Sale Against Form C under Central Sales Tax in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में 'सी' फॉर्म के विरुद्ध विक्रय के बारे में जानेंगे।


'सी' फॉर्म के विरुद्ध विक्रय (Sale Against Form C)

केंद्रीय विक्रय कर अधिनियम के अंतर्गत व्यापारियों को क्रय विक्रय के दौरान विभिन्न घोषणा पत्रों का उपयोग करना पड़ता है। एक व्यापारी द्वारा क्रेता या विक्रेता को जारी किए जाने वाले ये घोषणा पत्र निर्धारित प्रारूप में होते है। इन घोषणा पत्रों को केंद्रीय विक्रय कर नियम, 1957 के अन्तर्गत निर्धारित स्वरूप प्रदान किया गया है। ये घोषणा पत्र A, B, C, E-I, E-II, F, G, H नाम से जाने जाते है। इन घोषणा पत्रों में से घोषणा पत्र C, E-I, E-II, F एवं H विक्रय कर प्राधिकारी द्वारा छपवाए जाते है एवं इनके द्वारा ही व्यापारियों को इन फार्म्स की पूर्ति की जाती है।


Sale Against Form C under Central Sales Tax in Hindi
Sale Against Form C under Central Sales Tax in Hindi



फॉर्म 'सी' की घोषणा - केंद्रीय विक्रय कर अधिनियम की धारा 8(1)(b) के अनुसार अन्तर्राजीय विक्रय पर विक्रय कर की दर 2 % है या राज्य में किए गए विक्रय पर विक्रय कर की दर, जो भी कम हो, अगर ऐसा विक्रय पंजीकृत व्यापारी को किया गया है तथा बेची गयी वस्तु क्रेता व्यापारी के पंजीकरण प्रमाण पत्र में दर्शायी गयी हो अन्यथा राज्य में किए गए विक्रय पर लागू विक्रय कर की दर लागू होगी।


धारा 8(4)(a) के अनुसार विक्रय कर, रियायती दर से चुकाने की पात्रता तभी होगी जबकि क्रेता व्यापारी द्वारा निर्धारित फॉर्म 'सी' जमा कर दिया जाए। अगर फॉर्म 'c' जमा नही किया जाता है तो विक्रय कर पूर्ण दर से ही देय होगा।


फॉर्म 'c' में दिया जाने वाला विवरण - क्रेता व्यापारी अपने प्रदेश के विक्रय पर अधिकारी से फॉर्म 'c' प्राप्त कर विक्रेता व्यापारी को भेजता है। फॉर्म 'c' में क्रेता व्यापारी द्वारा दिया जाने वाला विवरण इस प्रकार से है :

(अ) क्रेता व्यापारी का विक्रय कर पंजीकरण क्रमांक और इसकी वैधता।


(ब) वस्तुओं के सम्बन्ध में जानकारी जैसे क्रय आदेश क्रमांक, विक्रेता का बिल क्रमांक व दिनांक, रोकड़ पत्र क्रमांक व दिनांक, चालान क्रमांक व दिनांक आदि।


(स) वस्तु को क्रय करने का औचित्य जैसे पुनविक्रय के लिए, निर्माण या प्रक्रिया में उपयोग आदि के लिए या संवेषठन के लिए क्रय करता है।


(द) क्रेता व्यापारी उस राज्य में पंजीकृत है, जिस राज्य में वस्तु की सपुर्दगी दी जाएगी।


(य) विक्रेता का नाम व पता, विक्रेता के राज्य सहित।

घोषणा पत्र में क्रेता व्यापारी के अधिकृत हस्ताक्षर द्वारा इस बात का प्रमाण पत्र होना चाहिए कि उसके द्वारा दी गई जानकारी सत्य है। फॉर्म 'c' पर विक्रय कर प्राधिकारी की रबर सील लगी होनी चाहिए।


प्राधिकृत अधिकारी से अप्रयुक्त फॉर्म 'c' प्राप्त करना - क्रेता व्यापारी द्वारा विक्रय कर अधिकारी से अप्रयुक्त फॉर्म 'c' प्राप्त किए जा सकते है। ऐसे अप्रयुक्त फॉर्म उसी राज्य के अधिकारी से प्राप्त किए जाएंगे, जिस राज्य में वस्तु की सपुर्दगी ली जानी है, सामान्यतः यह वही राज्य होता है जहां पर की क्रेता व्यापारी पंजिकृत है। प्रपत्रों के हस्तांतरण द्वारा अन्तर्राजीय विक्रय की दशा में अगर क्रेता व्यापारी जिस राज्य में वह वस्तु की सपुर्दगी लेना चाहता है, वहां पर वह विक्रय कर अधिकारी के पास पंजीकृत नही है तो ऐसी स्थिति में वह अप्रयुक्त फॉर्म 'c' उस विक्रय पर अधिकारी से प्राप्त कर सकता है जहां पर की वह पंजीकृत है।

पुनः विक्रय की कर मुक्त शर्तें

अप्रयुक्त फॉर्म 'c' के लिए शुल्क - व्यापारी को अप्रयुक्त फॉर्म 'c' प्राप्त करने के लिए, फॉर्म 'c' की संख्या के आधार पर निश्चित राशि प्रति फॉर्म शुल्क चालान द्वारा जमा करवानी होगी तथा चालान की एक प्रति आवेदन के साथ संलग्न करनी होगी। 

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