सूचकांक या निर्देशक
(Index Numbers)

सूचकांक का अर्थ - सूचकांक से अभिप्राय दो अलग अलग समय अवधियों में सामान्य कीमत स्तर में होने वाले सापेक्षिक परिवर्तनों के अनुमान लगाने के लिए प्रयोग किये जाने वाले अंको से है। इसके अतिरिक्त, सूचकांकों का प्रयोग उन घटनाओं के सापेक्षिक मापन के लिए भी किया जाता है, जिन घटनाओं को प्रत्यक्ष रूप से न मापा जा सके। उदहारण के लिए , राष्ट्रीय आय, निर्वाह व्यय, व्यापारिक क्रियाज़ उत्पादन इत्यादि। सूचकांक एक सांख्यिकी विधि है। जिसे निर्देशांक भी कहा जाता है। 




Index Numbers
Index Numbers


सूचकांकों की विशेषताएं
( Features of Index Numbers)

1) सूचकांक द्वारा किसी भी तथ्य में होने वाले परिवर्तन का माप औसत के रूप में किया जाता है। 


2) सूचकांकों की सहायता से आधार तथा चालू वर्ष की स्थितियों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है। 


3) सूचकांक विभिन्न समूहों में होने वाले सापेक्ष परिवर्तनों का मापन करता है। 


4) सूचकांक सदैव संख्या के रूप में व्यक्त किंये जाते है। 


सूचकांकों के विभिन्न प्रकार
(Various Types of Index Numbers)

जिन तथ्यों के सम्बन्ध में परिवर्तनों का अनुमान लगाया जाना हो, उसी के आधार पर ही सूचकांकों का वर्गीकरण किया जाता है। सूचकांकों के बहुत से प्रकार है- 

1) कीमत सूचकांक - कीमत सूचकांक द्वारा कीमत या कीमत स्तर में होने वाले परिवर्तनों को मापा जाता है। इसके दो प्रकार है पहला थोक कीमत सूचकांक, दूसरा फुटकर कीमत सूचकांक।


2) मात्रा सूचकांक - मात्रा सूचकांकों की सहायता से वस्तुओ की भौतिक मात्राओं में होने वाली वृद्धि या कमी को मापा जाता है। जैसे कृषि उत्पादन सूचकांक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक आदि। 


3) जीवन निर्वाह सूचकांक - जीवन निर्वाह सूचकांक के माध्यम से स्थान विशेष पर जीवन यापन करने वाले किसी वर्ग विशेष के व्यक्तियों द्वारा निर्वाह के लिए किंये गए कुल व्यय में होने वाले परिवर्तनों की दिशा तथा मात्रा को मापा जाता है। जीवन निर्वाह सूचकांक को एक अन्य नाम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से भी जाना जाता है। 


4) कुल मूल्य सूचकांक - कुल मूल्य सूचकांक की सहायता दे भिन्न भिन्न दो समय अवधियों के कुल मूल्य में होने वाले परिवर्तन का तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है। उदहारण के लिए, विक्रय राशि के सूचकांक। 


5) विशेष उद्देशीय सूचकांक - किसी विशेष उद्देश्य को पूरा करने के लिए तैयार किये गए सूचकांक को विशेष उद्देशीय सूचकांक कहते है। उदहारण के लिए, उत्पादकता सूचकांक, राष्ट्रीय आय सूचकांक, विकास दर सूचकांक आदि। 


सूचकांकों के उपुयोग
(Uses of Index Numbers)

1) क्रय शक्ति में परिवर्तन का ज्ञान - मुद्रा की क्रय शक्ति में होने वाले परिवर्तनों को जानने के लिए सूचकांक का प्रयोग किया जाता है। अतः सूचकांक मुद्रा की क्रय शक्ति के मापन के लिए उपयोगी है। 


2) भविष्य के बारे में पूर्वानुमान - सूचकांकों की सहायता से भूतकाल में हुए परिवर्तनों की जानकारी मिलती है। भूतकाल सम्बन्धी इस जानकारी के प्राप्त होने से इसके आधार पर भविष्य सम्बन्धी अनुमान लगाए जा सकते है। भविष्य के बारे में पूर्वानुमान लगाये जाने के कारण ही सिम्पसन व काफ्का ने सूचकांकों को बेरीमीटर कहा है। 


3) तुलनात्मक अध्ययन - सूचकांकों का प्रयोग विभिन्न तथ्यों के तुलनात्मक अध्ययन के लिए किया जाता है।  सूचकांक इन तथ्यों में परिवर्तन को सापेक्ष रूप में मापता है। यह तुलनात्मक अध्ययन विशेष स्थान एवं समय के आधार पर किया जाता है। 


4) मजदूरी, वेतन व महंगाई भत्ते का उचित निर्धारण - श्रमिको को भुगतान की जाने वाली मजदूरी, कर्मचारियो को भुगतान किए जाने वाले वेतन तथा महंगाई भत्ते का उचित निर्धारण करने में भी सूचकांकों का विशेष महत्व है। 

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