शेयर बाजार के पदाधिकारी
(Functionaries on Stock Exchange)

Introduction - पिछले कुछ वर्षों में भारत के सहायक बाजार के अधिकांश क्षेत्रो में बहुत अधिक विकास हुआ है। सूचीबद्धता कम्पनियो की संख्या, बाजार पंजीकरण, सकल राष्ट्रीय उत्पाद पर सूचीबद्ध कम्पनियो के बाजार मूल्य तथा अंशधारियों की संख्या आदि सभी मे वृद्धि हुई है। भारत मे 23 शेयर बाजार है जिनमे से 14 सार्वजनिक लिमिटेड कम्पनिया, 6 गारंटी द्वारा लिमिटेड कम्पनिया तथा 3 लाभ संगठन है। शेयर बाजार स्वयं कार्य नही करते बल्कि इनका नियंत्रण कुछ व्यक्तयो तथा संस्थाओ द्वारा किया जाता है। ये सब शेयर बाजार के पदाधिकारी कहलाते है। 




Functionaries on Stock Exchange
Functionaries on Stock Exchange


उप दलाल (Sub-Broker)

एक उपदलाल शेयर दलाल के एजेंट के रूप में कार्य करता है। वह बाजार का सदस्य नही होता। वह शेयर दलाल से प्रतिभूतियों के क्रय विक्रय तथा लेन देन में निवेशकों की सहायता करता है। दलाल तथा उप दलाल को एक समझौता करना चाहिए, जिनमे दोनो के दायित्व निर्धारित हो। उप दलाल, दलाल तथा निवेशक के बीच मध्यस्थ होता है। उप दलाल को प्रतिभूतियों का लेन देन करने के लिए SEBI में पंजीकरण करवाना चाहिए। SEBI में पंजीकरण करवाने के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी तथा समय समय पर बनाये गए नियमो नियमनों तथा आचार संहिता का अनुसरण करना होगा। 


शेयर दलाल ( Stockbrokers)

शेयर दलाल शेयर बाजार के सदस्य होते है ये वे व्यक्ति होते है जो प्रतिभूतियों में क्रय विक्रय तथा व्यवहार करते है। एक दलाल के रूप में कार्य करने के लिए SEBI से एक पंजीकरण प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य है। उसके लिए यह आवश्यक है कि वह नियम तथा नियमनों तथा उपनियमो का पालन करें। 


दलालो के अधिकार
(Broker's Rights)

1) ग्रहणाधिकार - दलालो को ग्राहकों के खाते में जमा रशु के विरुद्ध जो कि उसने उनसे लेनी होती है उसके विरुद्ध ग्रहणाधिकार, बराबर करने, प्रतिदावे अथवा प्रभार लेने का अधिकार प्राप्त होता है। 


2) केवल हस्तांतरण प्रपत्र मिलने पर प्रतिभूतियों के विक्रय के लिए इनकार करने का अधिकार - दलाल अपने ग्राहकों की तरफ से विक्रय की जाने वाली प्रतिभूतियों की कीमतों के 20 प्रतिशत लिए बिना उन प्रतिभूतियों को बेचने से इनकार कर सकता है। जब तक कि विक्रय से पहले वैध हस्तांतरण प्रपत्र न कर किया गया हो। 


3) सीमांत राशि प्राप्त किये बिना प्रतिभूतियों के क्रय के लिए इनकार करने - दलाल को यह अधिकार है कि जब तक ग्राहक 20 प्रतिशत सीमांत राशि का भुगतान नही करता या पहले से ही उसके बराबर ग्राहक की लेनदारी न हो तब तक वह प्रतिभूतियों के क्रय के लिए इनकार कर सकता है। लेकिन यह सीमांत अपेक्षा म्यूच्यूअल फंड तथा वित्तीय संस्थाओं पर लागू नही होती। 

4) अनुबन्ध करने का अधिकार - यदि ग्राहक नकद अंशो के सम्बन्ध में हुए अनुबन्ध की तिथि से 2 दिन तक भुगतान नही करता, कुछ निर्धारित अंशो की राशि के अनुबन्ध की तिथि 7 दिन तक या शेयर बाजार द्वारा निर्धारित तिथि से पहले जो भी पहले हो, भुगतान न किया हो तो दलाल प्रतिभूतियों को बेचकर क्रय लेन देन को समाप्त कर सकता है। इन लेन देनो में हुई हानि की राशि की क्षतिपूर्ति ग्राहक द्वारा दी गई सीमांत राशि मे से की जा सकती है।

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