आय कर प्राधिकारी (Income Tax Authorities)

आयकर अधिनियम को कार्यवर्णीत करने के लिए तथा आय कर विभाग का प्रशासन अच्छी तरह से चलाने के लिए भारत सरकार ने बहुत से प्राधिकारियों की वयवस्था की है। विभिन्न प्रकार के प्राधिकारी इस प्रकार है। 



Income Tax Authorities
Income Tax Authorities




1) प्रत्यक्ष करो का केंद्रीय बोर्ड

(1A) आय कर प्रधान महानिदेशक या आय कर प्राधान मुख्य कमिश्नर ।

2) आय कर प्रमुख निदेशक या मुख्य आय कर कमिशनर

(2A) आय कर प्रधान निदेशक या आय कर प्राधान कमिशनर

3) आय कर निदेशक या आय कर कमिशनर या आय कर कमिश्नर (अपील)

4) अतिरिक्त आय कर निदेशक या अतिरिक्त आय कर कमिशनर या अतिरिक्त आय कर कमिश्नर

5) संयुक्त आय कर निदेशक या संयुक्त आयकर कमिश्नर

6) उप निदेशक आय कर या उप कमिश्नर आय कर

7) सहायक निदेशक आयकर या सहायक कमिश्नर आयकर

8) आय कर अधिकारी

9) कर वसूली अधिकारी

10) आय कर निरीक्षक


प्रमुख निदेशक, मुख्य कमिश्नर तथा कमिश्नर के अधिकार

1) नियुक्ति का अधिकार - यदि केंद्रीय सरकार अधिकृत कर दे तो उपयुक्त उच्च पदाधिकारी सहायक कमिश्नर अथवा उप कमिश्नर से नीचे के आय कर पदाधिकारियों की नियुक्ति कर सकते है


2) स्टाफ की नियुक्ति करना - यदि बोर्ड अधिकृत कर दे, तो ये आय कर प्राधिकारी अपने कार्य को सुचारू रूप से करने के लिए 
आवश्यक स्टाफ की नियुक्ति कर सकते है। 


3) मामले का हस्तांतरण - इनको यह अधिकार है कि वह किसी मामले को अपने मातहत किसी कर निर्धारण अधिकारी से अपने ही मातहत किसी अन्य कर निर्धारण अधिकारी को हस्तांतरण कर दे।


4) जब्त करने अथवा कराने का अधिकार - बोर्ड द्वारा अधिकृत होने पर उपयुकत प्राधिकारी अथवा इन प्राधिकारियों द्वारा अधिकृत संयुकत निदेशक अथवा संयुक्त कमिश्नर अथवा सहायक निदेशक अथवा आय कर अधिकारी खोज तथा जब्त करने के3 सम्बंध में सब कदम उठा सकता है। 


5) जांच पड़ताल का अधिकार - यह इस अधिनियम के अंतर्गत सब प्रकार की जांच पड़ताल कर सकता है। और इस सम्बंध में उसे वे सब अधिकार होंगे, जो एक कर निर्धारण अधिकारी को जांच पड़ताल के सम्बंध में प्राप्त हो।


6) सूचना प्राप्त करने का आदेश देना - यदि मुख्य कमिश्नर को किसी करदाता के सम्बंध में कोई ऐसी सूचना प्रदत करने के लिए प्राथना पत्र प्राप्त हो, जो किसी आय कर प्राधिकारी को इस नियम के अंतर्गत अपने कर्तव्य पालन कर के के दौरान प्राप्त हुई हो और वह सन्तुष्ट हो कि ऐसी सूचना देना जनहित में है, तो वह आदेश दे सकता है कि ऐसी सूचना प्रार्थी को प्रदत्त की जाए।


7) पुर्नविचार का अधिकार - यदि कमिश्नर की सम्पत्ति में कर निरधारण अधिकारी द्वारा दिया हुआ कोई आदेश गलत हो तथा सरकारी राजस्व के लिए अहित कर है, तो वह उस आदेश पर पुर्नविचार करके न्यायोचित आदेश दे सकता है।
 

8) कुर्की करने की अनुमति देना - यदि कर निर्धारण अधिकारी की सम्पत्ति में सरकारी आय को सुरक्षित रखने के लिए यह आवश्यक है कि करदाता की किसी सम्पत्ति को कुर्क कर लिया जाए, तो उसे ऐसा आदेश देने से पूर्व प्रमुख निदेशक या मुख्य कमिश्नर या कमिश्नर की अनुमति लेनी होगी। 

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