Main International Institutions in Global Financial System in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में हम वैश्विक वित्तीय प्रणाली में मुख्य अन्तराष्ट्रीय संस्थाओं के बारे में जानेंगे।


वैश्विक वित्तीय प्रणाली में मुख्य अन्तराष्ट्रीय संस्थाएं (Main International Institutions in Global Financial System)

अन्तराष्ट्रीय व्यापार एवं वित्त के क्षेत्र में निम्नलिखित मुख्य अन्तराष्ट्रीय आर्थिक संस्थाएं कार्य कर रही हैं :

1. अन्तराष्ट्रीय मुद्रा कोष - अन्तराष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना वर्ष 1945 में कई गयी। इसके मुख्य उद्देश्य विश्व व्यापार सम्बन्धी समस्याओं को हल करना, अन्तराष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देना, विभिन्न देशों की करेंसियों के बीच विनिमय दर को निर्धारित करना, सदस्य देशों की भुगतान शेष में अस्थायी असंतुलन की समस्या को हल करना आदि है। अप्रैल 2014 में IMF के सदस्य 188 थी। इनके मुख्य कार्य निम्नलिखित है :


वैश्विक वित्तीय प्रणाली में मुख्य अन्तराष्ट्रीय संस्थाएं
वैश्विक वित्तीय प्रणाली में मुख्य अन्तराष्ट्रीय संस्थाएं



(i) अन्तराष्ट्रीय मौद्रिक समस्याओं के समाधान के लिए सदस्य देशों को विशेषज्ञों का परामर्श उपलब्ध करवाना।

(ii) आपातकालीन स्थिति में यह अपने सदस्य देशों को सहायता उपलब्ध करवाता है।

(iii) यह धनी देशों को निर्धन देशों में निवेश करने के लिए प्रेरित करने के लिए उन्हें मौद्रिक सहायता प्रदान करता है।

(iv) यह सदस्य देशों के दीर्घकालीन कोषों को लाभकारी क्रियाओं में निवेश करने में सहायता करता है।

वैश्विक वित्तीय व्यवस्था

2. विश्व बैंक - विश्व बैंक की स्थापना वर्ष 1945 में कई गयी। इसका मुख्य उद्देश्य युद्ध से नष्ट हुई अर्थव्यवस्थाओं के पुननिर्माण तथा सभी विकसित एवं अल्पविकसित देशों के आर्थिक विकास के लिए कोषों की व्यवस्था करना था। अप्रैल 2014 में विश्व बैंक के सदस्य देशों की संख्या 188 थी। इसके कार्य इस प्रकार है :

(i) यह सदस्य देशों में अपने विशेषज्ञों को भेजकर उनके तकनीकी सहायता व आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करता है।

(ii) यह सदस्य देशों को विभिन्न देशों से दी जाने वाली सहायता का समन्वय भी करता है।

(iii) विकासशील देशों को कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाने के लिए 'तीसरी खिड़की योजना' चलाई गई है।


3. संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन - अंकटाड की स्थापना संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा 1964 में अल्पविकसित व विकासशील देशों के अन्तराष्ट्रीय व्यापार व आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए की गई। इसके मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है :

(i) अन्तराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं एयर विकसित देशों से विकासशील देशों के आर्थिक विकास के लिए अधिक वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाना।

(ii) अति अल्पविकसित देशों, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र हार्ड कोर देश कहता है, उनके विकास के लिए विशेष उपाय करना।

(iii) विभिन्न देशों की सरकारों और विभिन्न क्षेत्रीय आर्थिक समूहों जैसे SAARC, ASEAN आदि की विकासात्मक नीतियों के बीच समन्वय स्थापित करना।


4. विश्व व्यापार संगठन - विश्व व्यापार संगठन ने प्रशुल्क एवं व्यापार सम्बन्धी करार को वर्ष 1995 में प्रतिस्थापित किया। इसके मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है :

(i) बहुपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना।

(ii) अन्तराष्ट्रीय व्यापार में टैरिफ और गैर टैरिफ रुकावटों को दूर करके स्वतंत्र व्यापार को बढ़ावा देना।

(iii) विश्व मे रोजगार के स्तर को बढाने के लिए उत्पादन के स्तर तथा उत्पादकता को बढ़ाना।

(iv) संसार के संसाधनों का अधिकतम मात्रा में विस्तार करना तथा उनका अनुकूलतम प्रयोग करना।

(v) अति गरीब राष्ट्रों के विकास के लिए विशेष प्रयास करना।


5. अन्तराष्ट्रीय निपटारे के लिए बैंक - यह एक अन्तराष्ट्रीय संस्था है जो अन्तराष्ट्रीय मौद्रिक व वित्तीय सहयोग को बढ़ावा देती है तथा केंद्रीय बैंकों के बैंक के रूप में कार्य करती है। इसकी स्थापना 17 मई 1930 को की गई। यह विश्व की सबसे पुरानी अन्तराष्ट्रीय आर्थिक संस्था है। इस बैंक का मुख्यालय बेसल में है। यह बैंक विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों को नीतिगत निर्णय लेने, चर्चा करने व सूचनाओं के आदान प्रदान में एक मंच प्रदान करता है।


6. एशियन विकास बैंक - यह एक मुख्य क्षेत्रीय विकास बैंक है। इसकी स्थापना एशियाई व प्रशांत क्षेत्रों के विकासशील देशों के विकास में वृद्धि के लिए की गई। इसका मुख्यालय फिलिपीएन्स में मैनिला में है। इसकी स्थापना वर्ष 1966 में कई गई। 67 देश इस बैंक के सदस्य हैं। इनमें से 48 देश एशिया व प्रशांत क्षेत्र से है तथा 19 देश अन्य क्षेत्रों से हैं। ADB एक बहुपक्षीय विकास वित्त संस्थान है। यह सदस्य देशों को विकास क्रियाओं के लिए ऋण प्रदान करता है। इसके कुल ऋणों का 80 प्रतिशत विकास क्षेत्रों जैसे अधोसंरचना, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा आदि के लिए दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य एशियाई व प्रशांत क्षेत्रों से निर्धनता को दूर करना है।


7.संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन - यूनिडो -यूनिडो की स्थापना 17 नवम्बर, 1966 में कई गयी थीं वर्ष 1985 में यह संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट एजेंसी बन गयी। इसका उद्देश्य विकासशील देशों के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है। इसके द्वारा उत्पादन उद्योगों को विशेष ध्यान दिया जाता है। इसका मुख्यालय ऑस्ट्रिया में वियाना में है। जनवरी 2013 को इसके 172 सदस्य देश थे। औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देकर यह निर्धनता उन्मूलन की दिशा में कार्य करता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम संगठित करके यह उद्योगों को तकनीकी सहायता प्रदान करता है। यूनिडो विकासशील देशों के निर्यात प्रेरक उद्योगों की ओर विशेष ध्यान देता है। 

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