Need to Understand Cultural Differences in International Business in Hindi

हेलो फ्रेंड्स।

इस पोस्ट के अंतर्गत हम सांस्कृतिक विभिन्नताओं को समझने की जरूरतों के बारे में जानेंगे।


सांस्कृतिक विभिन्नताओं को समझने की आवश्यकता (Need to Understand Cultural Differences)

1. प्रभावी उत्पाद नियोजन के लिए - विभिन्न संस्कृतियों में उपभोक्ताओं की पसन्द, फैशन, स्वाद, प्राथमिकताएं अलग अलग होती है। एक ही तरह के उत्पाद सभी तरह की संस्कृतियों में नही बेचे जा सकते। अतः बहुराष्ट्रीय कंपनियों को विभिन्न तरह की संस्कृतियों के लिए अलग अलग तरह के उत्पाद बनाने पड़ते हैं। अतः सांस्कृतिक आयामों का गहन अध्ययन बहुत अनिवार्य है।



सांस्कृतिक विभिन्नताओं को समझने की आवश्यकता
सांस्कृतिक विभिन्नताओं को समझने की आवश्यकता




2. संवर्धन कार्यक्रमों को प्रभावपूर्ण ढंग स्व डिज़ाइन करने के लिए - एक ही तरह का विज्ञापन सन्देश विभिन्न संस्कृतियों में प्रभावी नही हो सकता। विभिन्न संस्कृतियों में अलग अलग तरह की विज्ञापन अपीलें दी जानी चाहिए जैसे भारत मे किसी उत्पाद के टिकाऊपन पर जोर देने के लिए इसकी विज्ञापन अपील 'इतना टिकाऊ जैसे जीवन साथी' दी जाती है। परन्तु यह स्लोगन पश्चिमी देशों में असफल रहेगा क्योंकि वहां शादियां बहुत ही जल्दी टूटती है।


इसी तरह पश्चिमी देशों में जूस, सुप, बिस्कुल आदि को नाश्तें के रूप में विज्ञापित किया जाता है, जबकि विकासशील देशों में इन्हें स्नैक्स के रूप में विज्ञापित किया जाता है। इसी तरह साईकल को विकसित देशों में शारीरिक व्यायाम के उपकरण के रूप में या स्पोर्ट्स उत्पाद के रूप में विज्ञापित किया जाता है। जबकि निर्धन देशों में इसे यातायात के सस्ते साधन के रूप में विज्ञापित किया जाता है।


3. प्रभावकारी मानवीय संसाधन प्रबन्ध के लिए - सांस्कृतिक विभिन्नताओं का अध्ययन प्रभावी मानवीय संसाधन प्रबन्ध में निम्न तरह से सहायक है :

(i) सांस्कृतिक आयामों के अध्ययन से उपयुक्त अभिप्रेरक तत्वों को पहचाना जा सकता है। इससे बहुराष्ट्रीय कंपनी बेहतर अभिप्रेरण कार्यक्रम बना सकती है।


सांस्कृतिक विभिन्नताओं के समाधान में सावधानियाँ जाने


(ii) विभिन्न देशों व संस्कृतियों में मानवीय व्यवहार के अध्ययन से कर्मचारियों की मानसिकता को बेहतर ढंग से समझा इन सकता है। इससे कर्मचारियों के लिए बेहतर पारिश्रमिक योजनाएं बनाई जा सकती है जैसे अगर कर्मचारी भविष्य उन्नमुखी है तो दीर्घकालीन लाभ जैसे प्रोविडेंट फण्ड, पेंशन, ग्रेच्युटी पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।


(iii) कर्मचारियों की प्रबन्ध में भागीदारी के बारे में निर्णय प्रभावपूर्ण ढंग से तभी लिया जा सकता है, जब विभिन्न देशों की संस्कृति की गहन अध्ययन करके कर्मचारियों की मानसिकता को समझा गया है।


(iv) उपयुक्त कर्मचारियों के चयन के लिए मेजबान देश की संस्कृति का अध्ययन बहुत अनिवार्य है।


4. संगठनात्मक संरचना की बेहतर डिजाइनिंग के लिए - कंपनी के संगठनात्मक ढांचे की सही डिजाइनिंग के लिए मेजबान देश की संस्कृति को समझना बहुत जरूरी है। संगठनात्मक ढांचे में केन्द्रीयकरण पर जोर दिया जाना है, या विकेन्द्रीयकरण पर यह ढांचा लम्बवत हो या समानांतर लम्बा हो या छोटा आदि, इन सभी निर्णयों के लिए मेजबान देश की संस्कृति के विभिन्न आयामों को समझना बहुत अनिवार्य है।


5. विभिन्न देशों में बिज़नेस मीटिंगों में बेहतर प्रदर्शन के लिए - अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय में विभिन्न देशों के डीलरों, पूर्तिकर्ताओं, विपणन मध्यस्थों, ग्राहक प्रतिनिधियों, अंशधारियों, सरकारी अधिकारियों आदि के साथ बिज़नेस मीटिंग्स आयोजित की जाती है। इन सभाओं में अच्छे प्रदर्शन के लिए यह आवश्यक है कि दूसरे देशों के सांस्कृतिक आयामों जैसे व्यावसायिक नीति शास्त्र, शिष्टाचार, संस्कार, अभिवादन शैली आदि को समझा जाए।

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