौतिक वितरण करने में सक्षम है तो यह अपने ग्राहकों को सरलता से संतुष्ट कर सकता है जिससे स्वतः ही विक्रयों तथा लाभों में वृद्धि हो जाती है।

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4. कीमत स्थिरीकरण - एक कुशल भौतिक वितरण का अन्य महत्व कीमत स्थिरीकरण के रूप में सामने आता है। भौतिक वितरण की सहायता से उत्पादों को आधिक्य के स्थान से न्यूनता के स्थान पर हस्तांतरित किया जाता है जिससे कीमतों में स्थिरता आती है।


5. साधनों का अनुकूलतम उपयोग - एक कुशल भौतिक वितरण संगठन के साधनों के अनुकूलतम उपयोग में भी सहायता करता है। भौतिक वितरण द्वारा उत्पादन तथा विक्रय के बीच संतुलन बनाया जा सकता है। अतः साधनों के क्षय से बचा जा सकता है।


6. विक्रय एजेंटों के मनोबल में वृद्धि - प्रत्येक अन्तराष्ट्रीय विपननकर्ता विदेशी बाजारों में अपने विक्रय एजेंटों की नियुक्ति करता है। एक कुशल भौतिक वितरण उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में बहुत सहायक सिद्ध हो सकता है। यह विक्रय एजेंटों के मनोबल में वृद्धि करता है।


7. प्रतिस्पर्धा का सामना करने में सहायक - अधिकतर विदेशी बाजार उच्च प्रतियोगिता उन्नमुख होते है क्योंकि विभिन्न देशों के विपननकर्ता अपने उत्पादों का विक्रय इन बाजारो में करते है। एक संगठन केवल संगठन केवल कुशल भौतिक वितरण का विकास करके ही इस प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकता है।


8. वितरण की लागत में कमी - एक कुशल भौतिक वितरण इस रूप में भी महत्वपूर्ण होता है कि यह वितरण की लागत में कमी करता है। यद्यपि प्राथमिक अवस्था मे वितरण प्रणाली की स्थापना पर उच्च लागत आ सकती है तथापि इसके लाभ लंबे समय तक प्राप्त किए जा सकते है।




माल गोदाम के कार्य

माल गोदाम किसानों, उत्पादकों, थोक व्यापारियों एवं फुटकर व्यापारियों को महत्वपूर्ण सेवा प्रदान करता है। माल गोदाम के कार्य इस प्रकार है :

1. माल का संग्रह - माल गोदाम मौसम के अनुसार उत्पादित होने वाली वस्तुओं का सुरक्षित संग्रह करके पूरे वर्ष योजनाबद्ध ढंग स बाजार में उपलब्ध करवाते है।


2. क्रय से पहले जांच की सुविधा - क्रेता माल विक्रय करने से पूर्व माल गोदाम में जाकर माल की जांच पड़ताल कर सकता हैं अतः ये क्रेताओं को क्रय से पहले जांच की सुविधा प्रदान करते है।


3. माल को बिक्री योग्य बनाने से सम्बंधित कार्य - कई वस्तुएं उत्पादन के एकदम बाद विक्रय नही की जा सकती। उन्हें विक्रय योग्य बनाने के लिए कुछ अतिरिक्त कार्य करने होते है जैसे माल को श्रेणीबद्ध करना, उनको डिब्बों में रखना आदि।


4. मांग एवं पूर्ति में सन्तुलन - वस्तुओं की पूर्ति अधिक तथा मांग कम होने पर वे माल गोदाम में जमा करवा दी जाती है। इसके विपरीत वस्तुओं की मांग अधिक व पूर्ति कम होने पर वे गोदाम से निकाल ली जाती है। इस प्रकार यह मांग एवं पूर्ति में संतुलन स्थापित करता है। 

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