International Logistics Management in Hindi

हेलो दस्तों।

इस पोस्ट में अन्तराष्ट्रीय संभार तन्त्र प्रबन्ध के बारे में जानेंगे।


अन्तराष्ट्रीय संभार तन्त्र प्रबन्ध (International Logistics Management)

वैश्विक पूर्ति श्रृंखला प्रबन्ध प्रक्रिया में अन्तराष्ट्रीय संभार तन्त्र प्रबन्ध एक मुख्य तत्व है। डी० डेनियल व ली के अनुसार संभार तन्त्र पूर्ति श्रृंखला प्रक्रिया का एक तत्व है, जो उत्पादन केंद्र से उपभोग केंद्र तक उत्पादों, सेवाओं का सूचनाओं के प्रवाह को सुचारू बनाता है तथा इन्हें नियोजित व नियंत्रित करता है जिससे उपभोक्ताओं की जरूरतों की पूर्ति की जा सके।



अन्तराष्ट्रीय संभार तन्त्र प्रबन्ध के बारे में जानकारी
अन्तराष्ट्रीय संभार तन्त्र प्रबन्ध के बारे में जानकारी




संभार तन्त्र पूर्ति श्रृंखला प्रबन्ध का ऐसा अंग है जो कच्चे माल, कलपुर्जों व उपकरण तथा निर्मित माल के परिवहन व संग्रहण से सम्बंधित है। पूर्ति श्रृंखला प्रबन्ध का क्षेत्र संभार तन्त्र के क्षेत्र से अधिक विस्तृत है। इसमें पूर्तिकर्ताओं व ग्राहकों के साथ सम्बन्ध भी शामिल है।

अन्तराष्ट्रीय सामग्री प्रबन्ध भी जाने

अगर पूर्ति के स्त्रोत व मुख्य ग्राहक निर्माण स्थान के समीप ही उपलब्ध हों, तब संभार तन्त्र नेटवर्क साधारण होता है। अगर पूर्तिकर्ताओं की संख्या बहुत अधिक हो तथा पूर्तिकर्ता निर्माण स्थान से अधिक दूरी पर स्थित हो तथा विभिन्न देशों के फैले हों तथा इसी तरह अगर ग्राहक भी निर्माण स्थान से बहुत दूरी पर तथा विभिन्न देशों में फैले हो, तब अन्तराष्ट्रीय संभार तन्त्र बहुत जटिल होता है। इसमें विभिन्न देशों के बीच परिवहन सेवाओं जैसे शिपिंग, वायु यातायात की जरूरत पड़ती है। विभिन्न देशों के पैकेजिंग सम्बन्धी नियमों में विभिन्नता के कारण अंतराष्ट्रीय संभार तन्त्र में पैकेजिंग में भी जटिलता आती है।

वैश्विक निर्माणी क्रियाएं

आजकल संभार तन्त्र में सूचना तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बहुत सी वैश्विक कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज द्वारा पूर्तिकर्ताओं, निर्माताओं, ग्राहकों तथा मध्यस्थों आफ के बीच सम्बन्ध स्थापित कर रही है।


वालमार्ट के 70 देशों में 60,000 से भी अधिक पूर्तिकर्ता है, यह कंपनी सूचना तकनीकी का प्रयोग करके अपने संभार तन्त्र को प्रबंधित कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज का प्रयोग सीमा शुल्क संबन्धी उपचारिक्ताओं का शीघ्र निपटारा करने तथा विभिन्न देशों में उत्पादकों को ग्राहकों को शीघ्र उपलब्ध करवाने में भी किया जा रहा है। इससे सामग्री प्राप्त करने की अवधि को कम किया जा सकता है।


सूचना तकनीकी के प्रयोग से पूर्तिकर्ताओं, निर्माताओं तथा ग्राहकों के बीच एक नेटवर्क विकसित कर लिया जाता है। जब ग्राहक इंटरनेट के प्रयोग से, कंपनी से उत्पाद क्रय करने का आदेश देता है तब यह आदेश निर्माता, पूर्तिकर्ताओं, संग्रहण इकाई आदि के पास बिना किसी विलम्ब के पहुंच जाता है। इससे सभी सम्बन्धित पक्ष अपना अपना कार्य शुरू कर देते है। इससे निर्माता को कच्चे माल, कलपुर्जों आदि का अधिक स्टॉक भी नही रखना पड़ता तथा ग्राहकों का आदेश शीघ्रता से पूरा हो जाता है। आधुनिक वेब पर आधारित सूचना व्यवस्था संभार तन्त्र के प्रबन्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। 

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