स्वतंत्र व्यापार के विपक्ष में तर्क के बारे में जानकारी

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में स्वतंत्र व्यापार के विपक्ष के तर्क के बारे में जानेंगे।


स्वतंत्र व्यापार के विपक्ष में तर्क (Arguments Against Free Trade)

स्वतंत्र व्यापार के लाभों के बावजूद भी 1929-33 की विश्व मंदी के सैद्धान्तिक तथा व्यावसायिक आधार पर सभी देशों ने इस नीति का त्याग कर दिया। स्वतंत्र व्यापार के विपक्ष में निम्नलिखित तर्क दिए जाते है :

1. पूर्ण प्रतियोगिता और अहस्तक्षेप व्यापार नीति का अप्रचलन - स्वतंत्र व्यापार के लिए अहस्तक्षेप की नीति तथा पूर्ण प्रतियोगिता की अवस्था में संयंत्र की प्रक्रिया का क्रियाशील होना आवश्यक है। किंतु ये शर्तें वर्तमान समय के संसार मे नही पाई जाती है। एकाधिकार, कार्टलज, अपूर्ण श्रम बाजार तथा सीमा शुल्कों के प्रचलन में होने के कारण स्वतंत्र व्यापार को त्यागना पड़ा था।



स्वतंत्र व्यापार के विपक्ष में तर्क के बारे में जानकारी
स्वतंत्र व्यापार के विपक्ष में तर्क के बारे में जानकारी




2. एक पक्षीय आर्थिक विकास - स्वतंत्र व्यापार की नीति के अंतर्गत कुछ उद्योगों को तुलनात्मक लाभ प्राप्त होते है किंतु अन्य उद्योग विकसित नही होते। अतः इस कारण अर्थव्यवस्था का एक पक्षीय विकास ही हो पाता है।


3. हानिकारक वस्तुएं - क्योंकि स्वतंत्र व्यापार की व्यवस्था में अहस्तक्षेप की नीति का पालन किया जाता था तथा राज्य द्वारा राष्ट्रों के बीच वस्तुओं के आने जाने पर कोई प्रतिबन्ध नही लगाए जाते थे, इस कारण अनेक देशों के अनैतिक व्यापारियों ने हानिकारक वस्तुओं का बड़े पैमाने पर आयात आरम्भ कर लिया। इनका देश के स्वास्थ्य तथा कल्याण पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ा। ऐसी वस्तुओं के आयात पर व्यावसायिक प्रतिबन्ध लगाना अनिवार्य बन गया।

स्वतंत्र व्यापार और इसके पक्ष में तर्क भी जाने

4. गलाकाट प्रतियोगिता - जो देश बेहतर उत्पादन साधनों से सम्पन्न होते है वे कुछ वस्तुओं का उत्पादन, अन्य देशों की तुलना में, सस्ता करने के योग्य होते है। इससे स्वतंत्र व्यापार के अंतर्गत विश्व बाजार में गलाकाट प्रतियोगिता आरम्भ हुई जो घरेलू उद्योगों के लिए हानिकारक सिद्ध हुई। अतः अन्तराष्ट्रीय व्यापार पर प्रतिबंध लगाना अनिवार्य हो गया।


5. एकाधिकार - स्वतंत्र व्यापार के कारण अन्तराष्ट्रीय एकाधिकारों तथा स्थानीय एकाधिकारों को बढ़ावा मिला है।


6. आर्थिक विकास में रुकावटें - विकसित देशों के स्वतंत्र व्यापार की नीति के फलस्वरूप अल्पविकसित देशों का शोषण किया है तथा उनके आर्थिक विकास में कईं प्रकार की बाधाएं भी उतपन्न की है। अतः अल्पविकसित देशों को अपने आर्थिक विकास के लिए स्वतंत्र व्यापार की नीति का त्याग करना पड़ा है।


7. बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा अपनाए गए गलत व्यवहार - स्वतंत्र व्यापार की नीति के फलस्वरूप बहुराष्ट्रीय निगमों तथा विशाल औद्योगिक प्रतिष्ठानों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलता है। ये बहुराष्ट्रीय निगम एकाधिकार की स्थिति को प्राप्त करने का प्रयत्न करते है। इसके लिए प्रशासन को भ्रष्ट करते है, अपने प्रतियोगियों को नष्ट करने के लिए गैर कानूनी तरीके भी अपनाते है। प्रत्येक देश की सरकार उनके कार्यों पर नियंत्रण रखने के लिए स्वतंत्र व्यापार में हस्तक्षेप करती है। 

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