अन्तराष्ट्रीय भुगतान का अर्थ और विशेषताएं
हेलो दोस्तों।
इस पोस्ट में हम अन्तराष्ट्रीय भुगतान और इसकी विशेषताओं के बारे में जानेंगे।
अन्तराष्ट्रीय भुगतान (International Payments)
व्यापार में क्रेता क्रय की गई वस्तु के बदले मूल्य का भुगतान करता है। जब यह भुगतान दो देशों के बीच किया जाता है तो उसे अन्तराष्ट्रीय भुगतान कहा जाता हैं जैसे अगर अमेरिका ने भारत को कुछ माल भेजा है तो भारत का ग्राहक जब अमेरिका के विक्रेता को भुगतान करेगा तो यह अन्तराष्ट्रीय भुगतान कहलाएगा।
Meaning and Characteristics of International Payments in Hindi |
अन्तराष्ट्रीय व्यापार में आयातक एवं निर्यातक अलग अलग देशों में होते है इसलिए भुगतान की समस्या थोड़ी जटिल होती है। इसके अतिरिक्त विभिन्न देशों में अलग अलग मुद्रा चलन में होती है। अन्तराष्ट्रीय विपणन में आयातक एवं निर्यातक को व्यापार करने से पहले यह तय कर लेना चाहिए कि वे भुगतान के लिए कौन सी विधि को अपनाएंगे, ताकि बाद में मतभेद उतपन्न न हो। इस सम्बंध में आयातक एवं निर्यातक को लिखित अनुबन्ध कर लेना चाहिए।
अन्तराष्ट्रीय उद्धरण जाने
अन्तराष्ट्रीय भुगतान में निम्नलिखित विशेषताएं पाई जाती है :
1. दो पक्षकार - देशी व्यापार की भांति अन्तराष्ट्रीय व्यापार में भी कम से कम दो पक्षकार होते है। एक भुगतान देने वाला और दूसरा भुगतान प्राप्त करने वाला।
2. दो देशों के बीच लेन-देन - दो देशों के बीच होने वाले व्यापार को अन्तराष्ट्रीय व्यापार कहते है। वह देश जिसके द्वारा माल दूसरे देशों को बेचा जाता है, निर्यातक देश कहलाता है तथा दूसरा देश जो माल खरीदता है, आयातक देश कहलाता है। इस प्रकार अन्तराष्ट्रीय व्यापार में दोनों देशों के बीच लेन-देन होता है।
अन्तराष्ट्रीय भुगतान का महत्व
अन्तराष्ट्रीय उद्धरण जाने
अन्तराष्ट्रीय भुगतान की विशेषताएं (Characteristics of International Payment)
अन्तराष्ट्रीय भुगतान में निम्नलिखित विशेषताएं पाई जाती है :
1. दो पक्षकार - देशी व्यापार की भांति अन्तराष्ट्रीय व्यापार में भी कम से कम दो पक्षकार होते है। एक भुगतान देने वाला और दूसरा भुगतान प्राप्त करने वाला।
2. दो देशों के बीच लेन-देन - दो देशों के बीच होने वाले व्यापार को अन्तराष्ट्रीय व्यापार कहते है। वह देश जिसके द्वारा माल दूसरे देशों को बेचा जाता है, निर्यातक देश कहलाता है तथा दूसरा देश जो माल खरीदता है, आयातक देश कहलाता है। इस प्रकार अन्तराष्ट्रीय व्यापार में दोनों देशों के बीच लेन-देन होता है।
अन्तराष्ट्रीय भुगतान का महत्व
3. मूल्य हस्तांतरण - क्योंकि आंतराष्ट्रीय भुगतान में दो देशों की मुद्राएं अलग अलग होती है। इसके विपरीत देशी भुगतान में मुद्रा हस्तांतरित होती है।
4. कठिन प्रणाली - अन्तराष्ट्रीय भुगतान की कार्यप्रणाली कठिन है। इसका कारण यह है कि दोनों देशों में अलग अलग मुद्रा, विदेशी विनिमय नियमन, कानून व अलग अलग विनिमय दरें होती है।
5. विभिन्न विधियां - अन्तराष्ट्रीय भुगतान की अनेक विधियां प्रचलित है जिनके माध्यम से भुगतान किया जाता है जैसे विनिमय बिल, पेशगी भुगतान, खुले खाते के अंतर्गत भुगतान इत्यादि।
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