Disadvantages of Counter Trade in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में प्रति व्यापार के दोष/आलोचनाओं के बारे में बताया गया है :


प्रति व्यापार के दोष (Disadvantages of Counter Trade)

1. अधिक जटिल - प्रति व्यापार के अंतर्गत विदेशी व्यापार का प्रबन्ध जटिल हो जाता है। प्रति व्यापार में वस्तु विनिमय व्यापार की सभी कमियां शामिल है। ऐसे देश का पता लगाना बहुत कठिन है, जहां हम अपने अतिरिक्त उत्पादन का निर्यात कर सकते है तथा वह देश इसके बदले में हमारी जरूरत की वस्तुएं दे सकता है। कईं बार दूसरे देश द्वारा निम्न क्वालिटी की वस्तुएं भेज दी जाती है या सही समय पर ऐच्छिक उत्पाद उपलब्ध नही करवाए जाते।


प्रति व्यापार के दोष के बारे में जानकारी
प्रति व्यापार के दोष के बारे में जानकारी




2. विशेषज्ञों की सेवाओं की आवश्यकता - प्रति व्यापार में उचित देश का चयन, व्यापार की शर्तें निर्धारित करने में विशेषज्ञों की सेवाओं की जरूरत पड़ती है। कुछ बड़ी अन्तराष्ट्रीय व्यावसायिक इकाइयां, प्रति व्यापार को प्रबंधित करने के लिए दूसरे देशों के अपने शाखा कार्यालय खोल देती है व इन कार्यकलापों में विशेषज्ञों की नियुक्ति करती है। इससे प्रति व्यापार समझौतों की प्रशासनिक लागत बढ़ जाती है।

प्रति व्यापार के लाभ जाने

3. स्वतंत्र व्यापार की मौलिक कार्यप्रणाली के विरुद्ध - प्रति व्यापार समझौते स्वतंत्र व्यापार के मौलिक सिद्धान्तों के विरुद्ध है। इन समझौतों में व्यापार उन्ही देशों के बीच हो सकता है जिन्हें एक दूसरे द्वारा निर्मित सामान की जरूरत हो। मांग के दोहरे संयोग के अभाव में प्रति व्यापार का क्षेत्र सीमित हो जाता है। इसके अलावा प्रति व्यापार में संसाधनो का सर्वोत्तम प्रयोग नही हो सकता क्योंकि प्रति व्यापार में संलग्न देश/व्यावसायिक इकाइयां स्वतंत्र व्यापार के लाभ उठाने से वंचित रह जाते है। प्रति व्यापार व्यवस्था उत्पादों के स्वतंत्र प्रवाह को रोकती है।


4. प्रति व्यापार में प्राप्त वस्तुओं को बेचने में कठिनाई - प्रति व्यापार समझौतों में व्यावसायिक इकाई को वस्तुओं के निर्यात के बदले, कुछ वस्तुओं का आयात करना पड़ता है। कईं बार एक व्यावसायिक इकाई को प्रति व्यापार में ऐसी वस्तुएं प्राप्त होती है जिनके बारे में उसे अधिक ज्ञान नही है या जिन वस्तुओं की उस व्यावसायिक इकाई को आवश्यकता नही है। इन दशाओं में व्यावसायिक इकाई को प्रति व्यापार में प्राप्त वस्तुओं को बेचने में कठिनाई आती है।


5. अधिक समय लगना - प्रति व्यापार समझौतों को प्रबबधित करने में अधिक समय लग जाता है। ऐसा हो सकता है कि एक देश अब वस्तुएं निर्यात कर रहा है, तथा एक लंबे समय अंतराल के बाद वह निर्यात प्रतिफल के रूप में वस्तुएं आयात कर पाता है।

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