Prohibition of Import and Export of Goods in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में माल के आयात एवं निर्यात पर निषेध के बारे में जानेंगे।


माल के आयात एवं निर्यात पर निषेध (Prohibition of Import and Export of Goods)

केंद्रीय सरकार निम्न उद्देश्यों को ध्यान में रखकर किसी माल का आयात एवं निर्यात निषिद्ध कर सकती है :

1. भारत की सुरक्षा का अनुरक्षण


Prohibition of Import and Export of Goods in Hindi
Prohibition of Import and Export of Goods in Hindi



2. लोक व्यवस्था एवं मर्यादा या नैतिकता का अनुरक्षण


3. तस्करी रोकने के लिए


4. किसी माल की कमी को रोकने के लिए


5. विदेशी मुद्रा को बचाने तथा भुगतान संतुलन बनाए रखने के लिए


6. देश की अर्थव्यवस्था को सोना या चांदी के अनियंत्रित आयात या निर्यात से होने वाली हानि को रोकनव के लिए।


7. किसी कृषि उत्पाद या मछली उत्पाद के आधिक्य को रोकने के लिए


8. अन्तराष्ट्रीय व्यापार में माल का वर्गीकरण, श्रेणीकरण या विपणन के लिए मानदंडों का अनुरंक्षण


9. किसी उद्योग की स्थापना


10. किसी विवरण के माल के घरेलू उत्पादन के समक्ष गम्भीर नुकसान को रोकना


11. मनुष्य, पशु या वनस्पति जीवन या स्वास्थ्य की रक्षा


12. कलात्मक, ऐतेहासिक या पुरातत्व के महत्व की राष्ट्रीय सम्पदा की रक्षा


13. खत्म होने वाले प्राकृतिक संसाधनों को बचाना


14. पेटेंट, ट्रेडमार्क एवं कॉपीराइट की रक्षा करना


15. धोखाधड़ी के व्यवहारों को रोकने के लिए


16. सरकार या सरकार द्वारा नियंत्रित या स्वामित्वाधीन किसी नियम द्वारा किसी माल के विदेशी व्यापार को चलाने के लिए


17. अन्तराष्ट्रीय शान्ति एवं सुरक्षा बनाये रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अधीन दायित्वों को पूरा करना


18. किसी देश के साथ की गयी सन्धि, समझौता या परम्परा का पालन करना


19. आयातित माल पर उन्ही कानूनों का पालन करना जो भारत मे उत्पादित या निर्मित माल पर लागू होते है।

सीमा शुल्क के प्रकार

20. ऐसे प्रपत्रों के प्रसार को रोकना, जिनसे किसी दूसरे देश से मित्रवत सम्बन्धों में विपरीत असर पड़ सकता हो या जो राष्ट्रीय सम्मान के विरुद्ध हो


21. देश मे प्रचलित किसी कानून की अवमानना रोकने के लिए


22. सर्वसाधारण के हितार्थ अन्य किसी उद्देश्य के लिए।


आयातित के नियमन के लिए आयात को कुछ विशेष अर्थों में समझना आवश्यक है, उसी के अनुसार माल का वर्गीकरण, शुल्क निर्धारण, निर्यातक देश से सम्बन्ध, आदि तथ्यों पर भी ध्यान रखना जरूरी हो जाता है।

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