वैश्विक निर्माणी क्रियाओं के बारे में जानकारी
हेलो दोस्तों।
इस पोस्ट के अंतर्गत वैश्विक निर्माणी क्रियाओं के बारे में बताया गया है।
वैश्विक स्तर पर निर्माणी क्रियाओं का अर्थ (Meaning of Global Manufacturing)
वैश्विक स्तर पर कार्य कर रहे उत्पादकों को विभिन्न निर्णय लेने पड़ते है जैसे निर्माणी क्रियाओं का आधार कहाँ स्थापित किया जाए, निर्माणी क्रियाएं एक ही देश मे केंद्रित हो इन्हें विश्व में विभिन्न देशों में विकेन्द्रित किया जाए, वैश्विक इकाई को सभी कलपुर्जे खुद बनाने चाहिए या कुछ कलपुर्जों, उपकरणों को इसे बाहर से बनवा लेना चाहिए, अन्य शब्दों में निर्माण या क्रय निर्णय में से कौन सा निर्णय लिया जाए।
वैश्विक निर्माणी क्रियाओं के बारे में जानकारी |
जो वैश्विक व्यावसायिक इकाइयां निर्माणी क्रियाएं खुद करती है, वे निर्माणी आधार के लिए देश का चयन करते समय विभिन्न घटकों को ध्यान में रखती है जैसे विभिन्न देशों में साधन लागत, योग्य श्रम की उपलब्धता, सांस्कृतिक आयाम, राजनीतिक जोखिम, टैरिफ व गैर टैरिफ बाधाएं, अधोसंरचना, सरकारी नीतियां, तकनीकी घटक आदि।
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जब किसी उत्पाद या इनके मुख्य कलपुर्जों का उत्पादन आधार दो या दो से अधिक देशों में स्थापित किया जाता है तो इसे वैश्विक निर्माणी क्रियाएं कहा जाता है। इसके अंतर्गत उत्पादन सम्बन्धी विनिर्माण क्रियाओं को मूल देश तथा एक या एक से अधिक मेजबान देश में या केवल मेजबान देशों में ही किया जाता है। निर्माणी क्रियाओं को अन्य देशों में हस्तांतरित करके उत्पादन लागत व वितरण लागत को कम करने का प्रयास किया जाता है तथा व्यावसायिक क्रियाओं को वैश्विक स्तर पर फैलाया जाता है।
वैश्विक स्तर पर निर्माणी क्रियाओं सम्बन्धी रणनीतियों के उद्देश्य (Objectives of Global Manufacturing Strategies)
1. निर्माण लागत में कमी - वैश्विक इकाई निर्माणी आधार के लिए उचित देश का चयन करके तथा वैश्विक पूर्ति श्रृंखला के कुशल प्रबन्ध द्वारा निर्माण लागत को कम कर सकती है।
2. क्वालिटी में सुधार - इसमे उत्पाद की क्वालिटी, विक्रय उपरांत सेवाएं, शीघ्र सुपुर्दगी, उपभोक्ता शिकायतों को शीघ्र निवारण, आदि शामिल है। इसे सम्पूर्ण क्वालिटी प्रबन्ध व कर्मचारियों की संगठन के प्रति निष्ठा द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
3. स्थानीय जरूरतों के अनुरूप उत्पादों का निर्माण करना - वैश्विक व्यावसायिक इकाइयां अपने उत्पाद विश्व के विभिन्न देशों में बेचती है। विभिन्न देशों के उपभोक्ताओं की पसन्द, फैशन, स्वाद, रुचि, प्राथमिकताओं में विभिन्नता होती है। अतः सम्पूर्ण विश्व मे एक ही तरह का उत्पाद नही बेचा जा सकता। उत्पाद को विभिन्न देशों में स्थानीय जरूरतों के अनुरूप समायोजित करना पड़ता है। अतः वैश्विक व्यावसायिक इकाइयां विभिन्न देशों की जरूरतों के अनुरूप उत्पाद बनाती है, ताकि ये मेजबान देश के घरेलू उत्पादों से प्रतिस्पर्धा का सामना कर सके।
4. उपभोक्ताओं की बदलती मांग के अनुसार तुरन्त प्रतिक्रिया - वैश्विक निर्माणी इकाइयां विश्व के विभिन्न देशों में उत्पादन केंद्र, वितरण केंद्र तथा ग्राहक सेवा केंद्र स्थापित करती है। इससे ग्राहकों की मांगों को तुरन्त व बेहतर ढंग से पूरा किया जा सकता है। इससे उपभोक्ताओं की संतुष्टि में वृद्धि होती है।
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