Obstacles/Factors in International Pricing in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में अन्तराष्ट्रीय कीमत निर्धारण में बाधाएं या संघटक के बारे में बताया गया है।


अन्तराष्ट्रीय कीमत निर्धारण में बाधाएं/संघटक (Obstacles/Factors in International Pricing)

1. सरकारी हस्तक्षेप - बहुत से देशों के सरकार न्यूनतम कीमतें तथा अधिकतम कीमतें निर्धारित करती है। न्यूनतम कीमतें निर्धारित करने का उद्देश्य विदेशी कंपनियों द्वारा मेजबान देश की घरेलू बाजार में राशिपातन को रोकना है। कईं बार विदेशी कंपनियां बहुत कम कीमतें निर्धारित करके मेजबान देश की घरेलू कंपनियों को बाजार से बाहर निकाल कर बाजार पर एकाधिकार करना चाहती है। ऐसे व्यवहारों को रोकने के लिए सरकार न्यूनतम कीमत निर्धारित करती है।


अन्तराष्ट्रीय कीमत निर्धारण में बाधाएं/संघटक
अन्तराष्ट्रीय कीमत निर्धारण में बाधाएं/संघटक




2. विनिमय दर - देश की मुद्रा का दूसरे देश की मुद्रा से तुलनात्मक मूल्य विनिमय दर कहलाता है। विनिमय दरों में उतार चढ़ाव भी अन्तराष्ट्रीय कीमतों को प्रभावित करते है। अगर निर्यातक देश की मुद्रा आयातक देश की मुद्रा की तुलना में मजबूत हो जाती है तो इससे निर्यातक को हानि होती है इस हानि को पूरा करने के लिए वह निर्यात मूल्य को बढ़ा देता है। और अगर निर्यातक देश की मुद्रा का आयातक देश की मुद्रा की तुलना में ह्रास हो जाता है तो निर्यात उत्पादों की कीमतें कम हो सकती है।

अन्तराष्ट्रीय विपणन में ब्रांड सम्बन्धी निर्णय

3. मेजबान देश की आर्थिक दशाएं - वैश्विक कंपनियां मूल्य निर्धारित करते समय मेजबान देश कु आर्थिक दशाओं को भी ध्यान में रखती है जैसे मेजबान देश की राष्ट्रीय आय, प्रति व्यक्ति आय, आयातक देश के लोगों की क्रय क्षमता, जीवन स्तर आदि। अगर उत्पाद किसी निर्धन देश में बेचे जाने है तो वैश्विक कंपनी कम कीमतें निर्धारित करती है। और अगर उत्पाद किसी धनी देश मे बेचे जाने है तो अधिक कीमतें निर्धारित की जाती है।


4. मेजबान देश की प्रतिस्पर्धा का स्तर - अगर मेजबान देश मे प्रतिस्पर्धा का स्तर अधिक है तो वैश्विक कंपनी कम मूल्य निर्धारित करेगी ताकि मेजबान देश मे पर्याप्त बाजार हिस्सा प्राप्त हो सके। प्रतिस्पर्धा का स्तर कम होने पर अधिक मूल्य निर्धारित किए जाते है। प्रतिस्पर्धा का स्तर कम होने पर अधिक कीमतें निर्धारित की जाती है।


5. उत्पाद विभिन्नता - अगर वैश्विक कंपनी का उत्पाद अन्य उपलब्ध उत्पादों से बहुत भिन्न है तथा इसमें कुछ नई विशेषताएँ है या यह नवाचारी उत्पाद हौ तो वैश्विक कंपनी प्रारम्भ में ऊंचा मूल्य निर्धारित करेगी।


6. अन्तराष्ट्रीय समझौते - अन्तराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों में अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय के सम्बन्ध में विभिन्न प्रकार के समझौते होते रहते है। ये समझौते द्विपक्षीय या बहुपक्षीय हो सकते है। कईं बार इन समझौतों में अन्तराष्ट्रीय कीमतों के बारे में भी कोई प्रावधान हो सकता है। वैश्विक कंपनियां कीमतें निर्धारित करते समय इन समझौतो को भी ध्यान में रखती है।


7. अन्तराष्ट्रीय विपणन के उद्देश्य - अन्तराष्ट्रीय विपणन के विभिन्न उद्देश्य हो सकते है जैसे अन्तराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश, वहां के बाजार पर कब्जा करना, अपने फालतू उत्पादन के लिए बाजार ढूंढना, अपनो उत्पादन क्षमता का अधिकतम प्रयोग करना आदि। ये उद्देश्य कीमतों को प्रभावित करते है जैसे अगर कंपनी का उद्देश्य बाजार में प्रवेश लेना है तो मूल्य कम निर्धारित किए जाते है। अगर उद्देश्य अपनी स्थापित उत्पादन क्षमता का अधिकतम प्रयोग करना है तो कीमत निर्धारण करते हुए यह सुनिश्चित किया जाता है कि सीमांत लागत/परिवर्तनशील लागत जरूर पूरी हो।

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