Culture in International Business in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में संस्कृति और इसकी विशेषताओं के बारे में बताया गया है।

अर्थ (Introduction)

संस्कृति किसी भी देश के कार्यगत वातावरण का महत्वपूर्ण तत्व है। इसका आशय रीति रिवाजों, प्रथाओं, आदतों, प्राथमिकताओं, दृष्टिकोण, मूल्यों, जीवन शैली, समाज मे नारी की स्थिति, वृद्धों की स्थिति आदि से है। इसमें समाज के लोगों के व्यवहार ढांचें व उनकी सोच को शामिल किया जाता है।



अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में संस्कृति और इसकी विशेषताओं के बारे में जानकारी
अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में संस्कृति और इसकी विशेषताओं के बारे में जानकारी




सांस्कृतिक घटकों में आया कोई भी बदलाव जैसे शिक्षा का प्रसार, लोगों की सोच के तरीके, जीवनयापन के ढंग आदि को प्रभावित करता है। संस्कृति समाज मे सही व गलत व्यवहार तथा सोच को परिभाषित करती है। यह समाज मे उत्पादों की छवि का भी निर्माण करती है इसे पश्चिमी देशों में अगर स्त्रियां शराब का सेवन करती है, तो समाज मे उन्हें बुरी नजर से नही देखा जाता। परन्तु पूर्वी देशों में समाज स्त्रियों को शराब के सेवन की अनुमति नही देता।


परिभाषा (Definition) :

संस्कृति किसी सभ्यता का ऐसा जटिल हिस्सा है जिसमें ज्ञान, विश्वास, कला, नैतिकता, कानून, रीति-रिवाजों और मनुष्य द्वारा समाज के सदस्य के रूप में प्राप्त योग्यताएं और आदतें शामिल है।



संस्कृति की मुख्य विशेषताएँ

संस्कृति की विशेषताएं निम्नलिखित है :

1. यह समाज मे आपसी तालमेल/विचार-विमर्श से उतपन्न होती है।


2. सांस्कृतिक मूल्य एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित होते है।

अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में सरकार द्वारा नियंत्रण

3. इन्हें मानव अपने बाल्यकाल से ही सीखना शुरू कर देता है और आजीवन सीखता रहता है।


4. यह पारिवारिक व्यवस्था और समाज से प्रभावित होती है।


5. इससे अल्पकाल में बदलाव नही आते।


6. यह मानवीय मूल्यों, विश्वासों, प्राथमिकताओं, जीवन शैली आदि को प्रभावित करती है। संस्कृति से मानव यह सीखता है कि क्या सही है और क्या गलत। किस तरह के आचरण की प्रशंसा की जाएगी तथा किस तरह का आचरण दण्डनीय है।


7. संस्कृति व्यक्तित्त्व को प्रभावित करती है। यह किसी मनुष्य के सोचने, कार्य करने व अनुभव करने के तरीके को प्रभावित करती है।


8. यह शिक्षा से भी प्रभावित होती है। शिक्षा मानवीय आचरण व सांस्कृतिक मूल्यों को प्रभावित करती है।


9. यह बहुत जटिल प्रकृति की है।


संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को समझने से व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं में बहुत सहायता मिलती है जैसे उत्पाद विकास, मानव संसाधन प्रबन्ध, व्यावसायिक लेनदेन, संवर्धन कार्यक्रम आदि तभी प्रभावपूर्ण ढंग से चलाए जा सकते है अगर संस्कृति के विभिन्न आयामों की भलीभांति जानकारी है।


व्यवसाय लोगों के इर्द गिर्द ही चलता है। प्रत्येक व्यवसाय व्यक्तियों को नियुक्त करता है, व्यक्तियों से माल क्रय करता है, व्यक्तियों को माल बेचता है, व्यक्तियों द्वारा चलाया जाता है। इसका स्वामित्व भी लोगों के पास ही होता है।


घरेलू व्यवसाय में ये लोग एक ही देश से सम्बंधित होते है परन्तु अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में ये लोग विभिन्न देशों व विभिन्न संस्कृतियों से सम्बंधित होते है। जब अलग अलग प्रकार की संस्कृति के लोग एक दूसरे के सम्पर्क में आते है, तो सांस्कृतिक टकराव होते है।


संस्कृति के कुछ पहलू तो बहुत ही जटिल होते है। जब एक बहुराष्ट्रीय कंपनी किसी ऐसे देश मे व्यवसाय करती है, जहां का सांस्कृतिक वातावरण बिल्कुल अलग है, तो इसे वहां व्यवसाय स्थापित करने में बहुत अधिक मुश्किलें आती है। व्यावसायिक विशेषज्ञ यह स्वीकार करते है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों को सांस्कृतिक भिन्नताओं के कारण अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अगर ये कंपनियाँ सांस्कृतिक चरों आया ठीक से विश्लेषण नही करती, तो इन्हे गम्भीर समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। 

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