Utility of Business Information in International Business in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में व्यावसायिक सूचना की उपयोगिता के बारे में बताया गया है।

अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में व्यावसायिक सूचना की उपयोगिता (Utility of Business Information in International Business)

व्यवसाय में विश्वसनीय सूचनाओं का मिलना निर्णय लेने की प्रक्रिया में बहुत महत्वपूर्ण है। निर्णय लेने से अभिप्राय बहुत से उपलब्ध विकल्पों में से सर्वोत्तम विकल्प का चयन करने से है। सर्वोत्तम विकल्प का चयन करने के लिए सभी विकल्पों के विश्लेषण किया जाता है। अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में व्ययवसायिक सूचनाओं का महत्व नीचे की गई चर्चा से स्पष्ट होता है :



अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में व्ययवसायिक सूचना की उपयोगिता
अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में व्ययवसायिक सूचना की उपयोगिता




1. देश स्थितिकरण सम्बन्धी निर्णय लेना - एक वैश्विक कंपनी उस देश का चयन करती है जहां उत्पादन और विपणन का आधार बनाया जा सके। उत्पादन तथा विपणन के लिए देश स्थितिकरण का निर्णय लेते समय वैश्विक व्ययवसायिक इकाई को विभिन्न सूचनाओं जैसे कच्चे माल की उपलब्धता, श्रम व कुशल कर्मचारियों की उपलब्धता, सरकारी नियम, प्रशुल्क की दरें, आयात कोटा आदि के बारे में सूचनाओं की जरूरत पड़ती है।


2. प्रवेश के तरीके सम्बन्धी निर्णय लेना - अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय के अंतर्गत विदेशी बाजारों में प्रवेश के विभिन्न तरीके है जैसे व्यापार रूट, निवेश रूट, विलयन एवं अधिग्रहण, अनुबंधीय प्रवेश विधि, रणनात्मक गठबंधन आदि। प्रवेश के विभिन्न तरीके विभिन्न स्थितियों में उपयोगी होते है।

अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय के लिए सूचना की आवश्यकता

3. प्रमापरूपता तथा अनुरूपता से सम्बंधित निर्णय लेना - प्रमापरूपता से अभिप्राय वैश्विक इकाई द्वारा सभी बाजारों के लिए लगभग एक जैसा उत्पाद बेचने से है। अनुरूपता के अंतर्गत वैश्विक इकाई विभिन्न देशों के लिए वहां के ग्राहकों की पसन्द, प्राथमिकता, स्वाद, फैशन, संस्कृति, क्रय क्षमता के अनुसार अलग अलग उत्पाद बनाती है।


4. कीमत नीतियां तथा रणनीतियां तैयार करना - समूचे वैश्विक बाजार में एक जैसी कीमत नीति या कीमत रणनीति लागू नही की जा सकती। कीमत नीति विभिन्न तत्वों जैसे उत्पादन लागत, परिवहन लागत, टैरिफ, प्रतिस्पर्धा का स्तर, मेजबान देश मे व्यापार चक्र की अवस्था, ग्राहकों की क्रय क्षमता, मांग लोच आदि पर निर्भर करती है।


5. राजनीतिक जोखिमों को विश्लेषित करना - मेजबान देश की राजनीतिक स्थितियां, वैश्विक कंपनियों को प्रभावित करती है। सरकार का राजनीतिक दृष्टिकोण, राजनीतिक स्थिरता, अन्य देशों के साथ सम्बन्ध, राजनीतिक दबाव सभी व्ययवसायिक इकाइयों को प्रभावित करते है। मेजबान देश मे राजनीतिक जोखिमों को समझने के लिए वैश्विक व्यावसायिक इकाई को राजनीतिक स्थितियों के बारे में सूचनाएं एकत्रित करनी पड़ती है।


6. व्यवसाय की शक्तियों को जानना - व्यवसाय की शक्तियों से हमारा अभिप्राय उस क्षमता से है, जिसके कारण वैश्विक इकाई अपनी प्रतियोगी इकाइयों से आगे निकल सकती है। विभिन्न देशों के व्ययवसायिक वातावरण की सूचनाओं का विश्लेषण, व्यवसाय की इन शक्तियों को ढूंढने कि पहचानने में मदद करता है। इन शक्तियों को पहचान कर, वैश्विक इकाई ऐसी नीतियां बना सकती है, जो व्यवसाय की वृद्धि में सहायक हो और जो प्रतिस्पर्धा का सफलतापूर्वक सामना करने में मदद करे।


7. व्यवसाय के लिए उपलब्ध अवसरों को पहचानना - अवसर से हमारा अभिप्राय व्यवसाय की अनुकूल परिस्थितियों से है। अगर व्यवसाय के पास पर्याप्त साधन है तो इन अवसरों से व्यवसाय लाभ उठा सकता है। व्ययवसायिक सूचनाओं के विश्लेषण से व्यवसाय के लिए उपलब्ध अवसरों का समय पर पता चल जाता है।


8. बाजार दशाओं को जानना - व्यवसाय को अपने उत्पाद बाजार में बेचने होते है। इसके लिए व्यवसाय को ग्राहकों, प्रतियोगी इकाइयों, पूर्तिकर्ताओ आदि के बारे में पता होना चाहिए। विभिन्न देशों की बाजार दशाओं जैसे वस्तुओं की मांग व पूर्ति में आ रहे बदलाव, फैशन, पसन्द, प्रतिस्पर्धा, बाजार में तेजी मंदी आदि के बारे में जानकारी वैश्विक व्यवसाय के लिए लाभप्रद होती है। यह सब जानकारी व्यावसायिक सूचनाओं के अध्ययन से मिलती है। 

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