Rationale of Trade Protection Policy for Less Developed Countries in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में अल्पविकसित देशों के लिए संरक्षण नीति के महत्व के बारे में बताया गया है।


अल्पविकसित देशों के लिए संरक्षण नीति का महत्व (Rationale of Trade Protection Policy for Less Developed Countries)

अल्पविकसित देशों के आर्थिक विकास के लिए संरक्षण की नीति का बहुत अधिक महत्व एवं औचितय्ता है। इन देशों के लिए विशेष रूप से निम्नलिखित कारणों से संरक्षण की नीति उपयोगी होती है :

1. औद्योगिक विकास - अल्पविकसित देशों को नए नए उद्योग स्थापित करने में कठिनाई होती है क्योंकि उन्हें विकसित देशों के उद्योगों से प्रतियोगिता करनी पड़ती है। इस प्रतियोगिता का सामना करने के लिए इन देशों के लिए शिशु उद्योग तर्क का बहुत अधिक महत्व है। इन देशों के लिए अपने नए उद्योगों को संरक्षण देना जरूरी हो जाता है। संरक्षण के फलस्वरूप उद्योगों को विदेशी प्रतियोगिता का मुकाबला नही करना पड़ता तथा उनका उत्पादन महँगा तथा घटिया होने पर भी बाजार में बिकने लगता है। इसके फलस्वरूप उद्योगों को अपना विकास करने का अवसर प्राप्त हो जाता है।



अल्पविकसित देशों के लिए संरक्षण नीति का महत्व
अल्पविकसित देशों के लिए संरक्षण नीति का महत्व




2. पूंजी निर्माण - अल्पविकसित देशों में लोगों की आय कम होती है। ये बचत कम कर पाते है। इससे निवेश तथा पूंजी निर्माण कम होता है। पूंजी निर्माण कम होने के कारण इन देशों में आय कम होती है। इस प्रकार देश निर्धनता के दुष्चक्र में फंसे रहते है। इन देशों में जो लोग धनी होते है वे अपना धन निवेश करने के स्थान पर शान शौकत तथा विलासिता की वस्तुओं पर खर्च कर देते है।

संरक्षण की विधियां

3. संतुलित विकास - अधिकतर अल्पविकसित देश कृषि प्रधान होते है तथा उनका औद्योगिक विकास बहुत कम होता है। इसके फलस्वरूप उनकी अर्थव्यवस्थाएं असन्तुलित रहती है। इन अर्थव्यवस्थाओं का संतुलित विकास करने के लिए उद्योगों का विकास करना जरूरी हो जाता है। उद्योगों के विकास के लिए संरक्षण की नीति अपनाना बहुत जरूरी है।


4. आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक - अल्पविकसित देशों के आत्मनिर्भरता के लिए संरक्षण जरूरी हो जाता है। आधुनिक युग मे प्रत्येक राष्ट्र ठोस सुरक्षा, आत्मनिर्भरता तथा पूर्ण रोजगार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संरक्षण की नीति अपनाने के लिए बाध्य है। इन देशों को अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि वे संरक्षण द्वारा उद्योगों का विविधीकरण करें तथा शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में देश की सुरक्षा की व्यवस्था करें।


5. विदेशी पूंजी के अन्तरप्रवाह में वृद्धि - संरक्षण नीति से अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय वे व्यापार रूट के बाधा आती है। इससे बहुराष्ट्रीय कंपनियां व्यापार रूट के स्थान पर निवेश रूट को अपनाने लगती है। निवेश रूट में विदेशी प्रत्यक्ष निवेशों में वृद्धि होती है। इससे संरक्षण नीति अपना रहे देश मे विदेशी पूंजी का अन्तरप्रवाह होने लगता है। विदेशी पूंजी के अन्तरप्रवाह के वृद्धि से भुगतान शेष पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है।


6. भुगतान शेष के असंतुलन को ठीक करना - अधिकतर अल्पविकसित देशों का भुगतान शेष प्रतिकूल होता है। इसे संतुलित करने के लिए जरूरी है कि संरक्षण नीति द्वारा आयात पर प्रतिबन्ध लगाए जाएं। इसके फलस्वरूप आयात कम होंगे। आयात पर प्रतिबन्ध लगाने के साथ साथ निर्यात बढाने के प्रयत्न किए जाने चाहिए। इसका परिणाम यह होगा कि भुगतान शेष संतुलित होने की प्रवृत्ति प्रकट करेगा। 

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