काल श्रेणी का विश्लेषण

काल श्रेणी से अभिप्राय आंकड़ो के उस समूह से है जिन्हें समय के एक निश्चित माप जैसे दिन, सप्ताह, माह, वर्ष आदि के आधार पर इकट्ठा किया जाता है काल श्रेणी के अंतर्गत दो प्रकार के चर मूल्यों को सम्मिलित किया जाता है। 




Analysis of time series
Analysis of time series


  • स्वतन्त्र चर मूल्य
  • आश्रित चर मूल्य


स्वतन्त्र चर मूल्यों के द्वारा समय को दर्शाया जाता है जबकि आश्रित चर मूल्यों के द्वारा समय के साथ साथ दिए गए आंकड़ो जैसे जनसंख्या, उत्पादन, विक्रय आदि के मूल्यों में होने वाले परिवर्तनों को भी दर्शाया जाता है। 


काल श्रेणी विश्लेषण का महत्व

1) काल श्रेणी विश्लेषण की सहायता से विभिन्न आर्थिक चरो में होने वाले वर्तमान परिवर्तनों का विश्लेशन कर पाना सम्भव होता है। 


2) काल श्रेणी के माध्यम से व्यवसायकर्ता तथा अर्थशास्त्री आंकड़ो में हुए भूतकालीन परिवर्तनों का विश्लेषण कर सकते है। 


3) काल श्रेणी की सहायता से भूतकालीन परिवर्तनों का विश्लेषण करके, इस अनुभव के आधार पर भविष्य के सम्बन्ध में पूर्वानुमान लगाना सम्भव हो पाता है। 


4) काल श्रेणी विश्लेषण का महत्व सार्वभौमिक है काल श्रेणी की सहायता से किसान, क्रेता, सरकार आदि सभी वर्ग अपने अपने कार्यो को सफलतापूर्वक करने में सफल हो पाते है। 


5) काल श्रेणी विश्लेषण की उपयोगिता एक से अधिक काल श्रेणियो के पारस्परिक तुलनात्मक अध्ययन के लिए भी होती है काल श्रेणी विश्लेषण करके विभिन्न काल श्रेणी में होने वाले परिवर्तनों एवं इसके कारण व प्रभावों का अध्यन किया जा सकता है। 


6) काल श्रेणी के विश्लेषण की सहायता से व्यापारिक परिवर्तनों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इन जानकारी से व्यपारियो को अपना व्यवसाय नियंत्रित करने में सहयोग प्राप्त होता है व्यापारी इस अनुभव का लाभ उठाकर भावी हानि होने से बच सकता है। 


काल श्रेणी के संघटक

काल श्रेणी के संघटनो से आश्य उन परिवर्तनों से है जिनका प्रभाव काल श्रेणी पर पड़ता है। काल श्रेणी के चार घटको का वर्णन इस प्रकार है 

1) सेक्युलर ट्रेंड

2) सीजनल वेरिएशन अथवा मौसमी विचरण

3) साइक्लिकल वेरिएशन अथवा चक्रीय उच्चारण

4) इररेगुलर वेरिएशन


1) सेक्युलर ट्रेंड -  सेक्युलर ट्रेंड से आशय दीर्घकालीन समय मे किसी श्रेणी में वर्द्धि अथवा कमी की सामान्य प्रवर्ति से है।


2) सीजनल वेरिएशन अथवा मौसमी विचरण - सीजनल वेरिएशन से आशय एक काल श्रेणी में अल्पकाल समय अवधि अर्थात एक वर्ष के भीतर होने वाले उत्तर चढ़ाव से है। 


3) साइक्लिकल वेरिएशन अथवा चक्रीय उच्चारण -  साइक्लिकल वेरिएशन से आशय एक काल श्रेणी में निश्चित समय अवधि में होने वाले उतार चढ़ाव से है। 


4) इररेगुलर वेरिएशन - इररेगुलर वेरिएशन से आशय किसी काल श्रेणी में आकस्मिक कारणों से उतपन्न होने वाले अल्पकालीन उतार चढ़ाव से है। 


ये थी जानकारी काल श्रेणी के विश्लेषण के बारे में। अगर आपको जानकारी पसंद आई हो तो शेयर जरूर करना दोस्तों। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो की सहायता हो सके। 

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