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इस पोस्ट में अन्तर्राजीय व्यापार के अंतर्गत अपवाद के बारे में बताया गया है।
ऐसी दशाएं जिनमें अन्तर्राजीय व्यापार नही माना जाएगा
निम्नलिखित परिस्थितियों में माल को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर भी अन्तर्राजीय व्यापार के अंतर्गत विक्रय नही मानेंगे और CST के अंतर्गत करयोग्य नही होंगे :
Exception in Inter State Sales under Central Sales Tax in Hindi |
1. शाखा की माल भेजने पर - अगर एक व्यापारी द्वारा एक व्यापारिक स्थान से अपने दूसरे व्यापारिक स्थान पर माल भेजा जाता है जो इसे अन्तर्राजीय विक्रय नही मानेंगे।
2. माल प्रेषण पर भेजने पर - अगर व्यापारी ने एक राज्य से दूसरे राज्य में अपना माल बेचने के लिए भेजा हो तो इसे अन्तर्राजीय विक्रय नही मानेंगे।
3. एक ही राज्य में माल का स्थानांतरण - अगर माल का स्थानांतरण जिस राज्य में शुरू हुआ उसी में समाप्त हो जाता है, तो इसे केवल इसी आधार पर माल का एक राज्य से दूसरे राज्य को स्थानांतरण नही माना जाएगा कि माल ऐसे स्थानांतरण के दौरान किसी अन्य राज्य की सीमाओं से होकर गुजरता है।
4. फैक्ट्री से विक्रय स्थान पर माल भेजने पर - जब माल फैक्ट्री से गोदाम, व्यापारिक शाखा या विक्रय केंद्र को भेजा जाता है तो इसे अन्तर्राजीय विक्रय नही मानेंगे।
5. निर्यात विक्रय - भारत के सीमा शुल्क की क्षेत्रीय सीमाओं से बाहर माल का निर्यात कर दायित्व के लिए संगठित नही किया जाता है।
6. SEZ के पंजिकृत व्यापारी को विक्रय - विशेष शर्तों के अधीन विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र के पंजिकृत व्यापारी को माल का विक्रय CST से करमुक्त होता है।
आवर्त का निर्धारण
7. पश्चातवर्ती विक्रय - माल के अन्तर्राजीय विक्रय की दशा में माल के रास्ते मे होने पर अगर उसका विक्रय स्वामित्व के प्रपत्रों के हस्तांतरण द्वारा किसी अन्य पंजिकृत व्यापारी को विधिनुसार किया जाता है, तो ऐसा विक्रय CST मुक्त होता है।
8. निर्यात हेतु विक्रय - निर्यात किए जाने के लिए माल का विक्रय भी माना गया निर्यात होता है अगर ऐसा माल वास्तविक निर्यात से पूर्व अंतिम क्रय विक्रय व्यवहार था। ऐसा विक्रय निर्यात के लिए आदेश प्राप्त होने के पश्चात निर्यातित माल की पूर्ति के लिए किया गया हो।
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