Import of Stores under Custom Duty in Hindi
हेलो दोस्तों।
इस पोस्ट में इम्पोर्ट ऑफ स्टोर के बारे में जानेंगे।
इम्पोर्ट ऑफ स्टोर्स
धारा 2 (38) के अंतर्गत स्टोर्स में वह माल शामिल है, जो शिप या हवाई जहाज के प्रयोग के लिए हो। इसमें ईंधन, स्पेयर पार्ट्स तथा अन्य उपकरण भी शामिल है, चाहे वे तुरंत प्रयोग के लिए हो या न हो। प्रत्येक शिप या हवाई जहाज जो भारत आ रहा है उसे अपने निष्पादन के लिए स्टोर्स की जरूरत होती है। अतः इस सम्बन्ध में विशेष प्रावधान है जो निम्न है :
Import of Stores under Custom Duty in Hindi |
स्टोर्स का भंडारण - आयातित स्टोर्स का बिना शुल्क निर्धारण के वेयरहाउस में भंडारण किया जा सकता है।
वेयरहाउस से बिना शुल्क चुकाए ऐसे स्टोर्स को निकाला जा सकता है जो विदेश गमन के लिए वाहन के प्रयोग के लिए हो।
आगे स्टोर्स को शुल्क चुकाने के बाद घरेलू उपयोग के लिए भंडारगृह से निकाला जा रहा है तो Bill of Entry जमा कराना आवश्यक है।
निर्यात के लिए स्टोर्स - भारत में उत्पादित या निर्मित स्टोर्स किसी विदेश गमन के लिए वाहन के प्रयोग के लिए सीमा शुल्क अधिकारी की पूर्व स्वीकृति से निर्यात किए जा सकते है, जो आवश्यक स्टोर्स की मात्रा का निर्धारण करेगा।
माल का डाक द्वारा आयात
आयातित स्टोर्स - आयात शुल्क चुकता स्टोर्स को विदेश गमन के लिए वाहन के प्रयोग के लिए स्टोर्स के रूप में पूर्ति किए जा सकते है। ऐसी पूर्ति की दशा में चुकाई गयी ड्यूटी का 98 प्रतिशत Duty Drawback स्वीकृत है। ईंधन तथा लुब्रिकेंट के मामले में चुकता शुल्क का 100 प्रतिशत duty drawback स्वीकृत है।
भारतीय नौसेना तथा तटरक्षक संगठन की आवश्यकता पूर्ति के लिए आयातित स्टोर्स बिना शुल्क चुकाए आयात किए जा सकते है। इसी प्रकार इनके चालक दल के सदस्यों को सेवा शर्तों के अधीन आयातित स्टोर्स की पूर्ति शुल्कमुक्त है। ऐसे स्टोर्स भंडारगृह से बिना शुल्क चुकाए निकाले जा सकते है या इन पर 100 प्रतिशत तक चुकाए गए शुल्क का duty drawback स्वीकृत है।
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