सौदागर बैंकिंग (Merchant Banking)

वित्तीय बाजार में सौदागर बैंको की महत्वपूर्ण भूमिका है। सौदागर बैंक से आशय ऐसे व्यक्ति से है जो निर्गमन कम्पनी को पूंजी बाजार से पूंजी एकत्रित करने की सलाह देता है व सहायता प्रदान करता है। सौदागर बैंक पूंजी एकत्रित करने वाली कम्पनी व निवेशकर्ता के मध्य सम्बन्ध स्थापित करने वाली कड़ी के रूप में काम करता है। सौदागर बैंको को कई अन्य नामो से भी जाना जाता है, जैसे व्यापारिक बैंक, श्रेष्ठ बैंक, निवेश बैंक आदि। 




Merchant Banking
Merchant Banking


सौदागर बैंको के मुख्य कार्य

1) कार्यशील पूंजी सम्बन्धी कार्य - व्यापारी बैंकिंग का एक महत्वपूर्ण कार्य वित्त उपलब्ध कराने मे सहयोग करना होता है। व्यापारिक बेंकर द्वारा विशेष रूप से नई कम्पनियो के लिए , कार्यशील पूंजी के लिए वित्त उपलब्ध कराने में सहयोग डढ़िया जाता है। 


2) निवेशकर्ताओं के लिए पूर्व निवेश अध्यन करना - ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए व्यापारिक बैंकर कुछ चुने हुए क्षेत्रो का सम्भावित अन्वेषण करते है। इस अन्वेषण में उन सभी विदेशी कम्पनियो का भी अध्यन शामिल किया जाता है जो कि भारत मे संयुक्त पूंजी कम्पनियो में भाग लेने के लिए तैयार होती है। 


3) प्रोजेक्ट मिल - जब किसी व्यापारिक बैंकर द्वारा कोई विशेष प्रोजेक्ट सम्बन्धी स्किम को जारी किया जाता है। तो उसके द्वारा प्रोजेक्ट के कोशो से सम्बंधित एक वृस्तत पैकेज को परीक्षण करने में भी सहयोग किया जाता है। 


4) निर्गमन का प्रबन्ध - व्यापारिक बैंको के महत्वपूर्ण कार्यो मे से एक कार्य निर्गमनो का प्रबन्ध करना है। ये निर्गमन परविवर्ण द्वारा सावर्जनिक निर्गमन करके, विक्रय प्रस्ताव करने या निजी स्थापन आदि से सम्बंधित हो सकते है। प्रतिभूतियो के निजी स्थापन में वित्तीय संस्थाए कम्पनी के द्वारा निर्गमित किये गए पूर्वाधिकारो में प्रत्यक्ष रूप से अंशदान करती है। 


5) तकनीकी और प्रबन्ध से सम्बंधित सेवाएं -  व्यापारिक बैंकिंग द्वारा तकनीकी प्रबन्धकीय व वित्तीय क्षेत्रो में आने वाली मुश्किलों का सामना करने के लिए सेवाएं प्रदान की जाती है। प्रोजेक्ट के कार्य सम्पादन में होने वाली देरी को और कम्पनियो को दूर करने के लिए व्यापारिक बैंकर सभी तरह की सेवाएं प्रदान करते है। 


6) अभिगोपन में सहायक - नए निर्गमनो का अभिगोपन करना ओर कम्पनियो को नई पूंजी की उपलब्धता कराना व्यापारिक बैंकिंग के प्रमुख कार्यो में से एक कार्य होता है। जो कि आवश्यक भी होता है। 


7) जोखिम या साहस पूंजी - व्यापारिक बैंकिंग की एक नई प्रणाली जोखिम पूंजी है इससे अभिप्राय ऐसी जोखिम पूर्ण योजनाओ में किये गए निवेश से होता है जिसका उद्देश्य लाभ कमाने होता है।


8) पट्टे से सम्बंधित वित्त - व्यापारिक बैंकिंग का एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य अपने ग्राहकों को पट्टे पर ली गयी सम्पत्तियो को क्रय करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना होता है। पट्टा एक ऐसा समझौता होता है जिसके अंतर्गत पट्टेदाता पट्टेधारीअपनी किसी सम्पत्ति को एक निश्चित किराए के आधार पर उस सम्पत्ति को क्रय किये बिना ही उसे प्रयोग में करने का अधिकार दे देता है ।

Post a Comment