Precautions in Handling Cultural Diversity in International Business in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में सांस्कृतिक विभिन्नताओं के समाधान में सावधानियों के बारे में जननेगे।

विभिन्न मेजबान देशों में व्यावसायिक क्रियाएं करते समय बहुराष्ट्रीय कंपनियों को निम्न सावधानियां रखनी चाहिए।

1. संचार में सावधानी - वैश्विक कंपनी को लिखित, मौखिक तथा दैहिक भाषा में अत्यधिक सावधानी रखनी चाहिए, अन्यथा इसे बहुत गम्भीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। दूसरी संस्कृति के व्यावसायिक अधिकारियों के साथ बिज़नेस मीटिंग करने से पहले अच्छे इंटरप्रेटर का प्रबन्ध किया जाना चाहिए।



सांस्कृतिक विभिन्नताओं के समाधान में सावधानियों के बारे में जानकारी
सांस्कृतिक विभिन्नताओं के समाधान में सावधानियों के बारे में जानकारी




2. उत्पाद में संशोधन - बहुराष्ट्रीय कंपनी को अपने उत्पादों में मेजबान देशों की संस्कृति के अनुसार आवश्यक संशोधन करने चाहिए। उत्पादों के रंग, ब्रांड नाम, डिज़ाइन व अन्य विशेषताओं को मेजबान देश के सांस्कृतिक आयामों के अनुसार संशोधित करना चाहिए। जैसे वर्लपूल कंपनी ने भारतीय बाजार में बिकने वाली अपनी वाशिंग मशीन में आवश्यक संशोधन किए ताकि इसमें भारतीय ड्रेस साड़ी को धोया जा सके।


3. संगठनात्मक ढांचे की उपयुक्त डिजाइनिंग - अगर कंपनी के कर्मचारी व अधिकारी जोखिम से बेचते है तटीय उत्तरदायित्व लेने से घबराते है तो लम्बवत संगठनात्मक ढांचा बहुत उपयुक्त होता है। इसमें शक्तियों व उत्तरदायित्वों को उच्च स्तर पर ही केंद्रित रखा जाता है। दूसरी तरफ, अगर कर्मचारी व अधिकारी जोखिम से नही घबराते, उत्तरदायित्व लेना पसंद करते है, आत्म प्राप्ति उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण अभिप्रेरक तत्व है तो शक्ति दूरी कम होनी चाहिए।

सांस्कृतिक विभिन्नताओं सम्बन्धी चुनौतियां

4. संवर्धन अपील में समायोजन - एक ही तरह की संवर्धन अपील सभी तरह की संस्कृतियों में प्रभावकारी नही हो सकती। विभिन्न संस्कृतियों में उपभोक्ताओं की एक ही उत्पाद से अलग अलग अपेक्षाएं होती है, जैसे पश्चिमी देशों में भाप में पका मक्का दाना, सूप, पैक्ड जूसों को नाश्ते के रुप में विज्ञापित किया जाता है। परंतु कुछ विकासशील व कम विकसित देशों में इसे अल्पहार, शक्तिवर्धक, स्वादिष्ट व्यंजन के रूप में विज्ञापित किया जाता है।


5. अन्य संस्कृतियों ने नीति शास्त्र को ध्यान में रखना - मेजबान देश में व्यावसायिक क्रियाएं करते समय वहां के स्थानीय व्यावसायिक नीति शास्त्र का भी पालन किया जाना चाहिए। अन्तराष्ट्रीय व्यावसायिक इकाई में कार्यरत उत्प्रवासियों को मेजबान देश के शिष्टाचार सम्बन्धी प्रमापों को ध्यान में रखना चाहिए। इससे मेजबान देश की संस्कृति के प्रति सम्मान की भावना प्रकट होती है।


6. सांस्कृतिक झटके को व्यवस्थित करना - जब एक्सपेट्रिएट्स को व्यवसाय सम्बन्धी कार्य के लिए ऐसे मेजबान देश मे भेजा जाता है जहां सांस्कृतिक वातावरण में बहुत भिन्नता है तो प्रारम्भ में कुछ दिनों के लिए तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है। इसे टूरिस्ट अवस्था कहते है। परंतु कुछ ही समय में उन्हें सांस्कृतिक झटका लगता है। उन्हें विभिन्न मुश्किलों जैसे पहनावे, शिष्टाचार, नीति शास्त्र, कार्यशैली, भाषा, बोलचाल, भोजन आदतों आदि में भिन्नता की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा अपने परिजनों से दूर होने के कारण वे उदास व निराश रहते है। वे मानसिक तनाव की बीमारी का शिकार हो जाते है। अगर इस अवस्था से उन्हें ठीक से बाहर न निकाला जाए, तो वे मूल देश मे वापिस चले जाते है। इससे कंपनी को बहुत हानि होती है, क्योंकि मेजबान देश मे उनका कार्य रुक जाता है। 

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