Important Ingredients of Section 14 (1) of Customs Act in Hindi
हेलो दोस्तों।
इस पोस्ट में सीमा शुल्क के अंतर्गत धारा 14 (1) के महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानेंगे।
धारक 14(1) का विश्लेषण करने पर इसके महत्वपूर्ण तथ्यांकित हैं -
धारा 14 के अनुसार मूल्यांकन - सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम 1975 या अन्य किसी विधि में माल का मूल्यांकन हमेशा धारा 14 के प्रावधानों के अनुसार होगा जो कि मूल्यांकन की प्रमुख प्रभावी धारा है।
![]() |
Important Ingredients of Section 14 (1) of Customs Act in Hindi |
संव्यवहार मूल्य ही मूल्यांकन - माल का मूल्यांकन संव्यवहार मूल्य ही है। अतः सभी उद्देश्यों के लिए आयातित एवं निर्यात माल का मूल्य संव्यवहार मूल्य होगा। यद्यपि ऐसा मूल्य परिस्थिति अनुसार समायोजित किया जा सकता है।
संव्यवहार मूल्य वास्तव में चुकाया गया या चुकाई जाने वाला मूल्य है - संव्यवहार मूल्य माल के विक्रय पर वास्तव में चुकाई गयी या चुकाया जाने वाला मूल्य है। अतः माल का मूल्य संव्यवहार मूल्य होने के लिए माल का विक्रय एक आवश्यक तत्व है। आयात/निर्यात किसी विक्रय के प्रसंविद के अंतर्गत क्रियान्वित होना जरूरी है।
मूल्य माल की सपुर्दगी के समय होना चाहिए - सपुर्दगी से आशय उस समय से है जब आयातित माल की भौतिक सपुर्दगी आयातक को दी जाती है या निर्यात माल की भौतिक सपुर्दगी विदेशी आयातक को दी जाती है।
आयातित माल की दशा में माल की भौतिक सपुर्दगी तभी की जा सकती है जब इस सम्बन्ध में प्रवेश बिल दाखिल कर दिया गया है एवं इस माल का मूल्य उस समय का सुसंगत होगा।
क्रेता एवं विक्रेता सम्बन्धित व्यक्ति नही - क्रेता एवं विक्रेता आपस में असम्बन्धी होने चाहिए, क्योंकि प्रतिफल की पूर्णता के लिए किसी पक्षद्वारा अप्रत्यक्ष रूप से दूसरे के हित मे कोई कार्य या भुगतान नही होना आवश्यक शर्त होती है।
मूल्य ही विक्रय का एक मात्र प्रतिफल - अन्य शब्दों में विक्रेता को माल के विक्रय के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई प्रतिफल नही प्राप्त होना चाहिए। घोषित मूल्य की संव्यवहार का मूलाधार है जिसमें किसी प्रकार का अघोषित सन्नायोजन किया गया हो।
आयात और निर्यात रिपोर्ट
विहित शर्तों की पूर्ति हो - धारा 14 (1) में वर्णित संव्यवहार मूल्य माना जाएगा जब उपरोक्त शर्तों के अतिरिक्त मूल्यांकन नियमों में वर्णित शर्तों की पूर्ति होती है। अगर इनमें से किसी शर्त की पूर्ति नही होती है, तो मूल्यांकन, नियमों में वर्णित विधियों के अनुसार किया जाएगा। संव्यवहार मूल्य की शुद्धता एवं पूर्णता ही मूल्यांकन का आधार है।
विनिमय दर के आधार पर - विनिमय दर को लागू करने की सुसंगत तिथि प्रवेश बिल या जहाजी बिल या निर्यात बिल दाखिल करने की तिथि से है। आयात निर्यात की स्थिति में इन प्रपत्रों की तिथि की प्रभावी विनिमय दर के आधार पर ही भारतीय रूप में मूल्यांकन किया जाएगा।
संव्यवहार मूल्य वास्तव में चुकाया गया या चुकाई जाने वाला मूल्य है - संव्यवहार मूल्य माल के विक्रय पर वास्तव में चुकाई गयी या चुकाया जाने वाला मूल्य है। अतः माल का मूल्य संव्यवहार मूल्य होने के लिए माल का विक्रय एक आवश्यक तत्व है। आयात/निर्यात किसी विक्रय के प्रसंविद के अंतर्गत क्रियान्वित होना जरूरी है।
मूल्य माल की सपुर्दगी के समय होना चाहिए - सपुर्दगी से आशय उस समय से है जब आयातित माल की भौतिक सपुर्दगी आयातक को दी जाती है या निर्यात माल की भौतिक सपुर्दगी विदेशी आयातक को दी जाती है।
आयातित माल की दशा में माल की भौतिक सपुर्दगी तभी की जा सकती है जब इस सम्बन्ध में प्रवेश बिल दाखिल कर दिया गया है एवं इस माल का मूल्य उस समय का सुसंगत होगा।
क्रेता एवं विक्रेता सम्बन्धित व्यक्ति नही - क्रेता एवं विक्रेता आपस में असम्बन्धी होने चाहिए, क्योंकि प्रतिफल की पूर्णता के लिए किसी पक्षद्वारा अप्रत्यक्ष रूप से दूसरे के हित मे कोई कार्य या भुगतान नही होना आवश्यक शर्त होती है।
मूल्य ही विक्रय का एक मात्र प्रतिफल - अन्य शब्दों में विक्रेता को माल के विक्रय के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई प्रतिफल नही प्राप्त होना चाहिए। घोषित मूल्य की संव्यवहार का मूलाधार है जिसमें किसी प्रकार का अघोषित सन्नायोजन किया गया हो।
आयात और निर्यात रिपोर्ट
विहित शर्तों की पूर्ति हो - धारा 14 (1) में वर्णित संव्यवहार मूल्य माना जाएगा जब उपरोक्त शर्तों के अतिरिक्त मूल्यांकन नियमों में वर्णित शर्तों की पूर्ति होती है। अगर इनमें से किसी शर्त की पूर्ति नही होती है, तो मूल्यांकन, नियमों में वर्णित विधियों के अनुसार किया जाएगा। संव्यवहार मूल्य की शुद्धता एवं पूर्णता ही मूल्यांकन का आधार है।
विनिमय दर के आधार पर - विनिमय दर को लागू करने की सुसंगत तिथि प्रवेश बिल या जहाजी बिल या निर्यात बिल दाखिल करने की तिथि से है। आयात निर्यात की स्थिति में इन प्रपत्रों की तिथि की प्रभावी विनिमय दर के आधार पर ही भारतीय रूप में मूल्यांकन किया जाएगा।
एक टिप्पणी भेजें