Country Risk and Political Risk in Business Environment in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में देशीय जोखिम व राजनीतिक जोखिम के बारे में जानेंगे।

बड़ी व्यावसायिक इकाइयां अपने घरेलू देश के देशीय व राजनीतिक जोखिम विश्लेषण के अलावा उन दूसरे देशों के देशीय व राजनीतिक जोखिम का भी निरन्तर विश्लेषण करती है, जिनमे व निवेश करती है या निवेश करने की योजना बना रही है। बहुराष्ट्रीय कंपनियां विभिन्न देशों के देशीय जोखिम का निरन्तर विश्लेषण करती रहती है ताकि वे यह निर्धारित कर सके कि किस देश मे निवेश सर्वाधिक लाभप्रद रहेगा। देशीय जोखिम अधिक व्यापक शब्द है, जिसमें आर्थिक व राजनीतिक जोखिम व राजनीतिक जोखिम भी शामिल है। देशीय जोखिम व्यवसाय को प्रायः समष्टि स्तर पर प्रभावित करता है, अर्थात यह देश की सभी स्तर पर या व्यष्टि/सूक्ष्म स्तर पर हो सकता है।



देशीय जोखिम व राजनीतिक जोखिम के बारे में जानकारी
देशीय जोखिम व राजनीतिक जोखिम के बारे में जानकारी




देशीय जोखिम (Country Risk)

देशीय जोखिम का तात्पर्य विश्व के अन्य देशों के किसी विशेष देश के प्रति सोच विचार से है। यह सोच घरेलू संस्थाओं की सोच से अलग भी हो सकती है। यह जोखिम प्रायः समष्टि स्तर पर होता है। यह किसी देश मे निवेश से सम्बन्धित जोखिम को दर्शाता है। यह जोखिम उस देश की व्यावसायिक इकाइयों को लाभदायकता और सम्पत्ति के मूल्यों को कुप्रभावित करता है। इसमें राजनीतिक जोखिम के अलावा आर्थिक व वित्तीय जोखिम भी शामिल है। यह निम्न कारणों से उतपन्न होता है :

1. देश मे फैले आतंकवादी हमले, दंगे फसाद, गृह युद्ध।

2. राजनीतिक अस्थिरता

3. चारों ओर फैला भ्रष्टाचार

4. अफसरशाही से सम्बंधित

5. आर्थिक नीतियों में बदलाव

6. खराब औद्योगिक सम्बन्ध

7. करों की दरों में वृद्धि

8. सख्त श्रम कानून व कामचोरी की प्रवृति

9. सरकारी बजट में बड़ा घाटा

10. मुद्रा फैलाव की अधिक दर

11. अवमूल्यन, सख्त मुद्रा नियंत्रण

12. धीमी न्यायिक व्यवस्था

13. पड़ोसी देशों से खराब सम्बन्ध

14. खराब मौसम, जैसे अत्यधिक गर्मी या ठंड, प्रतिकूल भौगोलिक दशाएं आदि।

व्यावसायिक जोखिम जाने


राजनीतिक जोखिम (Political Risk)

सरकारी की राजनीतिक नीतियों के परिणामस्वरूप व्यावसायिक इकाइयों को कईं बाधाओं का सामना करना पड़ता है। प्रायः राजनीतिक अस्थिरता के कारण सरकार की नीतियों, विचारधारा, अन्य राष्ट्रों से सम्बन्धों, केंद्र राज्य सम्बन्धों आदि के परिवर्तन आता रहता है, जैसे अफसरशाही से सम्बंधित बाधाएं, अत्यधिक कानूनी प्रावधान जिससे उनका सही अर्थ जानना कठिन हो जाए, पारदर्शिता का अभाव, भ्रष्टाचार, धीमी न्यायिक प्रक्रिया आदि। ये सभी राजनीतिक जोखिम में शामिल है। राजनीतिक जोखिम विदेशी निवेश के अन्तरप्रवाह में बहुत बड़ी बाधा है। विदेशी निवेशक ऐसे देश मे निवेश करना पसंद नही करते जिनमें अस्थिर सत्ताधारी सरकार के कारण सरकार की नीतियों में निरन्तर परिवर्तन आता रहता है, जिससे व्यावसायिक इकाइयों के लिए अनिश्चितता बनी रहती है। राजनीतिक जोखिम मुख्यतया दो प्रकार का होता है :

1. समष्टि स्तरीय राजनीतिक जोखिम - यह बड़े भौगोलिक क्षेत्र में सभी व्यावसायिक इकाइयों को या बड़े क्षेत्र में किसी विशेष उद्योग की सभी व्यावसायिक इकाइयों को प्रभावित करता है यह राजनीतिक अस्थिरता, अफसरशाही सम्बन्धी बाधाएं, सर्वव्यापी भ्रष्टाचार, कमजोर कानून व न्यायिक व्यवस्था आदि घटकों के कारण उतपन्न हो सकता है।


2. सूक्ष्म स्तरीय राजनीतिक जोखिम - यह जोखिम किसी विशेष परियोजना से सम्बन्धित होता है। यह जोखिम किसी विशेष उद्योग को या किसी विशेष व्यावसायिक इकाई को या किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में सभी औद्योगिक इकाइयों को प्रभावित करता है। यह जोखिम, जन सामान्य का किसी विशेष व्यावसायिक परियोजना के प्रति रोष या किसी राजनीतिक पार्टी के विरोध के कारण हो सकता है। जैसे पश्चित बंगाल में नैनो कार परियोजना का वहां की सामान्य जनता व स्थानीय राजनीतिक पार्टी द्वारा सख्त विरोध किया गया था। जिससे पश्चिम बंगाल में नैनो कार बनाने वाली निर्माणी इकाई बंद हो गयी तथा इसे बंगाल की जगह गुजरात मे लगाया गया।

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