International Material Management in Global Manufacturing in Hindi
हेलो दोस्तों।
इस पोस्ट में हम अन्तराष्ट्रीय सामग्री प्रबन्ध के बारे में जानेंगे।
अन्तराष्ट्रीय सामग्री प्रबन्ध (International Material Management in Global Manufacturing)
निर्माणी इकाइयों में सामग्री की लागत कुल लागत का एक महत्वपूर्ण तत्व है। बहुत से उद्योगों में, सामग्री लागत कुल उत्पाद लागत का 50 प्रतिशत से भी अधिक होता है। अतः कुशल सामग्री प्रबन्ध से सामग्री लागत में थोड़ी सी बचत भी कुल लागतों में कमी लाने में बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है। घरेलू व्यवसाय की तुलना में वैश्विक व्यवसाय में सामग्री प्रबन्ध बहुत अधिक जटिल होता है।
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अन्तराष्ट्रीय सामग्री प्रबन्ध के बारे में जानकारी |
सामग्री प्रबन्ध संभार तन्त्र प्रबन्ध का मुख्य संघटक है। इसमें कच्चे माल, कलपुर्जों, उपकरणों, अर्धनिर्मित माल, तैयार माल का प्रबन्ध शामिल है। सामग्री प्रबन्ध का उद्देश्य सामग्री को उचित समय पर उपलब्ध करवाना तथा सामग्री में निवेश को न्यूनतम करना है। परन्तु ये दोनों उद्देश्य परस्पर विरोधी है क्योंकि जरूरत पड़ने पर सामग्री की शीघ्र उपलब्धता के लिए सामग्री के अधिक भंडार रखने पड़ते है, जिससे स्कंध में निवेश राशि बढ़ जाती है, जिससे स्कंध लागत में वृद्धि होती है। अतः इन दो विरोधाभासी उद्देश्यों में सन्तुलन स्थापित करना पड़ता है।
अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में सामग्री के पूर्तिकर्ता विभिन्न देशों में फैले होते है। इसके अलावा यह भी सम्भव है कि उत्पादन आधार तो किसी एक देश मे है जबकि सामग्री उपलब्ध करवाने वाले पूर्तिकर्ता किसी अन्य देश मे हो। अतः अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में घरेलू व्यवसाय की तुलना में सामग्री के परिवहन में अधिक समय लगता है। अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में सामग्री के एक देश से दूसरे देश मे परिवहन में टैरिफ व गैर टैरिफ बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
अन्तराष्ट्रीय संभार तन्त्र प्रबन्ध जाने
अतः सामग्री प्रबन्ध का उद्देश्य जरूरत पड़ने पर अच्छी क्वालिटी की सामग्री, कम लागत पर, पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाना है। इससे सामग्री का उचित संग्रहण भी शामिल है ताकि गोदाम में सामग्री की चोरी, रिसाव, कपट, धोखा धडी आदि कुप्रयोगों को रोका जा सके। यह सामग्री की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करता है ताकि स्कंध समाप्ति की समस्या न आए।
1. यह कच्चे माल, कलपुर्जों, उपकरणों की बिना रुकावट के नियमित पूर्ति सुनिश्चित करता है।
2. यह तैयार उत्पादों का पर्याप्त स्कंध सुनिश्चित करता है ताकि स्कंध समाप्ति की समस्या न आए।
3. यह स्कंध में निवेश को न्यूनतम करता है, बल्कि स्कंध में लगे हुए निवेश की राशि मे भी कमी आती है।
4. यह पूर्तिकर्ताओं, उत्पादन इकाई, स्कंध प्रबन्धको, विश्वभर में फैले ग्राहकों के बीच सूचनाओं का स्वतंत्र प्रवाह सुनिश्चित करता है। विश्वभर में फैले व्यवसाय में सूचनाओं के स्वतंत्र प्रवाह का विशेष महत्व है।
5. यह प्रभावी सामग्री रिपोर्टिंग व्यवस्था सुनिश्चित करता है ताकि सामग्री प्रबन्ध में त्रुटियों की सही समय पर जानकारी मिल सके तथा उचित समय पर सुधारात्मक उपाय किए जा सके।
6. यह अपवाद से प्रबन्ध के लाभ सुनिश्चित करता है। इसमें कीमती मदों पर सख्त नियंत्रण तथा सस्ती मदों पर कम नियंत्रण किया जाता है।
अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में सामग्री के पूर्तिकर्ता विभिन्न देशों में फैले होते है। इसके अलावा यह भी सम्भव है कि उत्पादन आधार तो किसी एक देश मे है जबकि सामग्री उपलब्ध करवाने वाले पूर्तिकर्ता किसी अन्य देश मे हो। अतः अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में घरेलू व्यवसाय की तुलना में सामग्री के परिवहन में अधिक समय लगता है। अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में सामग्री के एक देश से दूसरे देश मे परिवहन में टैरिफ व गैर टैरिफ बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
अन्तराष्ट्रीय संभार तन्त्र प्रबन्ध जाने
अतः सामग्री प्रबन्ध का उद्देश्य जरूरत पड़ने पर अच्छी क्वालिटी की सामग्री, कम लागत पर, पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाना है। इससे सामग्री का उचित संग्रहण भी शामिल है ताकि गोदाम में सामग्री की चोरी, रिसाव, कपट, धोखा धडी आदि कुप्रयोगों को रोका जा सके। यह सामग्री की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करता है ताकि स्कंध समाप्ति की समस्या न आए।
सामग्री प्रबन्ध के उद्देश्य/लाभ (Objectives/Advantages of Material Management)
1. यह कच्चे माल, कलपुर्जों, उपकरणों की बिना रुकावट के नियमित पूर्ति सुनिश्चित करता है।
2. यह तैयार उत्पादों का पर्याप्त स्कंध सुनिश्चित करता है ताकि स्कंध समाप्ति की समस्या न आए।
3. यह स्कंध में निवेश को न्यूनतम करता है, बल्कि स्कंध में लगे हुए निवेश की राशि मे भी कमी आती है।
4. यह पूर्तिकर्ताओं, उत्पादन इकाई, स्कंध प्रबन्धको, विश्वभर में फैले ग्राहकों के बीच सूचनाओं का स्वतंत्र प्रवाह सुनिश्चित करता है। विश्वभर में फैले व्यवसाय में सूचनाओं के स्वतंत्र प्रवाह का विशेष महत्व है।
5. यह प्रभावी सामग्री रिपोर्टिंग व्यवस्था सुनिश्चित करता है ताकि सामग्री प्रबन्ध में त्रुटियों की सही समय पर जानकारी मिल सके तथा उचित समय पर सुधारात्मक उपाय किए जा सके।
6. यह अपवाद से प्रबन्ध के लाभ सुनिश्चित करता है। इसमें कीमती मदों पर सख्त नियंत्रण तथा सस्ती मदों पर कम नियंत्रण किया जाता है।
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