Filing of Return of Income के बारे में जाने


हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में हम आयकर विवरणी का दाखिल करने के बारे में जानेंगे।


आयकर विवरणी का दाखिल करना (Filing of Return of Income)


(A) स्वेच्छा से आयकर विवरणी का दाखिल करना


1. व्यक्ति या हिन्दू अविभाजित परिवार द्वारा आयकर विवरणी को दाखिल करना :

(अ) यदि किसी व्यक्ति या हिन्दू अविभाजित परिवार की आय कर मुक्त सीमा से अधिक है तो उसे आयकर विवरणी को दाखिल करना होगा।


(ब) व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की आय पर भी प्रतिनिधि के रूप में कर देने के लिए दायी है तो उसे ऐसी दशा में भी आयकर विवरणी को दाखिल करना होगा।



filing of Return of income के बारे में जाने
filing of Return of income के बारे में जाने




प्रत्येक व्यक्ति, हिन्दू अविभाजित परिवार, व्यक्तियों का संघ या समूह या कृत्रिम व्यक्ति को अपनी आयकर विवरणी या दूसरे व्यक्ति की आयकर विवरणी जिसकी आय पर वह प्रतिनिधि के रूप में कर देने का उत्तरदायी है, दायित्व करना जरूरी होगा बशर्ते आय धाराएं 80 C से 80 U के अंतर्गत कटौती देने से पहले कर मुक्त सीमा से अधिक हो।




कर मुक्त सीमा ( कर निर्धारण वर्ष 2015-16) -

(i) एक व्यक्ति


(क) वरिष्ठ नागरिक 3,00,000 ₹

(ख) अति वरिष्ठ नागरिक 5,00,000 ₹

(ग) अन्य व्यक्ति 2,50,000 ₹


(ii) हिन्दू अविभाजित परिवार AOP or BOI - 2,50,000 ₹



2. कंपनी एवं फर्म द्वारा आयकर विवरणी को दाखिल करना - प्रत्येक कंपनी एवं फर्म को देय तिथि तक गत वर्ष की अपनी आय/हानि की विवरणी को दाखिल करना अनिवार्य है।


3. साधारण निवासी व्यक्ति, जिसकी भारत के बाहर कोई आस्ति है, द्वारा आयकर विवरणी दाखिल करना - भारत मे साधारण निवासी व्यक्ति को (i) जिसकी गत वर्ष में भारत के बाहर कोई आस्ति है या (ii) उसे भारत के बाहर स्थित किसी खाते में हस्ताक्षर करने का अधिकार है, देय तिथि तक गत वर्ष की अपनी आय/हानि की विवरणी की दाखिल करना जरूरी है।


आयकर विवरणी को दाखिल करने की देय तिथि - आयकर विवरणी को निम्न तिथि तक दाखिल कर दिया जाना चाहिए :

(अ) (i) कंपनी की दशा में - कर निर्धारण वर्ष की 30 सितंबर


(ii) करदाता जिसे धारा 90 D के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय संव्यवहार के सम्बन्ध में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है - कर निर्धारण वर्ष की 30 नवम्बर 


(iii) कंपनी के अतिरिक्त ऐसे करदाता जिनके खातों के अंकेक्षण या ऐसी फर्म में कार्यशील साझेदार जिसके खातों के अंकेक्षण इस अधिनियम या किसी अन्य अधिनियम के अंतर्गत कराना जरूरी है - कर निर्धारण वर्ष की 30 सितंबर 


(ब) अन्य किसी दशा में - कर निर्धारण वर्ष की 31 जुलाई।

अर्थ दण्ड - कर निर्धारण वर्ष की सम्पत्ति तक आयकर विवरणी दाखिल न करने पर 5,000 ₹ अर्थ दण्ड लगेगा।


आयकर विवरणी को दाखिल करने से छूट - केंद्रीय सरकार अधिसूचना जारी कर व्यक्तियों के किसी वर्ग या किन्ही वर्गों को अधिसूचना में निर्दिष्ट शर्तों को ध्यान में रखते हुए आयकर विवरणी दाखिल करने से छूट दे सकती है।



(B) अनिवार्य रिटर्न दाखिल करना

यदि कोई करदाता देय तिथि तक आय का रिटर्न दाखिल नही करता तो कर निर्धारण अधिकारी उसे नोटिस देकर रिटर्न दाखिल करने का निर्देश दे सकता है। ऐसा रिटर्न उस अवधि में दाखिल करना होगा जो नोटिस में सूचित की गई है। यदि वह इस अवधि में रिटर्न दाखिल नही करता तो उस पर धारा 234 A के अंतर्गत ब्याज लगाया जायेगा।



Electronic Form में रिटर्न दाखिल करना


बोर्ड Electronic form में रिटर्न दाखिल करने के लिए निम्न के सम्बन्ध में नियम बना सकता है :

(i) किस वर्ग या किन्ही वर्गों के व्यक्तियों को electronic form में रिटर्न दाखिल करना होगा


(ii) किस वर्ग तथा किस प्रकार electronic form में रिटर्न दाखिल करना होगा


(iii) कौन कौन से दस्तावेज विवरण, रसीदें, प्रमाण पत्र या अंकेक्षण रिपोर्ट रिटर्न के साथ दाखिल नही की जयगी, परन्तु कर निर्धारण अधिकारी द्वारा मांगने पर प्रस्तुत करनी होगा


(iv) किस computer resource या electronic record द्वारा electronic form में रिटर्न दाखिल किया जा सकेगा।



आयकर विवरणी किसे सत्यापित करनी होगी

आयकर विवरणी निम्न व्यक्ति सत्यापित करेंगे :

(क) एक व्यक्ति की दशा में

(i) वह व्यक्ति व्यय

(ii) यदि वह व्यक्ति भारत के बाहर गया हुआ हो तो उसके द्वारा इस सम्बंध में अधिकृत व्यक्ति

(iii) यदि उस व्यक्ति का मस्तिष्क ठीक नही है तो उसका संरक्षक

(iv) यदि किसी अन्य कारण से उस व्यक्ति को सत्यापित करना सम्भव नही है तो कोई भी व्यक्ति, जो इस सम्बंध में अधिकृत हो, सत्यापित कर सकता है।


(ख) हिन्दू अविभाजित परिवार - परिवार का कर्ता या परिवार का अन्य कोई वयस्क व्यक्ति।


(ग) कंपनी - उसके प्रबन्ध संचालक द्वारा या यदि किसी कारणवश प्रबन्ध संचालक सत्यापित न कर सके या उस कंपनी में कोई प्रबन्ध वाले साझेदार न हो, तो किसी भी संचालक द्वारा।


(घ) फर्म - प्रबन्ध करने वाले साझेदार द्वारा, या अन्य किसी वयस्क साझेदार द्वारा।


(ङ) सीमित दायित्व वाली फर्म - अभिहित साझेदार द्वारा, या अन्य किसी साझेदार द्वारा।


(च) स्थानीय सत्ता - इसके प्रमुख अधिकारी द्वारा


(छ) राजनीतिक पार्टी - पार्टी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा।


(ज) कोई अन्य संगम - संगम के प्रमुख अधिकारी या किसी सदस्य द्वारा।

(झ) अन्य दशा में सक्षम या अधिकृत व्यक्ति। 

Post a Comment