OTCEI and NSE
Introduction - भारत मे 23 मान्यता प्राप्त शेयर बाजार है। देश के प्रत्येक शहर में प्रतिभूतियों के व्यापार को विस्तृत करके सहायक बाजार को प्रोत्साहित करने OTCEI तथा NSE की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है। शेयर बाजार का कार्य मुम्बई में आरम्भ हुआ तथा एक लंबे समय तक बड़े शहरों तक ही सीमित रहे परन्तु अब ये 23 शेयर बाजार विभिन्न राज्यो में स्थित है। अतः प्रतिभूति अब निवेशकों की पहुंच में है। OTCEI तथा NSE की स्थापना के कारण अब देश मे निवेशक आसानी से प्रतिभूति बाजार तल पहुंच सकते है।
OTCEI
OTCEI की स्थापना कम्पनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत अक्टूबर 1990 में हुई। यह 1992 में क्रियान्वित की गई। इसे प्रमुख वित्तीय संस्थाओं के संघ द्वारा प्रोत्साहित किया गया है जैसे, IDBI, ICICI, IFSC, LIC, GIC तथा इनकी सहायक, UTI आदि। यह प्रतिभूति नियंत्रण अधिनियम 1956 कर अंतर्गत एक मान्यता प्राप्त शेयर बाजार है। यह भारत का पहला ऐसा शेयर बाजार है जिसने स्क्रीन आधारित व्यापार प्रणाली आरम्भ की।
OTCEI and NSE |
OTCEI के उद्देश्य(Objectives of OTCEI)
1. निवेशकर्ताओं को शीघ्र तरलता प्रदान करना।
2. छोटे निवेशकर्ताओं को स्थायी एवं उचित कीमतों पर प्रतिभूतियां उपलब्ध करवाना।
3. छोटी कम्पनियो या जिन प्रतिभूतियों का कम व्यापार होता है उन्हें तरलता प्रदान करना।
4. क्रय तथा विक्रय की प्रक्रियाओं को सरल बनाना।
5. जोखिमपूर्ण परन्तु व्यवहार्य प्रतिभूतियों में लोगो की रुचि पैदा करना।
6. नए निर्गमनो को सार्वजनिक विक्रय के आसन तथा मितव्ययी साधन उपलब्ध करवाना।
7. उन कम्पनियो की प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध करना जो बड़े शेयर बाजारों के सूचीबद्धता शुल्क देने में असमर्थ हो।
NSE (राष्ट्रीय शेयर बाजार) (National Stock Exchange)
राष्ट्रीय शेयर बाजार की स्थापना नवम्बर 1992 में कई गयी तथा 3 नवम्बर 1994 को बंबई में पूंजी बाजार खण्ड में क्रियान्वित किया गया। इसकी उत्पत्ति फेरवानी समिति के सुझावों द्वारा हुई। इस अध्ययन समिति ने जून 1991 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा नई मुम्बई में आदर्श राष्ट्रीय शेयर बाजारों की स्थापना के सुझाव दिए। इसने NSE द्वारा एक राष्ट्रीय बाजार स्थापित किये जाने का भी सुझाव दिया।
NSE की विशेषताएं(Features of NSE)
1) सूक्ष्म ढांचे तथा बाजार व्यवहारो में सुधार के लिए एक उत्प्रेरक एजेंट के रूप में कार्य कर रहा है।
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