Branding के बारे में जानकारी
दोस्तों आज हम बात करेंगे Brand के बारे में ।
Branding
सबसे पहले ब्रांड का अर्थ समझना होगा तो ब्रांड एक वस्तु या एक सेवा का वह नाम , चिन्ह या आकृति है जिसके द्वारा उस उत्पाद या सेवा को अन्य उत्पादों या सेवाओ से भिन्न करके पहचाना जा सकता है। एक क्रेता ब्रांड की सहायता से उत्पाद की पहचान कर सकता है तथा इससे विपननकर्ता की ख्याति में भी वृद्धि होती है। ब्रांड उत्पाद की गुणवत्ता, छवि, प्रमाप, मूल्य आदि को भी प्रकट करता है।
किसी भी उत्पाद की सफलता उचित ब्रांड निर्धारण पर निर्भर करती हैं । इसलिए ब्रांड का चयन बहुत ही सावधानी से व पर्याप्त सोच विचार करके ही किया जाना चाहिए। एक ब्रांड के चयन करते बहुत से घटको को विशेष महत्व दिया जाना चाहिए।
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Branding के बारे में जानकारी |
1) नाम - ब्रांड का नाम ऐसा होना चहिये जिस्से उस उत्पाद विशेष की विशेषता पर्दर्शित हो सके। उदहारण के लिए कोका कोला
2) आसानी से उच्चरनिय - एक अच्छे ब्रांड में यह विशेषता भी होनी चाहिए कि उस छोटे बच्चे, अनपढ़ व्यक्ति, ग्रामीण, शहर निवासी आदि सभी आसानी से उच्चरित कर सके। इसके अतिरिक्त ब्रांड का उच्चारण विभिन्न भाषाओं में एक समान होना चाहिए जैसे वीटा, ताज़महल ।
3) आसान पहचान - एक अच्छा ब्रांड आसानी से पहचानने योग्य होना चाहिए । आसान ब्रांड होने से ब्रांड की उपयोगिता बढ़ जाती है।
4) छोटा तथा सरल - ब्रांड का नाम छोटा तथा सरल होना चाहिए। इससे क्रेता इसे आसानी से समझ पायंगे। तथा लम्बे समय तक याद रख पायंगे।
5) कम खर्चीला - एक अच्छे ब्रांड के लिए यह भी आवश्यक है कि वह अधिक खर्चीला न हो। इसके विज्ञापन प्रदर्शन आदि पर व्यय न्यूनतम होना चाहिए।
6) सुझावात्मक - एक अच्छे ब्रांड में यह विशेषता भी होनी चाहिए कि वह क्रेता को एक विशेष कार्य करने या न करने के सम्बंध में सही सुझाव दे सके।
7) पंजीकरण योग्य - उत्पाद का ब्रांड नाम "trade and merchandise mark act, 1958" के अधीन पंजीकरण किए जाने योग्य होना चाहिए।
8) नारा प्रधान - ब्रांड नारा प्रधान होना चाहिए। नारा प्रधान ब्रांड से उत्पाद का विज्ञापन आसान हो जाता हैं
9) अश्लीलता रहित - अच्छा ब्रांड अश्लीलता रहित होना चाहिए। ब्रांड सामाजिक दृष्टि से विरोध करने योग्य नही होना चाहिएं
10) स्मरणीय - ब्रांड ऐसा होना चाहिए जिसे आसानी से लम्बे समय तक याद रख जा सके।
ब्रांड के बहुत से महत्व होते है।
- आसान पहचान
- ख्याति में वर्द्धि
- अधिक विक्रय मूल्य
- उत्पाद निष्ठा का सृजन
- अलग बाजार की स्थापना
- सरल विज्ञापन
- नए उत्पाद की सफलता का आधार
- उपभोक्ताओं के साथ सीधा सम्पर्क
- बाजार पर नियंत्रण आसान
- कीमत नियंत्रण
- जोखिम की कमी
- सुविधापूर्ण विजरी
- अधिक लाभ
- विक्रय सम्वर्धन व्यय नही
- आसान पहचान
- उत्पाद की उत्तम किस्म
- सिथर कीमते
- अधिकतम सन्तुष्टि
- अछि पैकेजिंग
- उत्पाद में निरंतर सुधार।
ब्रांड निर्धारण की विधियाँ
1) निर्माता के नाम पर ब्रांड निर्धारण - कई बार निर्माता अपने उत्पाद का नाम अपने स्वयं के नाम पर रखता है । इस प्रकार ब्रांड निर्धारण उस दशा में किया जाना चाहिए।
2) विशेष नाम - उत्पाद के नाम का निर्धारण करने की यह एक अन्य विधि है । इससे एक निर्माता अपने उत्पाद का ब्रांड निर्धारित करने के लिए एक विशेष नाम चयन करता है।
3) विशेष चिन्ह - ब्रांड निर्धारण की इस विधि के अंतर्गत निर्माता उत्पाद के लिए किसी नाम की बजाय एक चिन्ह विशेष का चयन विशेष का चयन करते है। जैसे - बीड़ी न 22, रथ घी आदि।
निष्कर्ष - तो दोस्तो ये थी जानकारी branding के बारे में। मैं निष्कर्ष के रूप में सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि ब्रांडिंग का आज के समय मे बहुत योगदान होता है क्योंकि लोग आजकल वस्तु को उसके ब्रांड के नाम से ही पहचानने लगे है इसलिए ब्रांडिंग का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान हो गया है हमारे जीवन मे।
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