प्रलेखीय साख या साख पत्र और इसके प्रकार के बारे में जानकारी


हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में हम प्रलेखीय साख या साख पत्र का अर्थ और इसके प्रकार के बारे में समझेंगे।


प्रलेखीय साख या साख पत्र (Documentary Credit or Letters of Credit)

साख पत्र एक प्रकार का पत्र है जो बैंकों द्वारा जारी किया जाता है। इसके माध्यम से बैंको द्वारा अन्तराष्ट्रीय व्यापार में अल्पकालीन साख प्रदान की जाती है। ये साख पत्र विनिमय बिल की तरह ही कार्य करते है। इन पत्रों के आधार पर ऋण या साख का आदान प्रदान होता है। साख प्रमाण पत्र एक ऐसा प्रमाण पत्र है जो किसी व्यक्ति, बैंक या संस्था द्वारा लिखा जाता है जिसमें किसी अन्य व्यक्ति या बैंक को कहा जाता है कि वह उस पत्र में, अंकित व्यक्ति को एक निश्चित रकम का भुगतान कर दे। इन साख पत्रों को प्रलेखीय साख पत्र भी कहा जाता है।



Meaning and Types of Documentary Credit or Letters of Credit in Hindi
Meaning and Types of Documentary Credit or Letters of Credit in Hindi




इन्हें प्रलेखीय साख पत्र केवल उस परिस्थिति में कहते है जब अन्तराष्ट्रीय स्तर पर निर्यातकर्ता को भुगतान प्राप्त करते समय मांग से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रलेखों को बैंक के समक्ष प्रस्तुत करना होता है।

अन्तराष्ट्रीय भुगतान और इसकी विशेषताएं


प्रलेखीय साख के प्रकार (Types of Letter of Credit)

प्रलेखीय साख के प्रकार अग्रलिखित है :

1. पुष्टिकृत तथा अपुष्टिकृत - पुष्टिकृत साख पत्र के अंतर्गत साख खोलने वाला बैंक अभिकर्ता बैंक को यह गारन्टी देता है कि बिल स्वीकार कर लिया जाएगा या भुगतान कर दिया जाएगा। इसके विपरीत अपुष्टिकृत साख पत्र के अन्तर्गत साख खोलने वाले बैंक द्वारा एजेंट बैंक को साख पत्र की पुष्टि का अधिकार नही दिया जाता। इस प्रकार के साख पत्रों में अगर एजेंट बैंक को साख खोलने वाले बैंक से भुगतान प्राप्त नही होता तो निर्यातकर्ता का दायित्व बना रहता है।


2. खण्डनीय तथा अखण्डनीय साख पत्र - खण्डनीय साख पत्र ऐसे साख पत्रो को कहते है जो माल बेचने वाले को सूचित किए बिना रद्द कर दिए जाते है या परिवर्तित कर दिए जाते है। ऐसे परिवर्तन या रद्द होने के कारण बैंक पर कोई प्रभाव नही पड़ता। इसके विपरीत अखण्डनीय साख को बिना सभी पक्षकारों की सहमति के रद्द नही किया जा सकता तथा इसके अंतर्गत बैंक पर एक निश्चित राशि तक के भुगतान की कानूनी बाध्यता भी होती है।


3. हस्तांतरणीय तथा अहस्तांतरणीय साख पत्र - इस प्रकार के साख पत्र के अन्तर्गत निर्यातक को यह अधिकार होता है कि वह साख पत्र की राशि खुद प्राप्त करे या निर्यातकर्ता ने जिस व्यक्ति से माल खरीदा है वह प्राप्त करे। इसके अतिरिक्त अहस्तांतरणीय साख पत्र के अंतर्गत भुगतान पाने का अधिकार केवल लाभार्थी को ही होता है।


4. लाल वाक्य साख पत्र - साख पत्र के इस प्रकार में साख पत्र का उपयोग आयातक से पेशगी या एडवांस रकम प्राप्त करने के लिए किया जाता है। निर्यातक द्वारा यह रकम अपने व्यवसाय के प्रबंध के लिए प्रयोग की जाती है।


5. आश्रय विहीन साख पत्र - कुछ साख पत्र ऐसे होते है जिनमें यह व्यवस्था होती है कि अगर आयातकर्ता ने किसी कारणवश बैंक को रकम का भुगतान नही किया तो बैंक यह रकम निर्यातकर्ता से प्राप्त कर सकता है। ऐसी स्थिति में निर्यातक के जोखिम में वृद्धि होती है। अतः निर्यातक प्रायः ऐसे साख पत्रों को स्वीकार करने में हिचकिचाते है। इन्हें ही आश्रय विहीन साख पत्र कहा जाता है। 

Post a Comment